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विवादयूरोप

1962 के बाद सबसे बड़ा परमाणु खतरा: बाइडेन

७ अक्टूबर २०२२

जो बाइडेन का कहना है कि पुतिन की परमाणु हथियार चलाने की धमकी ने 60 साल बाद सबसे बड़ा परमाणु खतरा पैदा कर दिया है. इससे पहले 1962 में क्यूबा मिसाइल संकट के दौरान दुनिया पर परमाणु युद्ध का खतरा मंडराया था.

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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन
तस्वीर: Evelyn Hockstein/REUTERS

न्यूयॉर्क में अपनी पार्टी के एक आयोजन, डेमोक्रैटिक डोनर्स को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "क्यूबा के मिसाइल संकट के बाद पहली बार, हमारे सामने परमाणु हथियार इस्तेमाल करने का सीधा खतरा है, और हालात भी उसी तरफ बढ़ते लग रहे हैं."

जो बाइडेन के मुताबिक वे पुतिन के युद्ध अभियान को लड़खड़ाने की तरकीबें निकाल रहे हैं. बाइडेन कहते हैं कि रूसी राष्ट्रपति की "रणनीतिक परमाणु हथियार या जैविक और रासायनिक हथियारों की बात कोई चुटकुला नहीं है, क्योंकि उनकी सेना, आप कह सकते हैं कि बुरा प्रदर्शन कर रही है."

क्या था क्यूबा का मिसाइल संकट

शीत युद्ध (1945-91) के दौरान 1962 में सोवियत संघ के तत्कालीन राष्ट्रपति निकिता खुर्शचेव ने अमेरिका के पड़ोसी क्यूबा में मिसाइलें तैनात कर दी. अमेरिका से मात्र 150 किलोमीटर दूर तैनात की गई इन मिसाइलों में परमाणु हथियार ढोने वाली मिसाइलें भी थीं. यह जानकारी सामने आने के बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी ने अपनी नौसेना को पूरी तरह क्यूबा को घेरने का आदेश दिया. केनेडी ने साफ जता दिया कि वे अमेरिका के पड़ोस में परमाणु मिसाइलें बर्दाश्त नहीं करेंगे. सोवियत संघ और अमेरिका की तरफ से किसी भी अंजाम तक जाने के बयान आने लगे. क्यूबा पर अमेरिकी हमले की तैयारियां होने लगीं. करीब 32 दिन के तनाव के बाद 26 अक्टूबर 1962 को खुर्शचेव ने एक संदेश भिजवाया कि वह मिसाइलें हटाने को तैयार हैं, लेकिन अमेरिका को वादा करना होगा कि वह क्यूबा पर  हमला नहीं करेगा. इस पर दोनों पक्ष राजी हुए और मिसाइल संकट और परमाणु युद्ध का खतरा ठंडा पड़ा.

1962 के मिसाइल संकट के दौरान अटलांटिक महासागर पार करती रूसी नौसेना
1962 के मिसाइल संकट के दौरान अटलांटिक महासागर पार करती रूसी नौसेनातस्वीर: AP

परमाणु हमले का नया खतरा

अब 60 साल बाद, यूक्रेन युद्ध में उलझे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पश्चिमी देशों को परमाणु हमले की चेतावनी दे रहे हैं. 24 फरवरी 2022 को रूसी सेना ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार जाकर यूक्रेन पर हमला कर दिया. आठ महीने की जंग के बाद यूक्रेन के चार हिस्सों पर रूसी सैनिकों का कब्जा है. लुहांस्क, डोनेत्स्क, जापोरिझिया और खेरसॉन नाम के इन इलाकों में जनमत संग्रह भी करवाया जा चुका है. जनमत संग्रह के नतीजों के बाद रूसी संसद और पुतिन ने इन चार इलाकों को रूस में शामिल करने वाले दस्तावेजों पर दस्तखत कर दिए हैं.

यूक्रेन और पश्चिमी देशों का कहना है कि वह विभाजित इलाकों को कभी रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता नहीं देंगे. अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को हथियारों की नई खेप देने का एलान भी किया है. पश्चिम से मिल रहे अत्याधुनिक हथियारों के दम पर यूक्रेनी सेना कई इलाकों से रूसी सेना को पीछे धकेल रही है.

