महिलाओं की बढ़ती हत्याओं से जूझता ऑस्ट्रिया
१८ जनवरी २०२२ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में एक तात्कालिक स्मारक खड़ी की गई है जिस पर सुर्ख लाल रंग से 31 लिखा हुआ है. यह संख्या है उन महिलाओं की जिनकी 2021 में किसी न किसी पुरुष के हाथों हत्या कर दी गई.
कम ही समय में मीडिया में इन हत्याओं में से कुछ विशेष रूप से भयावह मामलों के बारे में बताए जाने के बाद 'फेमिसाइड' का मुद्दा अब चर्चा में है. एक छोटे से, धनी देश में जहां हिंसक अपराध आम तौर पर दुर्लभ है, वहां अब इस विषय पर आम बहस शुरू हो गई जिसमें अब ऐक्टिविस्ट भी शामिल हो रहे हैं और नेताओं को भी कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
यूरोप में सबसे बुरे हालात
महिलाओं के लिए बने आश्रयों के एक नेटवर्क की कार्यकारी निदेशक मारिया रोसलहूमर कहती हैं, "यह वाकई एक नाटकीय स्थिति है...यह समझ से बाहर है." आंकड़े बदलते रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक 2010 से 2020 के बीच देश में 319 महिलाओं की हत्या कर दी गई.
इनमें से अधिकांश को या तो उनके पुरुष पार्टनर या पूर्व पार्टनर ने मारा. 2019 में 43 महिलाओं की हत्या कर दी गई, जो एक रिकॉर्ड संख्या है.
यूरोस्टैट के आंकड़ों के मुताबिक 2018 में ऑस्ट्रिया यूरोपीय संघ के उन तीन सदस्य देशों में से था जहां इस तरह के 'फेमिसाइड' के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए जिनमें मारने वाले परिवार का कोई न कोई सदस्य या रिश्तेदार शामिल था.
ऐक्टिविस्ट ऐना बाडहोफर कहती हैं इसके बावजूद फेमिसाइड को लेकर "आक्रोश की कमी" है. हताश हो कर उनके समूह ने ही विएना में स्मारक बनाए जाने के अभियान की शुरुआत की. वो नवंबर में हुई एक घटना का उदाहरण देती हैं जिसमें एक महिला को बेसबॉल के बल्ले से पीट पीट कर मार दिया गया.
सरकार के कदम
मार्च में नदिन डब्ल्यू नाम की 35 साल की एक महिला को उसके 47 साल के पूर्व पार्टनर ने पीटने के बाद एक तंबाकू की दुकान के अंदर तार से उसका गला घोंट दिया. उसने फिर उस पर पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी. उसके बाद वो दुकान में ताला लगा कर वहां से चला गया.
उस महिला को बचा लिया गया लेकिन एक महीने बाद उसकी भयावह चोटों ने उसकी जान ले ली. उसके हत्यारे को आजीवन कारावास की सजा दी गई और मानसिक रूप से विक्षुब्ध अपराधियों के केंद्र में भेज दिया गया.
देश की गठबंधन सरकार ने हाल ही में फेमिसाइड से लड़ने के लिए कई कदमों की घोषणा की, जिसमें ढाई करोड़ यूरो का आबंटन भी शामिल है. यूरोस्टैट के आंकड़ों के मुताबिक ऑस्ट्रिया यूरोपीय संघ में एकलौता ऐसा देश बन गया है जहां पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की हत्या होती है.
सोचने की जरूरत
रोसलहूमर कहती हैं कि देश में "महिलाओं के प्रति सामाजिक स्तर पर एक ठोस असम्मान और तिरस्कार की भावना" है जिसका मुकाबला किए जाने की जरूरत है.
विएना विश्वविद्यालय में अपराध वैज्ञानिक इसाबेल हैदर कहती हैं कि पुलिस अधिकारियों को भी यह सिखाए जाने की जरूरत है कि वो और 'संवेदनशीलता' से पेश आएं, क्योंकि कई महिलाओं को लगता है कि "पुलिस उन्हें गंभीरता से नहीं ले रही है."
काउंसिल ऑफ यूरोप की मानवाधिकार आयुक्त दुन्या मियातोविच हाल ही में ऑस्ट्रिया आई थीं और उन्होंने "महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक बराबरी का संरक्षण करने" के लिए "एक महत्वाकांक्षी और व्यापक दृष्टिकोण" अपनाने की बात की थी.
ऑस्ट्रिया में वेतन में लैंगिक असमानता की बात करते हुए उन्होंने बताया कि यह यूरोप में सबसे ऊंचे स्तरों पर है. लेकिन ये हत्याएं रुक नहीं रही हैं. नए साल के शुरू होने के कुछ ही दिनों बाद एक और खौफनाक मामला सुर्खियों में आया. एक 42 साल की महिला के पति ने खाने की मेज पर ही उसके सिर में गोली मार कर उसकी हत्या कर दी.
सीके/एए (एएफपी)