गाजा पट्टी में हुए हवाई हमले में विदेशी राहतकर्मियों की मौत
२ अप्रैल २०२४1 अप्रैल की रात हुए हवाई हमले के वक्त स्पेन के राहत संगठन 'वर्ल्ड किचन सेंटर' (डब्ल्यूसीके) के विदेशी कर्मचारी एक गाड़ी पर सवार थे. गाड़ी गाजा पट्टी के देर अल-बलाह के पास थी. टाइम्स ऑफ इस्राएल के मुताबिक वाहन में पोलैंड, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, अमेरिका-कनाडा और ब्रिटेन के राहतकर्मी सवार थे. इस्राएली मीडिया ने इनमें से पांच राहतकर्मियों की मौत की खबर दी है.
सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर डब्ल्यूसीके ने हमले की पुष्टि करते हुए लिखा, "हमें इन रिपोर्टों की जानकारी है कि गाजा में मानवीय मदद के तहत खाना पहुंचाने वाले हमारे अभियान में मदद करने वाले वर्ल्ड सेंट्रल किचन की टीम के सदस्य, आईडीएफ के हमले में मारे गए हैं." राहत संगठन ने आगे लिखा, "यह एक त्रासदी है. मानवीय राहत संगठन और आम नागरिकों को कभी निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए. कभी नहीं."
इस्राएली डिफेंस फोर्सेस (आईडीएफ) ने एक टेलीग्राम पोस्ट में मामले की जांच करने का दावा किया है. आईडीएफ ने लिखा, "आईडीएफ सबसे उच्च स्तर पर मामले की समीक्षा कर रही है, ताकि इस त्रासद घटना के पहलुओं को समझा जा सके."
ऑस्ट्रेलिया का कड़ा रुख
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानेज ने हमले में एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक के मारे जाने की पुष्टि की है. प्रधानमंत्री ने कहा, "हम इसके लिए पूरी जवाबदेही चाहते हैं, क्योंकि यह त्रासदी कभी होनी ही नहीं चाहिए थी." ऑस्ट्रेलिया के सरकारी ब्राडकास्टर एबीसी से बात करते हुए अल्बानेज ने कहा कि विदेश मंत्री ने इन रिपोर्टों की "तुरंत जांच" कराने की मांग की है.
मृतक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक की पहचान लाल्जाव्मी जोमी फ्रैंककॉम के रूप में हुई है. पीएम अल्बानेज के मुताबिक, "वह इस सेवा के जरिए सिर्फ मदद करना चाहती थी. यह बात इस युवा महिला के किरदार के बारे में सब कुछ बता देती है."
10 लाख से ज्यादा लोगों का उत्तरी गाजा से पलायन
हफ्ते भर पहले ही फ्रैंककॉम ने सीज किए गए गाजा का एक वीडियो पोस्ट किया था. वीडियो में राहतकर्मियों को गाजा के आम लोगों के लिए मांस और सब्जियां पकाते हुए दिखाया गया था. 2019-2020 में ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग के दौरान भी फ्रैंककॉम ने सराहनीय काम किया. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के मुताबिक, 2019 में बहमाज में चक्रवाती तूफान डोरियन से हुई तबाही के बाद भी फ्रैंककॉम आम लोगों की मदद के लिए मौके पर पहुंचीं.
संघर्षविराम की मांग को अनसुना करते नेतन्याहू
7 अक्टूबर 2023 को इस्राएल में हमास के आतंकवादियों ने हमला किया. हमले में 1,200 से ज्यादा लोग मारे गए. इस्राएल के मुताबिक हमास ने 253 लोगों को अगवा किया, जिनमें इस्राएली और विदेशी नागरिक शामिल हैं. इस हमले के बाद से ही इस्राएल ने हमास के खिलाफ गाजा पट्टी में युद्ध छेड़ रखा है. इस्राएली कार्रवाई में अब तक 32 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. मृतकों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं.
गाजा पट्टी में आम लोगों को हो रहे भारी नुकसान के कारण अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश इस्राएल से संघर्षविराम की अपील कर रहे हैं. इन देशों को इस्राएल का पक्का साझेदार माना जाता है. लेकिन इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू लगातार इन मांगों की अनदेखी कर रहे हैं.
इस्राएल-हमास युद्ध: क्या जर्मनी की मध्य-पूर्व नीति के दिन लद गए हैं?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ नेतन्याहू के रिश्ते तकरीबन टूटने के कगार पर हैं. बाइडेन बार-बार कह चुके हैं कि इस्राएल को राहत सामग्री और राहतकर्मियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाना चाहिए. आपत्तियों के बावजूद रफाह के अस्पताल पर सैन्य कार्रवाई से भी इस्राएल ने अपने पश्चिमी साझेदारों को नाराज किया है. नेतन्याहू की कार्रवाई अमेरिका की ईरान और मध्य पूर्व नीति को डगमगा रही है.
ओएसजे/एसएम (डीपीए, एपी, एएफपी)