1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

समुद्र में मछलियां कम, प्लास्टिक ज्यादा

ओएसजे/एमजे (एएफपी)२२ जनवरी २०१६

महासागरों में 2050 तक मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक का कचरा होगा. पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाला 95 फीसदी प्लास्टिक सिर्फ एक बार इस्तेमाल होने के बाद सीधे समंदर में पहुंच रहा है.

https://p.dw.com/p/1Hi7h
तस्वीर: FARS

एलन मैकआर्थर फाउंडेशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लास्टिक के निपटारे के लिए क्रांतिकारी कदम तुरंत उठाए जाने चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो 35 साल बाद महासागरों में मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक होगा. रिपोर्ट के मुताबिक हर साल कम से कम 80 करोड़ टन प्लास्टिक समंदर में जा रहा है, यानि हर मिनट करीब एक ट्रक प्लास्टिक महासागरों में समा रहा है.

रिपोर्ट कहती है, "अगर कोई कदम नहीं उठाया गया तो 2030 तक हर मिनट दो ट्रक प्लास्टिक और 2050 तक हर मिनट चार ट्रक प्लास्टिक समंदर में जाएगा." पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक सबसे ज्यादा परेशानी खड़ी कर रहा है.

कई संस्थाओं के साथ किए गए शोध में यह भी पता चला है कि प्लास्टिक की बेहतर रिसाइक्लिंग नहीं की जा रही है. प्लास्टिक पैकेजिंग का उद्योग 80 से 120 अरब डॉलर का है. इस उद्योग का 95 फीसदी प्लास्टिक पहली बार इस्तेमाल करने के बाद फेंका जा रहा है. फिलहाल महासागरों में करीब 15 करोड़ टन प्लास्टिक है.

Infografik Mehr Plastik im Meer als Fisch Englisch

भयावह होता संकट

रिपोर्ट कहती है कि अगर यही स्थिति जारी रही तो, "2025 तक तीन टन मछलियों के बीच एक टन प्लास्टिक होगा और 2050 तक मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक होगा." समुद्र के नमकीन पानी में तैरता प्लास्टिक सूर्य की तेज रोशनी में टूटने लगता है. विघटन के बाद यह सूक्ष्म प्लास्टिक बड़े समुद्री इलाके में फैल जाता है.

समुद्रों को फिर से स्वस्थ बनाने के लिए पैकेजिंग उद्योग, माल उत्पादकों, प्लास्टिक उत्पादकों और ग्राहकों के व्यवहार में बड़े बदलाव करने होंगे. रिपोर्ट में समुद्रों की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र सहयोग संस्था बनाने की भी मांग की गई है.

वैज्ञानिक इस बात की चेतावनी दे चुके हैं कि समुद्र में प्लास्टिक के विघटन का असर इंसान समेत कई जीवों के आहार चक्र पर पड़ सकता है. जर्मनी के अल्फ्रेड वेगेनर इंस्टीट्यूट के जीव विज्ञानियों के मुताबिक उन्हें प्लास्टिक के सूक्ष्म टुकड़े कुछ मछलियों और समुद्री जीवों के पेट में मिले.

उत्तरी सागर और बाल्टिक सागर के जर्मन तट पर वैज्ञानिकों ने इंसानी आहार बनने वाली अलग अलग किस्म की 290 मछलियां पकड़ीं. मैकरेल मछली के पेट में उन्हें 13 से 30 फीसदी प्लास्टिक मिला. वैज्ञानिकों के मुताबिक अलग अलग इलाके की मछलियों के पेट में प्लास्टिक की अलग अलग मात्रा हो सकती है.