पुतिन का 'टॉपलेस' विरोध
८ अप्रैल २०१३जिस समय पुतिन फोल्क्सवागेन की नई कार का प्रेजेन्टेशन देख रहे थे कि चार टॉपलेस महिलाओं ने पुतिन को 'तानाशाह' कहते हुए विरोध में नारे लगाने शुरू किए लेकिन तुरंत ही सुरक्षा कर्मचारियों ने इन्हें हिरासत में ले लिया. रूस ने इन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने की मांग की है.
हनोवर में चल रहे उद्योग मेले में इस साल अतिथि देश रूस है. मेला देखने के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मैर्केल ने रूस में अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों की जांच का कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा, मैंने महसूस किया है कि हम एक जीवंत समाज की पैरवी करते हैं. "राजनीतिक मुद्दों पर काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों की जांच के बारे में हमने बात की. मैंने
आशंका जताई कि इस कारण एनजीओ का जैसा काम हम चाहते हैं, वे नहीं कर पाएंगे."
वहीं पुतिन ने जोर दिया कि जांच बिलकुल सही और रूस का अधिकार है कि वह अपनी जमीन पर काम कर रहे विदेशी संगठनों की जांच करे. उन्होंने पूछा कि क्या संगठनों को दिया जाने वाला पैसा कहीं और बेहतर काम के लिए नहीं लगाया जा सकता. "वह पैसा, हजारों लॉखों डॉलर कोई छोटी रकम नहीं है. हम उन्हें मुश्किल में पड़े देशों, जिनमें साइप्रस भी शामिल हैं. उनके लिए लगा सकते हैं. फिर परेशान हो रहे डिपॉजिटर्स को निचोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी."
टॉपलेस विरोध के बारे में सवाल पूछने पर बड़ी सी मुस्कान देते हुए उन्होंने कहा, "बेहतर होगा कि हम क्रम न बिगाड़ें. अपने कपड़े लोग न्यूड बीच पर जा कर उतारें."
संवाददाता सम्मेलन में दोनों ही नेताओं ने उत्तर कोरिया के बारे में टिप्पणी दी और अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण आगे बढ़ाने का स्वागत किया. पुतिन ने कहा, हमें अमेरिका को इस कदम के लिए धन्यवाद देना चाहिए. क्योंकि कोरियाई प्रायद्वीप में किसी भी तरह का सैन्य विवाद 1986 के चेरनोबिल दुर्घटना से बहुत बुरा हो सकता है.
वहीं मैर्केल ने बताया कि दोनों पक्षों ने सीरिया में जारी गृहयुद्ध पर भी चर्चा की."मैंने महसूस किया कि यूरोपीय संघ और रूस के विचारों में काफी अंतर है. रूस अभी भी राष्ट्रपति बशर अल असद का समर्थन करता है."
उन्होंने फिर से संकट का राजनीतिक हल निकालने की बात दोहराई. पुतिन ने अपने पुराने बयान पर बरकरार रहते हुए कहा, "मेरा विचार है कि हमें विवाद में शामिल दोनों पक्षों को हथियारों की सप्लाई पूरी तरह बंद करने की कोशिश करनी चाहिए. यह पहली बात और दूसरी कि जब वो कहते हैं कि रूस किसी तरह के हथियार दे रहा है तो हम संवैधानिक रूप से चुनी गई सरकार को दे रहे हैं और यह किसी अंतरराष्ट्रीय फैसले के खिलाफ नहीं है. लेकिन हम साथ बैठने और बहस के लिए तैयार हैं कि कैसे इस खून खराबे से बचा जाए. सच्चाई यह है कि दोनों पक्ष यही चाहते हैं."
एएम/एनआर (एएफपी, डीपीए)