हेडली के कबूलनामे पर अमेरिका की टिप्पणी नहीं
१५ जुलाई २०१०इस मुद्दे पर जब अमेरिका से राय मांगी गई, तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पीजे क्राउले ने कुछ भी कहने से मना कर दिया. क्राउले ने कहा, "मुझे नहीं मालूम कि मैं यहां से क्या टिप्पणी कर सकता हूं. मैं अगर कुछ कहता हूं तो उससे या तो जांच पर असर पड़ सकता है या फिर कानूनी प्रक्रिया में बाधा आ सकती है."
भारतीय जांच एजेंसी एनआईए की चार सदस्यों वाली टीम ने जून में डेविड हेडली से हफ्ते भर लंबी पूछताछ की थी. पाकिस्तानी मूल के हेडली ने पहले ही इस बात को कबूल कर लिया है कि वह मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों की साजिश से जुड़ा रहा है. हेडली ने यह भी माना था कि वह कई बार पाकिस्तान जाकर ट्रेनिंग ले चुका है. लंबे अनुरोध के बाद अमेरिका ने भारतीय जांच एजेंसी को उससे पूछताछ की इजाजत दी थी.
भारत की एनआईए टीम लोकनाथ बेहरा की अगुवाई में अमेरिका गई थी, जहां उसने हेडली से पूछताछ की थी. इससे पहले अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने इस बात को सामने लाया था कि मुंबई के आतंकवादी हमलों की साजिश रचने में हेडली का बड़ा हाथ था.
भारत का दावा है कि हेडली ने पूछताछ में बताया है कि मुंबई हमलों की साजिश पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की देखरेख में रची गई और आईएसआई इन हमलों पर पूरी तरह से नजर रखे हुए था. भारत के गृह सचिव ने इस बात का दावा किया है. उनका बयान ऐसे वक्त में आया है, जब भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा पाकिस्तान जाकर पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मुलाकात कर रहे हैं.
कृष्णा ने भी पाकिस्तान पर इस बात का दबाव बनाया है कि वह 26/11 के सिलसिले में आरोपियों पर तेजी से कार्रवाई करे. भारत का दावा है कि लश्कर ए तैयबा का सरगना हाफिज सईद भी इस हमले से जुड़ा है. हालांकि पाकिस्तान इस बात से इनकार करता है. भारत ने सबूतों के तौर पर पाकिस्तान को कई दस्तावेज पहले ही सौंपे हैं, लेकिन पाकिस्तान का कहना है कि ये पर्याप्त नहीं हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः आभा एम