फुटबॉल विश्व कप से पहले दोहा की ये जगहें और नजारे मन मोह लेंगे
कतर की राजधानी दोहा इस साल फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी कर रहा है. यहां डेजर्ट सफारी से लेकर शानदार वास्तुकला तक का लुत्फ उठाया जा सकता है.
कतर का सांस्कृतिक केंद्र दोहा
कतर खाड़ी का एक छोटा सा देश है, जो करीब 11,500 वर्ग किलोमीटर (4,468 वर्ग मील) में फैला है. तुलना करें तो, आयरलैंड से सात गुना बड़ा है. इस मध्य पूर्वी इलाके, खासकर राजधानी दोहा में सदियों पुरानी परंपराएं और आधुनिक वास्तुकला के खजाने दिखते हैं. ज्यादातर आबादी कतर के इसी वित्तीय, सांस्कृतिक और पर्यटन वाले इलाके में रहती है.
डाउनटाउन दोहा में वेस्ट बे की चकाचौंध
दोहा एक अत्याधुनिक महानगर है जहां दौलत, शोहरत का जलवा दिखता है. विशाल तेल और गैस के भंडार की वजह से कतर दुनिया में सबसे ज्यादा प्रति व्यक्ति आय ($98,000)वाला देश है. हालांकि यहां के 28 लाख निवासियों में से सिर्फ 10% ही कतरी नागरिक हैं. वेस्ट बे जिले में पर्यटकों के स्वागत के लिए खड़ी गगनचुंबी इमारतें अवंत-गार्दे वास्तुकला की झलक देती हैं.
पुराने दौर की याद दिलाता सांस्कृतिक गांव कटारा
ऐतिहासिक दस्तावेजों से पता चलता है कि कतर को मूल रूप से कटारा कहा जाता था. मध्य पूर्व और एशिया के बीच बसा ये देश खुद को अलग-अलग संस्कृतियों को एक ही जगह मिलाने वाले बर्तन की तरह देखता है.और ऐसा ही है सांस्कृतिक गांव "कटारा" जिसे संग्रहालयों, प्रदर्शनियों के लिए 2010 में खोला गया था. शहर के केंद्र से सिर्फ 10 मिनट में यहां आसानी से ड्राइव कर पहुंचा जा सकता है.
अजान की आवाज है पहचान
कतर आधिकारिक रूप से इस्लामिक देश है, और बड़े पैमाने पर यहां के निवासी सुन्नी मुसलमान हैं. यहां दिन में पांच बार अजान की आवाज सुनाई देती है. पर्यटकों को बड़ी संख्या में मस्जिद दिखते हैं. दोहा में 30,000 लोगों की क्षमता वाला राष्ट्रीय मस्जिद, इमाम अब्दुल वहाब मस्जिद है. एक गैर-मुस्लिम के तौर पर आप तभी मस्जिदों में जा सकते हैं जब नमाज ना हो रही हो.
मॉल की सैर का शानदार अनुभव
कतर के मॉल काफी बड़े हैं, और अपने आप में एक अलग दुनिया हैं. वे ना सिर्फ खरीदारी के लिए बने हैं बल्कि कुछ में थीम पार्क, सिनेमा और रेस्तरां सबकुछ है. एक मॉल में तो आप स्नोमैन यानी बर्फ के पुतले भी बना सकते हैं, जबकि एक मॉल के अंदर आप नाव यात्रा का लुत्फ उठा सकते हैं, मानो आप वेनिस में हों! गर्मियों में बाहरी तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, ऐसे में मॉल की सैर आपको ठंडक पहुंचाएगी.
सूक वकीफ में मध्य पूर्वी रंग
कतर का सबसे पुराना बाजार दोहा में है जिसे कहते हैं सूक वकीफ. प्रतिकृति होने के बावजूद ये काफी असल रूप में और आकर्षक लगता है. मूल इमारत 2003 में आग से तबाह हो गई थी. फिर भी, व्यापारी एक सदी से भी ज्यादा समय से यहां कपड़े, हस्तशिल्प, मसाले और बाकी सामान बेच रहे हैं. स्मृति चिन्ह संजोने या शाम को टहलने के लिए ये बढ़िया जगह है.
रेत और समुद्र से प्रेरित संग्रहालय
कतर कई सालों तक मोती व्यापार का केंद्र रहा है. कतर के राष्ट्रीय संग्रहालय का फव्वारा मोतियों की लड़ियों के आकार का है. यह फ्रांसीसी वास्तुकार जां नौवे ने बनाया है. मोती डाइविंग का प्रतीक है, जो देश की ऐतिहासिक परंपराओं में से एक है. कतर की सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है.
कतर में एक दूसरे को मात देते नामी आर्किटेक्ट
जाहा हदीद, सर नॉर्मन फोस्टर और रेम कुल्हास वास्तुकला फर्मों में से हैं जिन्होंने कतर को शानदार इमारतें बनाकर मायानगरी में तब्दील कर दिया है.एक आकर्षण स्कूल ऑफ इस्लामिक स्टडीज भी है जिसे लंदन और बार्सिलोना में स्थित मंगेरा यवार्स आर्किटेक्ट्स ने डिजाइन किया है. इसका घुमावदार वास्तुशिल्प नायाब नमूना है.
इस्लामिक आर्ट म्यूजियम
दोहा का इस्लामी कला संग्रहालय अरब के सबसे अहम संग्रहालयों में से एक है. इसे चीनी-अमेरिकी वास्तुकार आईएम पेई ने डिजाइन किया है. यह इमारत पानी पर तैरता महसूस होता है. यहां इस्लामी शिल्प कौशल के खूबसूरत उदाहरण, कीमती पांडुलिपियां, चीनी मिट्टी के सामान, गहने, कपड़े और बहुत कुछ प्रदर्शित किये जाते हैं. यह दिखाता है कि इस्लाम ने दक्षिण पूर्व एशिया, भारत, इराक और सीरिया में जिंदगी को कैसे आकार दिया.
डेजर्ट सफारी
देश के ज्यादातर हिस्से रेगिस्तानी नजर आते हैं, जो आश्चर्यजनक और खूबसूरत दोनों हैं. यहां रेतीले टीले एक आकर्षण हैं, इसलिए कई पर्यटक ऊंट की सवारी या जीप यात्रा पर जाना पसंद करते हैं. यहां कुछ बेडौइन शैली के कैंप भी हैं जहां पर्यटक रात गुजार सकते हैं. यूनेस्को से मान्यता प्राप्त खोर अल-अदद, जहां सागर रेत से मिलता है, भी देखने लायक है.
कॉर्निश सैरगाह में चहलकदमी
दोहा में घूमने के लिए रेगिस्तान और लंबे समुद्र तट दोनों हैं. कटारा बीच पर लोगों की काफी चहलकदमी नजर आती है. हालांकि, धार्मिक ड्रेस कोड की वजह से यहां नहाने की इजाजत तभी दी जाती है जब आप कपड़ों से ढके हों. यानी महिलाओं को बिकिनी या स्विमिंग सूट पहनने की इजाजत नहीं है. यहां आप पारंपरिक नावों पर सवारी करके या बस किनारों पर टहल कर समुद्र का आनंद ले सकते हैं.