यूक्रेन में लगते इन झटकों के बीच रूस का कहना है कि रूसी सेना छोड़े गए इलाके वापस लेगी. पुतिन बार बार चेतावनी दे रहे हैं कि अगर रूस के अस्तित्व पर संकट आया तो वे हर तरह के हथियार इस्तेमाल करेंगे. वह यूक्रेन को मिल रहे पश्चिमी हथियारों को सीधे टकराव की तरफ ले जाने वाले कदम बता रहे हैं.

परमाणु हथियारों को लेकर पुतिन के दिमाग में क्या चल रहा है

यूक्रेन में बिखरे रूसी टैंक
यूक्रेन में बिखरे रूसी टैंकतस्वीर: Metin Aktas/AA/picture alliance

कहां खड़ी है जंग

फरवरी के आखिर में वंसत की सुगबुगाहट के बीच शुरू हुए रूसी सैन्य अभियान के सामने अब हड्डियों तक घुसने वाली ठंड खड़ी है. बड़ी संख्या में सैनिक खो चुके पुतिन जानते हैं कि सर्दियों में हालात और चुनौती भरे होंगे. यूक्रेनी सेना भी यह समझती है और सर्दियों में अपनी खोई हुई जमीन वापस हासिल करना चाहती है.

लंबी खिंचती जंग ने अमेरिका और नाटो देशों को अपनी तैयारियां दुरुस्त करने का मौका दिया है. वहीं रूस का हथियार डिपो तेजी से खाली हो रहा है. हजारों सैनिक और टैंक खत्म हो चुके हैं. ऐसी रिपोर्टें है कि रूस हथियारों के लिए अब ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों पर भी निर्भर हो रहा है.

जापोरिझिया में रूस के बढ़ते मिसाइल और हवाई हमले इशारा कर रहे हैं कि रूस जमीनी सेना के जरिए आगे बढ़ने में हिचकिचा रहा है.

सेना में शामिल होने से बचने के लिये कहां भाग रहे हैं रूसी

यूक्रेन के हिस्सों को रूस में मिलाने के दस्तावेजों पर दस्तखत करते पुतिन
यूक्रेन के हिस्सों को रूस में मिलाने के दस्तावेजों पर दस्तखत करते पुतिनतस्वीर: Dmitry Astakhov/Pool Sputnik Government/AP/picture alliance

तनाव के बीच पुतिन का जन्मदिन

7 अक्टूबर को पुतिन का 70वां जन्मदिन है. रूस के सरकारी टेलिविजन पर पुतिन के भरोसेमंद माने जाने वाले टिप्णीकार भी अब असहज करने वाले सवाल पूछ रहे हैं. रूसी टॉक शो के एक मशहूर मेजबान व्लादिमीर सोलोवयोव ने अपने शो के दौरान कहा, "कृपया मुझे बताइए कि अब जनरल स्टाफ के पास कौन से नायाब आइडियाज हैं."

यूक्रेनी सेना को मिल रही बढ़त का जिक्र करते हुए सोलोवयोव ने कहा, "क्या समय हमारे साथ है? उन्होंने अपने हथियारों का भंडार बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है."

दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार रूस में सेना जुटाने का अभियान

रूस की तरफ से बार बार आ रही एटमी हमले की चेतावनियों के बीच पहली बार यूक्रेन ने उल्टा रूस पर हमला करने की मांग की है. ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट में चर्चा के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि नाटो को एहतियातन रूस पर निशाना साधना चाहिए ताकि वह परमाणु हथियार इस्तेमाल कर ही ना सके.

पहली बार दूसरी तरफ से आए ऐसे संकेत के बाद रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि, यहटिप्पणी "एक और विश्वयुद्ध शुरू करने की अपील है, जिसके अकल्पनीय और त्राहिमाम से भरे नतीजे होंगे." 

ओएसजे/एनआर (रॉयटर्स, एपी)