तस्वीरों में 2022: जरा पीछे मुड़ कर देखिये
युद्ध, जलवायु की आपदाओं और कोविड ने 2022 को भी संकटों का साल बनाए रखा. हालांकि 12 महीने की यात्रा में कुछ ऐसे पल भी आए जो आंखों में चमक भरते हैं. देखिये उन तस्वीरों को जो लंबे समय तक इस साल की पहचान बनी रहेंगी.
यूरोप में युद्ध की वापसी
यह साल दुनिया ने युक्रेन पर रूसी हमले के साये में देखा. 24 फरवरी की सुबह पुतिन की सेना ने पूर्व सोवियत गणराज्य पर हमला कर दिया और लंबे समय से सुलगता तनाव एक जंग में बदल गया. दिसंबर आते आते इस लड़ाई ने संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक कम से कम 6,755 आम यूक्रेनियों की जान ले ली. करीब 80 लाख यूक्रेनी देश छोड़कर शरणार्थी बन गये हैं.
तबाह जिंदगियां
मारियोपोल के मैटर्निटी क्लिनिक पर रूसी हमले के बाद इस गर्भवती महिला को मलबे के ढेर से निकाला गया. मां और उसका बच्चा दोनों नहीं बचाये जा सके. मार्च में हुए इस हमले को युद्ध अपराध माना गया और इसी तरह कीव के उपनगर बूचा में हुई हत्याओं को भी. युक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक रूसी सैनिकों के वहां से निकलने के बाद 400 से ज्यादा शव मिले. इनमें से लगभग सभी आम लोग थे. रूस ने नरसंहार से इनकार किया.
ईरान में विरोध प्रदर्शन
"औरत, जिंदगी, आजादी" का नारा लगाते हजारों प्रदर्शनकारियों ने इस्लामिक रिपब्लिक के खिलाफ विरोध का बिगुल बजा दिया है. पुलिस हिरासत में 22 साल की महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. अमीनी को ड्रेसकोड का पालन नहीं करने के लिए हिरासत में लिया गया था. उनकी मौत के बाद ईरानी लड़कियां, औरतें कहीं हिजाब जला कर तो कहीं अपनी चोटी काट कर विरोध जता रही हैं.
महिलाओं के अधिकार पर खतरा
जून के आखिर में अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने रो वर्सेज वाडे मामले में दिये फैसले को पलट दिया. इस फैसले में महिलाओं को 49 साल की उम्र तक गर्भपात का अधिकार दिया था. कई दक्षिणपंथी राज्यों ने इसके तुरंत बाद गर्भपात पर या तो प्रतिबंध लगा दिया या फिर इसकी प्रक्रिया बेहद सख्त कर दी. इस फैसले की वॉशिंगटन और पूरे अमेरिका में बड़े पैमाने पर विरोध और आलोचना हुई.
दुनिया भर में दिखा ये थप्पड़
मार्च में ऑस्कर अवॉर्ड्स के दौरान अभिनेता विल स्मिथ ने क्रिस रॉक को स्टेज पर जा कर थप्पड़ मार दिया. कॉमेडियन रॉक सेरेमनी को होस्ट कर रहे थे और उन्होंने स्मिथ की बीवी जाडा पिंकेट स्मिथ के बारे में मजाक किया था. स्मिथ ने बाद में इस घटना के लिए माफी मांगी लेकिन उन्हें एक दशक के लिए इस सेरेमनी से प्रतिबंधित कर दिया गया.
भीषण गर्मी, विनाशकारी बाढ़
वसंत के मौसम में भारत और पाकिस्तान में भीषण लू का प्रकोप रहा और तपामान नियमित रूप से 50 डिग्री के आसपास पहुंचता रहा. अगस्त में यह इलाका विनाशकारी बाढ़ की चपेट में आया. खासतौर से पाकिस्तान पर तो बाढ़ की बहुत बुरी मार पड़ी. एक समय देश का करीब एक तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ था. इंसानी गतिविधियों के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है जिसके नतीजे में मौसम का ये रुख देखना पड़ा है.
यूरोप में आग
2022 में जलवायु परिवर्तन के असर की अनदेखी करना मुश्किल हो गया. यूरोप में लगातार सूखे का नतीजा कई देशों में जंगल की विनाशकारी आग के रूप में सामने आया. यह तस्वीर दक्षिण-पश्चिमी फ्रांस की है. यूरोप ने इस साल बीते 500 साल का सबसे भयानक सूखा देखा इसकी वजह से हजारों लोगों की गर्मी से मौत हुई. राइन से लेकर लोइर तक सभी प्रमुख नदियों का पानी कुछ इलाकों में बिल्कुल सूख गया.
धरती के लिए कुछ भी करेंगे
गर्मी आने के बाद से ही लास्ट जेनेरेशन और एक्सटिंक्शन रिबेलियन जैसे संगठनों के जलवायु कर्यकर्ताओं ने चुपचाप बैठने की बजाय लड़ने का फैसला किया. उन्होंने सड़कों पर प्रदर्शनों से लेकर कलाकृतियों पर टमेटो सॉस फेंकने और एयरपोर्ट के रनवे और सड़कों पर खुद को चिपका कर सुर्खियां बटोरीं. यह तस्वीर नवंबर के शुरुआत में एमस्टर्डम के शिपहॉल एयरपोर्ट की है.
