अकबर के नवरत्न के महल के सामने मिला "नायाब खजाना"
२२ जनवरी २०२१भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ऐतिहासिक फतेहपुर सीकरी में उत्खनन के दौरान 16वीं शताब्दी में बनी पानी की टंकी और उसी में बना एक फव्वारा मिला है. टोडरमल बारादरी के संरक्षण कार्य की खोज के दौरान जब आसपास के क्षेत्र की खुदाई हुई तब इस पानी की टंकी का पता चला. बारादरी या बारा दरिया एक इमारत या मंडप है जिसमें बारह दरवाजे होते हैं ताकि हवा का मुक्त प्रवाह हो सके.
एएसआई के पुरातत्वविद वसंत स्वर्णकार के मुताबिक, "खुदाई के दौरान एक 8.7 मीटर लंबे और 1.1 मीटर गहरे वर्गाकार टैंक की खोज की गई. टंकी का फर्श चूने से प्लास्टर किया गया था. यह उस समय बारादरी के साथ बनाया गया होगा." पुरातत्वविदों का मानना है कि बारादरी के बीचोंबीच फव्वारा रहा होगा, जो गर्मी से बचने के लिए बनाया गया होगा. एएसआई अब क्षेत्र में आगे की खुदाई कर रहा है. एएसआई पिछले तीन महीने से बारादरी में संरक्षण का काम करा रहा है. इस दौरान बारादरी के सामने खाली पड़े भाग में कारीगरों को पुराने निर्माण का आभास हुआ और जब खुदाई हुई तो ऐतिहासिक बरामदगी हुई.
मुगल शहंशाह अकबर के शासनकाल के दौरान राजा टोडरमल मुगल साम्राज्य के वित्त मंत्री थे. वह अकबर के दरबार में 'नवरत्नों' में से एक थे और उन्होंने कराधान की एक नई प्रणाली शुरू की थी. फतेहपुर सीकरी अपनी हवेली, बगीचे, मंडप, अस्तबल और कारवां के लिए जाना जाता था. बारादरी को अभी भी पहचाना जा सकता है.
आईएएनएस
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