हसन अली के खिलाफ 'लुक आउट सर्कुलर'
५ मार्च २०११निदेशालय ने सर्कुलर इसलिए जारी किया है ताकि हसन अली जांच एजेंसियों के शिकंजे से दूर नहीं जा सकें. 2009 में भी उनसे 50 हजार करोड़ रुपये के बकाया टैक्स की मांग की जा चुकी है. हसन अली खान को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के सामने 7 मार्च को पेश होना है.
हसन अली पर आरोप है कि उन्होंने विदेशी बैंकों में 8 अरब डॉलर जमा किए हैं. उनके खिलाफ धन के अवैध लेन देन, नकद राशि और मूल्यवान संपत्तियों को गैरकानूनी तरीके से देश के बाहर भेजने और इस काम में विदेशी नागरिकों की मदद लेने के मामले में जांच चल रही है.
2009 में हसन अली को भारी भरकम राशि टैक्स के रुप अदा करने का निर्देश दिया गया. हसन अली पर बकाया टैक्स करीब 40 हजार करोड़ रुपये बताया जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह कहते हुए लताड़ लगाई है कि काला धन रखने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की इच्छा शक्ति उसके पास नहीं है.
कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि अगर जांच एजेंसियों के पास हसन अली और अन्य लोगों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं तो अभी तक हिरासत में पूछताछ क्यों नहीं हुई. कोर्ट ने गुस्से में पूछा, "इस देश में हो क्या रहा है."
11 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश किया कि काला धन रखने का आरोप हसन अली देश छोड़कर न जा पाए. सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि हसन अली और अन्य लोगों से पूछताछ के लिए जांच टीमें समन भेजने की तैयारी कर रही हैं. इनकम टैक्स और आर्थिक मामलों के अपराध की जांच करने वाले विभाग की टीमें मिलकर पूछताछ कर सकती हैं.
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने देश भर में एक एलर्ट जारी किया जिसमें हसन अली के निवेश और धन के लेनदेन पर जानकारी हासिल करने का प्रयास किया गया. हसन अली पर गैरकानूनी ढंग से निवेश करने और हवाला में शामिल होने का आरोप है.
प्रवर्तन निदेशालय और अन्य राज्यों की जांच एजेंसियां हसन अली की संपत्ति का ब्योरा जुटाने की कोशिश कर रही हैं. 18 फरवरी को हसन अली मुंबई में इनकम टैक्स अधिकारियों के सामने पेश हो चुके हैं.
टैक्स वसूलने के लिए विदेश में हसन की संपत्तियों को नीलाम किया जा सकता है. जनवरी 2007 में इनकम टैक्स विभाग ने पुणे में हसन अली के घर पर छापा मारा. इसके अलावा हैदराबाद और मुंबई में भी छापेमारी की कार्रवाई हुई.
इनकम टैक्स विभाग ने वो दस्तावेज भी जब्त कर लिए जिसमें यह पता चलता है कि ज्यूरिख के यूबीएस बैंक अकाउंड में उनके 8 अरब डॉलर जमा है. हालांकि बैंक ने इससे इनकार किया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए जमाल