अतीत की झांकी
नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ने जुलाई से काम करना शुरु कर दिया. इसके बाद यह 13 करोड़ साल पहले बिगबैंग तक जा पहुंचा. इसने सितारों के दुनिया की ऐसे पहाड़ों और खाइयों की तस्वीरें भेजनी शुरू जो हैरान करती हैं. यह तस्वीर कारीना नेबुला के किनारों पर एक शुरुआती तारे के बनने की जगह है जिसे कॉस्मिक क्लिफ्स कहा जाता है. इस तस्वीर में जो सबसे ऊंची चोटी दिख रही है वह तकरीबन 7 प्रकाशवर्ष ऊंची है.
अंतिम विदाई
8 सितंबर को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का स्कॉटलैंड के बालमोरान कासल में निधन हो गया. 96 साल की महारानी ने हाल ही में सात दशक तक राजगद्दी संभालने के बाद प्लैटिनम जुबली का जश्न मनाया था. उनके पहले और कोई राजा या रानी इतने लंबे समय राजगद्दी पर नहीं रहा. उनके निधन पर दुनिया भर में शोक हुआ जिनमें सिडनी का ओपेरा हाउस भी शामिल था.
अफगानिस्तान की तकलीफें
अगस्त 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया. उसके बाद से ही वहां की मानवीय स्थिति लगातार नीचे जा रही है. देश की आधी से ज्यादा आबादी के पास पर्याप्त खाना नहीं है. यह महिला अपने बच्चे के साथ बर्फ के बीच भीख मांग रही है. औरतों और लड़कियों के लिए तो स्थिति और भी खतरनाक है. उन्हें अब स्कूल और यूनिवर्सिटी की पढ़ाई से भी वंचित कर दिया गया है.
चीन में कोविड
कोविड की महामारी 2022 में भी जारी रही. कई देशों में पाबंदियां और सुरक्षा के उपायों में कटौती की गई लेकिन चीन में लोगों को इसकी वजह से बड़ी मुसीबतें उठानी पड़ीं. चीन की सरकार ने जीरो कोविड नीति लागू कर रखी थी इसके नतीजे में अपार्टमेंट ब्लॉक सील कर दिये गये और नवजात बच्चों को भी क्वॉरंटीन कैंपों में डाल दिया गया. लोगों के विरोध पर जब पाबंदियां कम हुईं तो संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
धरती पर 8 अरब मानव
नवंबर के मध्य में दुनिया पर इंसान की आबादी पहली बार 8 अरब को पार कर गई. इनमें से ज्यादा लोग यानी लगभग 60 फीसदी से थोड़े से कम केवल एशिया में रहते हैं. भारत आबादी के बड़े केंद्रों में है और अगले कुछ सालों में चीन को पीछे कर देगा. हालांकि आबादी का विकास अब पूरी दुनिया में धीमा पड़ रहा है. महिलाएं कम बच्चे पैदा कर रही हैं और कोविड जैसी महामारियों के कारण जीवन प्रत्याशा भी घटी है.
हर चमकने वाली चीज सोना नहीं
नवंबर के आखिर में जब फीफा फुटबॉल वर्ल्डकप शुरू हुआ तब भी यह साफ नहीं था कि कितने विदेशी मजदूरों ने वर्ल्ड प्रीमियर फुटबॉल टूर्नामेंट के लिए स्टेडियम बनाने और मरम्मत करने में जान गंवाई. कतर को वर्ल्ड कप की मेजबानी के फैसले पर दुनिया बंटी हुई थी. कतर में ना तो स्वतंत्र चुनाव होते हैं ना ही यहां का मीडिया आजाद है. कतर में समलैंगिकता अपराध है और महिलाओं को सीमित अधिकार हैं.
मेसी की मुराद पुरी हुई
तमाम आलोचनाओं के बावजूद वर्ल्डकप के फाइनल मैच ने पूरी दुनिया में खुशी की लहर बिखेर दी. दो दशकों से वर्ल्डकप उठाने के लिए तरस रहे लियोनेल मेसी ने आखिर कतर की जमीन पर इसे चूम ही लिया. यह मेसी का संभवतः आखिरी वर्ल्डकप था और उनके सिर पर फुटबॉल की कामयाबियों से सजे ताज में सिर्फ इसी पंख की कमी थी.
अर्जेंटीना में लोगों का समंदर
दुनिया लंबे समय तक यह नजारा भी नहीं भूल पाएगी जो वर्ल्डकप में अर्जेंटीना की जीत के बाद वहां की सड़कों पर दिखा. फुटबॉल के दीवाने देश में 36 साल बाद वर्ल्ड कप जीतने की खुशी ने जश्न मनाने के सारे पैमाने तोड़ दिये.