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कश्मीर: 370 हटने के बाद 34 बाहरी लोगों ने खरीदी संपत्ति

आमिर अंसारी
३० मार्च २०२२

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में बाहर से कुल 34 लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश में संपत्तियां खरीदी हैं.

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तस्वीर: Samaan Lateef

नित्यानंद राय ने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के सांसद हाजी फजलुर रहमान के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के बाहर के 34 लोगों ने तत्कालीन राज्य से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में संपत्ति खरीदी है.

उन क्षेत्रों के सवाल पर, जहां ये संपत्तियां खरीदी गई हैं, गृह राज्यमंत्री ने कहा, "ये संपत्तियां जम्मू, रियासी, उधमपुर और गांदरबल जिलों में हैं." अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भूमि और संपत्तियों की खरीद के कानूनों में बदलाव किया और उसके बाद नए भूमि खरीद कानून बनाए गए हैं.

केंद्र ने पिछले साल कहा था कि जम्मू-कश्मीर के बाहर से दो लोगों ने क्षेत्र में जमीन खरीदी है.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के सूत्रों के हवाले से लिखा कि ये सभी संपत्तियां पंजाब और दिल्ली के व्यक्तियों समेत व्यापारियों और पेशेवरों द्वारा खरीदी गई हैं. अखबार ने लिखा कि सभी मामलों में भूमि के भूखंड बहुत बड़े नहीं होते हैं और बड़े पैमाने पर हॉलिडे होम या फार्महाउस स्थापित करने के लिए उपयुक्त होते हैं.

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एक अधिकारी ने अखबार को बताया, "अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, जम्मू-कश्मीर में जमीन की कीमतें लगभग छह गुना बढ़ गई हैं. 3 लाख रुपये प्रति कनाल में उपलब्ध प्लॉट अब 18 लाख रुपये प्रति कनाल में बिक रहे हैं. कई लोग भविष्य को ध्यान में रखकर निवेश कर रहे हैं. निवेशकों के बीच भरोसा है कि अंततः घाटी में शांति कायम होगी और अभी किए गए निवेश से भविष्य में लाभदायक व्यवसाय के अवसर पैदा होंगे."

अनुच्छेद 370, जिसने जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा दिया था और बाहरी लोगों को संपत्ति हासिल करने से रोका था, उसे 5 अगस्त, 2019 को निरस्त कर दिया गया और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का प्रावधान किया गया है जबकि लद्दाख में विधानसभा का प्रावधान नहीं है.

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