जर्मनी के सबसे स्मार्ट शहर की सैर
होटल में रिसेप्शनिस्ट की जगह क्यूआर कोर, स्टाफ की जगह रोबोट, हर जगह ऑनलाइन भुगतान, जर्मनी के आहाउस में चप्पे चप्पे पर तकनीक का दखल दिखाई देता है.
छोटे से शहर में हजारों सैलानी
जर्मनी के नॉर्थ राइन वेस्टफालिया का एक छोटा सा शहर है, आहाउस. यहां की आबादी केवल 40 हजार के आस-पास है. लेकिन हर साल यहां हजारों पर्यटक आते हैं, क्योंकि आहाउस मशहूर है अपनी स्मार्टनेस के लिए. डिजिटल तौर तरीकों पर चलने वाला ये शहर, जर्मनी का सबसे स्मार्ट शहर भी कहा जाता है.
रिसेप्शनिस्ट की जगह स्मार्टफोन कोड से स्वागत
जैसे ही आप आहाउस के किसी होटल में चेक-इन करते हैं, वहां आपका स्वागत कोई रिसेप्शनिस्ट नहीं बल्कि क्यूआर कोड करता है. इस कोड को अपने स्मार्टफोन से स्कैन करके पर्यटक चेक-इन और दूसरी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करते हैं.
होटल स्टाफ की जगह रोबोट
आमतौर पर होटलों में सफाई और रख रखाव के लिए स्टाफ होता है. लेकिन आहाउस में ये सारी जिम्मेदारियां रोबोट निभाते हैं. होटल की लॉबी से गुजरते हुए आपको ये रोबोट, शांति से अपना काम करते दिख जाएंगे. हां, खाना बनाने के लिए अभी भी इंसानों पर ही भरोसा किया जाता है.
हर जगह चिपके मिलेंगे क्यूआर कोड
आहाउस में आपको रेस्तरां, ग्रोसरी स्टोर, सुपरमार्केट, नावों, किराये वाली साइकिल, समेत ज्यादातर जगहों पर क्यूआर कोड दिखेंगे . जर्मनी में ऑनलाइन या कार्ड के जरिये भुगतान करना लोगों को उतना पसंद नहीं. हालांकि, आहाउस अलग है, यहां ऑलाइन पेमेंट को हर जगह बढ़ावा दिया जाता है. यहां तक कि किसान भी इसका इस्तेमाल करने लगे हैं.
तकनीकी विकास को अपनाने में कितने सहज हैं जर्मन
मारगरेट, आहाउस के पास के शहर विलन में रहती हैं. उन्हें आहाउस आकर अपने शहर का भविष्य नजर आता है. उन्हें यहां रेस्तरां में खाना खाने के लिए अपने शहर विलन की तरह हफ्तों पहले बुकिंग नहीं करनी पड़ती. हालांकि, वह रेस्तरां में वेटरों से होने वाली बातचीत को जरूर मिस करती हैं. अब आहाउस के 80 फीसदी हॉस्पटैलिटी बिजनेस, चेन्स नाम के ऐप का इस्तेमाल करते हैं.
जर्मनी के लोगों के लिए साइंस फिक्शन जैसा है आहाउस
यह शहर जर्मनी और नीदरलैंड्स की सीमा पर बसा है. इसलिए यहां की नाइटलाइफ का आनंद लेने, डच भी आते रहते हैं. जर्मन लोगों के लिए जहां ये शहर एक साइ-फाइ फिल्म की तरह है, वहीं डच लोगों का मानना है कि जर्मनी का तकनीक के इतने करीब होना अच्छा है.
2024 में मिला "लैंड ऑफ आइडिया" का खिताब
2024 में आहाउस को "डिजिटल प्लेसेज कॉन्टेस्ट 2024" में "लैंड ऑफ आइडिया" का खिताब दिया गया था. आहाउस जैसे जर्मनी के दूसरे छोटे शहर घटती जनसंख्या, आर्थिक चुनौतियों और कम निवेश के कारण पिछड़ रहे हैं. यही वजह है कि जर्मन सरकार, आहाउस को दूसरे शहरों के लिए मिसाल के तौर पर पेश करना चाहती है.