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हर जगह से आई अमन की अपील

३० सितम्बर २०१०

सबकी नजरें हाईकोर्ट के फैसले पर हैं. सन्नाटा छाया हुआ है, लेकिन लोग पूछ रहे हैं कि यह अमन की ओर इशारा कर रहा है या कातिलों की ओर. चारों ओर से अपीलें की जा रही है शांति बनाए रखने के लिए.

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मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखनातस्वीर: APImages

सामने आए हैं कलाकार, बुद्धिजीवी और अन्य सार्वजनिक व्यक्तित्व. बॉलीवूड के मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने कहा है, हम इस मुल्क में शानदार चीजों के होने के दौर में हैं. अब गुजरे दौर में वापसी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म आपस में बैर या हिंसा की सीख नहीं देता. अमन और भाईचारा होना चाहिए. उन्होंने ध्यान दिलाया कि वे सभी धर्मों के त्योहारों में भाग लेते हैं.

Flash-Galerie Mächtige Politikerinnen Sonja Gandhi
धरोहर है समरसता की संस्कृतितस्वीर: AP

शाहरुख खान ने एक बयान में कहा है कि भारत को इसे ऐसे एक फैसले के रूप में देखना चाहिए जिसे अमन और आपसी प्यार की भावना से स्वीकारना किया जाए.

अभिनेता जॉन अब्राहम ने लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और दुनिया को दिखा दें कि भारत एक लोकतंत्र है.

इस बीच गृहमंत्री पी चिदंबरम तीसरी बार पत्रकारों से मिले और उन्होंने फिर एकबार अपील की कि शांति व्यवस्था बनाए रखी जाए. उन्होंने कहा कि 1992 के बाद मुल्क काफी आगे बढ़ चुका है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बयान में ध्यान दिलाया कि लगभग सारा मुल्क न्यायपालिका की निष्पक्षता पर भरोसा करते हुए अदालत के फैसले को स्वीकार करना चाहता है. उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता और समरसता की संस्कृति भारत की सबसे कीमती धरोहर है.

भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी ने भी एक वक्तव्य में कहा है कि अतीत अब अतीत हो चुका है. उसे आज के दौर का बोझ नहीं बनाना चाहिए. उनके उपन्यास आधी रात के बच्चे में देश विभाजन के बाद के सांप्रदायिक माहौल की भी चर्चा की गई है.

सरकार ने समाचार साधनों, खासकर 24 घंटों समाचार प्रसारण करने वाले टीवी चैनलों से भी अपील की है कि वे रिपोर्टों में संयम का परिचय दें.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: वी कुमार