1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

हैकरों के निशाने पर सोशल नेटवर्किंग साइट्स

२ फ़रवरी २०१०

कंप्यूटर हैकरों की नज़रें अब सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर हैं. यह दावा अमेरिका की एक कंप्यूटर सिक्योरिटी फ़र्म ने किया है. फ़र्म का कहना है कि हैकर फेसबुक और ट्विटर के ज़रिए व्यक्तिगत जानकारियां चुराने में लगे हैं.

https://p.dw.com/p/Lp2m

सैन फ्रांसिस्को की कंप्यूटर सिक्योरिटी फ़र्म सोफोस ने जांच के आधार पर कई नसीहतें दी हैं. सोफोज़ के मुताबिक सोशल नेटवर्किंग साइट्स में स्पैम मैसेज़ के मामले बढ़े हैं और इन्हीं के ज़रिए कई वायरस इधर उधर भेजे जा रहे हैं. फ़र्म का कहना है कि फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग की वेबसाइट्स पर ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं.

सोफोस के मुताबिक इस साल अब तक सामाजिक नेटवर्किंग की साइट्स में अनचाहे और अंजाने मेल भेजने के मामले क़रीब 71 फ़ीसदी बढ़े हैं. 36 फ़ीसदी यूज़र्स ने भी माना है कि उन्हें अटपटे वायरस, मेलवेयर और अन्य प्रोग्राम न जाने किसने भेजे हैं.

BdT Deutscher facebook Auftritt online
तस्वीर: facebook.com

सोमवार को सोफोस के सीनियर तकनीकी सलाहकार ग्रैहम क्लूले ने कहा, ''लोग सोशल नेटवर्किंग की वेबसाइट्स पर ज़्यादा वक्त बिता रहे हैं, संवेदनशील जानकारी और अपनी व्यक्तिगत सूचानाएं बांट रहे हैं. हैकरों को पता चल चुका है कि यहां से पैसा बनाया जा सकता है.'' सोफोस के मुताबिक यूज़र्स के फोटो इस्तेमाल किए जा सकते हैं, उनकी व्यक्तिगत जानकारियां व्यावसायिक हितों के लिए अन्य फ़र्मों को बेची जा सकती है.

मशहूर वेबसाइट फेसबुक ने इन दिक्कतों से निपटने के लिए इंटरनेट सिक्योरिटी फ़र्म मैकफ़ी से क़रार किया है. फेसबुक ने एलान किया है कि वह अपने यूज़र्स को पहले छह महीने मुफ़्त और फिर रियायती दरों पर एंटी वायरस मैकफ़ी मुहैया कराएगी. इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों को कंप्यूटर से वायरस हटाने का टूल भी मिलेगा.

लेकिन सोफोस के ग्रैहम क्लूले कहते हैं, ''सच्चाई यही है कि फेसबुक जैसे सोशल नेटवर्क को ऐसे खतरों से बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. 35 करोड़ यूज़र्स पर नज़र रखना किसी के लिए आसान काम नहीं है.''

रिपोर्ट: एएफ़पी/ओ सिंह

संपादन: महेश झा