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विज्ञानलैटिन अमेरिका

अमेजन के पक्षियों का घट रहा आकार

१५ नवम्बर २०२१

एक नए शोध के मुताबिक अमेजन के जंगलों के अनछुए हिस्सों में भी जलवायु परिवर्तन का असर हो रहा है. पक्षियों के शरीर का आकार घट रहा है और उनके पंखों का फैलाव बढ़ रहा है.

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Vogelvielfalt in Kolumbien
तस्वीर: imago images/Ardea

साइंस अड्वांसेस पत्रिका में छपे नए शोध के नतीजों में दावा किया गया है कि पिछले चार दशकों में ज्यादा गर्म और सूखे मौसम की वजह से अमेजन के जंगलों के अंदर रहने वाले पक्षियों पर यह असर पड़ रहा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि ये बदलाव पोषण संबंधी और अन्य चुनौतियों की प्रतिक्रिया के रूप में आए होंगे.

यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि ऐसा विशेष रूप से जून से नवंबर के सूखे मौसम के दौरान हुआ होगा. इस शोध के मुख्य लेखक वितेक जिरिनेक का कहना है, "मेरे लिए सबसे बड़ी बात यह है कि यह सब दुनिया के सबसे बड़े वर्षावनों के ठीक बीच में ऐसी जगह हो रहा है जहां इंसानों का सीधा हस्तक्षेप भी नहीं है."

वजन में दो प्रतिशत की कमी

जिरिनेक इंटीग्रल इकोलॉजी रिसर्च सेंटर में इकोलॉजिस्ट हैं. अपने सहयोगियों के साथ मिलकर उन्होंने 40 सालों की अवधि में 15,000 से भी ज्यादा पक्षियों को पकड़ा, उनकी लंबाई नापी, उनका वजन लिया और उन्हें टैग किया. उन्होंने पाया कि लगभग सभी पक्षी 1980 के दशक के मुकाबले हल्के हो गए हैं.

Kolumbien | Wald in Guaviare
कोलंबिया के अमेजन में उड़ता हुआ एक पक्षीतस्वीर: Juancho Torres/AA/picture alliance

अधिकांश प्रजातियों ने हर दशक में औसतन अपने शरीर के वजन का दो प्रतिशत गंवा दिया. इसका मतलब है, कोई प्रजाति जिसका वजन 1980 के दशक में 30 ग्राम रहा होगा उसका अब औसत वजन 27.6 ग्राम होगा. यह डाटा जंगल में किसी एक विशेष स्थान से नहीं लिया गया बल्कि एक बड़े इलाके से लिया गया.

इसका मतलब है कि यह लगभग हर जगह ही हो रहा है. कुल मिलाकर वैज्ञानिकों ने 77 प्रजातियों की पड़ताल की जो जंगल की ठंडी, अंधेरी जमीन से लेकर सूर्य की रौशनी में नहाए वनस्पति के मध्य भाग में रहते हैं.

ऊर्जा की चुनौतियां

इस मध्य भाग में जो पक्षी सबसे ऊपर की तरफ रहते हैं, ज्यादा उड़ते हैं और ज्यादा देर तक गर्मी का सामना करते हैं उनके वजन में और उनके पंखों के आकार में सबसे ज्यादा बदलाव आए. टीम ने अनुमान लगाया कि ऐसा ऊर्जा की चुनौतियों की वजह से हुआ होगा. उदाहरण के तौर पर फलों और कीड़ों की कमी या गर्मी की वजह से होने वाले तनाव के कारण.

Picture gallery - the world’s most important forests
अमेजन के अंदर चलती हुई एक नावतस्वीर: Florence Goisnard/AFP/Getty Images

जिरिनेक ने कहा, "जलवायु परिवर्तन की वजह से छोटे आकार फायदेमंद होगा इसकी तो अच्छी सैद्धांतिक व्याख्या है, लेकिन पंखों के बड़े होने को समझना ज्यादा मुश्किल है." उन्होंने कहा कि इसीलिए उन्होंने "विंग लोडिंग" की बात कही है. लंबे पंख और कम वजन-पंख अनुपात की वजह से उड़ान ज्यादा अच्छी रहती है.

ठीक वैसे जैसे लंबे पंखों वाले एक पतले जहाज को उड़ने के लिए कम ऊर्जा चाहिए होती है. वजन और पंखों का अनुपात अगर ज्यादा होगा तो पक्षी को उड़ते रहने के लिए पंख और तेजी से फड़फड़ाने पड़ेंगे, उसे और ऊर्जा की जरूरत होगी और वो और ज्यादा मेटाबॉलिक गर्मी पैदा करेगा.

कम समय में बड़ा परिवर्तन

जिरिनेक ने यह भी कहा कि इस अध्ययन को यह पता करने के लिए नहीं बनाया गया था कि ये बदलाव प्राकृतिक चुनाव की वजह से होने वाले जेनेटिक बदलावों की वजह से हो रहे हैं या ये उपलब्ध संसाधनों के आधार पर विकास के अलग अलग पैटर्न के नतीजे हैं.

Großbritannien | Protest während G7 Gipfel in Cornwall
जून में ब्रिटेन में हुई जी7 बैठक में पक्षी बने प्रदर्शन करते जलवायु परिवर्तन ऐक्टिविस्टतस्वीर: Dylan Martinez/REUTERS

उन्होंने बताया कि ये दोनों बातें संभव हैं, "लेकिन एवल्यूशन छोटे अंतरालों में भी होता है इसके अच्छे प्रमाण उपलब्ध हैं." इस तरह के तेज एवल्यूशन का एक उदाहरण हैं अफ्रीका में हाल ही में सामने आने वाले बिना दांत के हाथी. अनुमान है कि ऐसा तस्करी की वजह से हुआ है.

इस नए अध्ययन के लेखकों का मानना है कि संभव है दुनिया में और प्रजातियां भी इस तरह के दबावों का सामना कर रही होंगी जिनका अभी तक अध्ययन नहीं किया गया है. अध्ययन के सह-लेखक और लूसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक फिलिप स्टोफर ने कहा, "इसमें कोई शक नहीं है कि यह सिर्फ चिड़ियों के साथ नहीं बल्कि हर जगह हो रहा है."

सीके/एए (एएफपी)

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