हेडली पर जानकारी नहीं मिलने से भारत दुखी
२८ अक्टूबर २०१०भारत ने कहा है कि मांगी गई जानकारी के नहीं मिलने से वह दुखी है तो अमेरिका इस बात पर बना हुआ है कि वह लगातार और नियमित रूप से भारत को जानकारी दे रहा है.
भारत के गृह सचिव जीके पिल्लई ने कहा कि भारतीय एजेंसियां 'हताश' हैं कि डेविड हेडली पर उन्हें जरूरी जानकारी नहीं दी गई. जबकि भारत में अमेरिकी दूत टिमोथी जे रोमर ने पत्रकारों से कहा कि अमेरिका भारत को 26/11 के हमलों के पहले से नियमित जानकारी दे रहा है. "अमेरिका ने भारत सरकार के साथ मुंबई हमलों के पहले से ही नियमित और जरूरी खुफिया जानकारी साझा की है और मुंबई हमलों के बाद भी हम जानकारी दे रहे हैं. अब ऐतिहासिक और बेमिसाल हो गई है. यह हर दिन जिंदगियां बचा रही है."
जबकि पिल्लई का कहना है कि अमेरिका ने भारत को जरूरी जानकारी नहीं दी वरना हमले के पहले दूसरी बार भारत आने पर हेडली को गिरफ्तार किया जा सकता था. 9/11 आयोग का सदस्य होने के अपने अनुभव को साझा करते हुए रोमर ने कहा, "जब भारत ने हेडली से पूछताछ की अनुमति मांगी, हमने दे दी क्योंकि भारत हमारा रणनीतिक साझेदार और दोस्त है. एक ऐसा साथी है जिसके साथ हम खुफिया जानकारी नियमित तौर पर साझा करते हैं. भारत हेडली के साथ बैठकर पूछ सकता है कि मुंबई के पहले क्या हुआ. हमें इस बात का डर नहीं है कि वह क्या कहेगा. हमने भारत को मौका दिया है कि उन्हें जो भी पूछना हों वह पूछे."
भारत का कहना है कि अमेरिका ने मुंबई हमले के पहले किसी तरह की सटीक सूचना नहीं दी बल्कि सामान्य जानकारी साझा की. भारत की विदेश सचिव निरुपमा राव का कहना है, "पिछले कुछ महीनों में जब से हेडली का मामला उठा है हमने अमेरिकी अधिकारियों के साथ जांच के मामले में बातचीत की है. 26/11 के पहले हमारे पास सामान्य जानकारी के अलावा कुछ नहीं था."
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हेडली की पत्नियों ने अमेरिकी अधिकारियों को कहा था कि उनका पति आतंकी है लेकिन अमेरिका ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जबकि अमेरिका का कहना है कि उनकी पत्नियों ने सटीक जानकारी पेश नहीं की. कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हेडली की दो पत्नियों ने अमेरिकी अधिकारियों को बताया था कि हेडली एलईटी के साथ काम कर रहा है लेकिन अमेरिका ने इस पर ध्यान नहीं दिया और इस बारे में कोई जानकारी भारत को भी नहीं दी.
रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम
संपादनः ओ सिंह