2जी घोटाले में फंसे अधिकारियों की जमानत पर फैसला आज
२३ मई २०११दिल्ली हाई कोर्ट 20 अप्रैल से जेल में बंद कॉरपोरेट जगत के पांच अधिकारियों की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा. इनमें यूनिटेक वायरलेस लिमिटेड के एमडी संजय चंद्रा और अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस एडीएजी के प्रबंध निदेशक गौतम दोषी भी शामिल हैं.
अन्य आरोपियों में स्वान टेलीकॉम के निदेशक विनोद गोयनका और रिलायंस एडीएजी अधिकारी हरि नायर एवं सुरेन्द्र पिपारा शामिल हैं. 2जी स्पेट्रम घोटाले की सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालत पहले ही इन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है. आरोपियों ने विशेष अदालत के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. हाई कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद नौ मई को इन पांचों की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था.
क्या हैं आरोप?
आरोप हैं कि इन अधिकारियों ने फर्जी कंपनियां बनाकर 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन प्रक्रिया को गुमराह किया. मामले की जांच कर रही सीबीआई ने इन अधिकारियों पर साजिश, फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं.
2जी स्पेक्ट्रम भारत का सबसे बड़ा घोटाला है. स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया में 122 कंपनियों को 85 लाइसेंस बांटे गए. आवंटन की प्रक्रिया पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर हुई. इसकी वजह से सरकार को करीब 67,719 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. 2008 में लाइसेंस बांटे गए लेकिन उनकी कीमत 2001 की दरों के हिसाब से ली गई. 12 कंपनियों पर भ्रष्टाचार संबंधी आरोप हैं.
इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के बाद डीएमके सुप्रीमो करुणानिधि की बेटी कनिमोड़ी भी गिरफ्तार हो चुकी हैं. कनिमोड़ी को पिछले हफ्ते ही जेल भेजा गया है.
रिपोर्ट: पीटीआई/ ओ सिंह
संपादन: ईशा भाटिया