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फिल्म

सेक्स सीन को फिल्माते वक्त सुरक्षा

आकांक्षा सक्सेना
२ अगस्त २०२१

आस्था खन्ना बॉलीवुड फिल्म सेट पर अंतरंग सम्बन्ध कैसे फिल्माए जाएं, उसके नियम स्थापित करने का काम कर रही हैं. वह अपने काम से सहमति जैसे मुद्दों को केंद्र में ला रही हैं.

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तस्वीर: Privat

साक्षी भाटिया कुछ साल पहले एक बॉलीवुड मर्डर मिस्ट्री के सेट पर बतौर निर्देशक की सहायक कार्यरत थीं. फिल्म के निर्देशक ने जो एक्टर आरोपी किलर और पीड़िता बने थे, उनसे अंतरंग सीन की मांग की.

असल घटना पर आधारित इस फिल्म में शिकार पीड़िता एक 14 वर्षीय अभिनेत्री थी और हत्यारे का किरदार एक 45 वर्षीय पुरुष अभिनेता निभा रहे थे.

साक्षी भाटिया ने डीडब्ल्यू को बताया, "इस सीन ने मुझे थोड़ा असहज कर दिया, और मुझे आश्चर्य हुआ कि क्या किसी ने उस किशोरी को समझाया है कि दृश्य को कोरियोग्राफ कैसे किया जाएगा. इस सीन में एक पेशेवर की अदद आवश्यकता थी, तब भी जब उन्हें फिल्माया जा रहा था और जब स्टूडियो की रोशनी बंद थी.

बॉलीवुड सेट पर अभिनेताओं की देख-रेख  के लिए आमतौर पर प्रोडक्शन क्रू जिम्मेदार होते हैं. लेकिन अब भारत के फिल्म उद्योग के पास पहली प्रमाणित अंतरंगता प्रोफेशनल या 'इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर है.

आस्था खन्ना का कहना है कि वह सेक्स दृश्यों को कोरियोग्राफ करते हुए सेट पर अभिनेताओं के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाना चाहती हैं. वह इंटिमेसी प्रोफेशनल्स का एक समूह तैयार कर रही हैं जो बॉलीवुड फिल्म निर्माताओं के लिए दिशा-निर्देश तैयार कर रहा है. आजकल उन्हें बड़ी प्रोडक्शन कम्पनियां नग्नता, नकली यौन अंतरंगता और यौन हिंसा वाले दृश्यों के फिल्मांकन के लिए बुलाती हैं.

खन्ना ने डीडब्ल्यू को बताया, "जहां एक्शन दृश्यों के लिए स्टंट कोरियोग्राफर और नृत्य दृश्यों के लिए नृत्य कोरियोग्राफर थे, वहां अंतरंग दृश्यों को फिल्माने के लिए कोई नहीं होता था. सांस्कृतिक रूप से, अंतरंगता पर चर्चा नहीं की जाती है.  इसे निंदनीय या उत्तेजक माना जाता है. पर्दे के पीछे भी इसपर बात करना वर्जित है. लेकिन हमारे लिए इसके बारे में लगातार बातचीत करना बेहद जरूरी है."

Aastha Khanna | Intimacy Coordinator
फिल्म के सेट पर आस्था खन्नातस्वीर: Privat

भले ही आस्था खन्ना की भूमिका नई हो लेकिन भारतीय मनोरंजन उद्योग में अंतरंग दृश्यों को फिल्माने के लिए लंबे समय से दिशा-निर्देशों की आवश्यकता है.

'इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर' काम कैसे करता है?

खन्ना ने डीडब्ल्यू को बताया, "मैं पहले अभिनेताओं के साथ उनकी सहमति और सीमाओं के बारे में बात करती हूं.  दृश्य को समझना और निर्देशक की दृष्टि के अनुसार इसे कोरियोग्राफ करना भी मेरे काम का हिस्सा है. मैं यह भी सुनिश्चित करती हूं कि एडिटिंग करते वक्त कुछ नयी चीजें न जोड़ दी जाएं, जिन पर पहले से सहमति नहीं है.

लॉस एंजेलिस में इंटिमेसी प्रोफेशनल्स एसोसिएशन में अपने प्रशिक्षण के दौरान आस्था खन्ना ने नकली सेक्स दृश्यों को फिल्माने के लिए कई नई तकनीकें सीखीं जैसे जननांगो के बीच तकिए, क्रॉच गार्ड, निपल्स पेस्टी, टेप जैसे चीजों का उपयोग किया जाता है ताकि कभी भी वह एक दुसरे को न छुएं.

अपने प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरंगता प्रोटोकॉल, अनुबंधों में नग्नता के क्या नियम हैं और दो अभिनेताओं के बीच क्या पावर-प्ले होता है, इसके बारे में भी सीखा.

Aastha Khanna | Intimacy Coordinator
आस्था खन्ना कहती हैं कि अभी बॉलीवुड को बहुत दूर जाना हैतस्वीर: Privat

वह बताती हैं, "यह एक बहुत ही सेंसिटिव समय होता है, अगर कुछ गलत तरह से फिल्म हुआ तो वह लोगो को मानसिक रूप से ट्रिगर कर सकता है. यह किसी की शारीरिक और मानसिक सीमाओं को तोड़ सकता है और इससे उनके जीवन पर बुरा असर पड़ सकता है."

एक पेशेवर इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर को काम पर रखने से फिल्म का बजट बढ़ सकता है और अभी भी भारत के फिल्म उद्योग में यह काफी हद तक अनसुना है. करीब एक दशक तक फिल्मों में काम करने वाली सहायक निर्देशिका अमित कौर ने डीडब्ल्यू को बताया, "भारत में सेक्स सीन की कोरियोग्राफी काफी हद तक एक विदेशी अवधारणा है और अभिनेताओं को ज्यादातर इसे खुद ही संभालने के लिए छोड़ दिया जाता है और उनसे स्वयं सहज होने की उम्मीद की जाती है."

#MeToo और इंटिमेसी में सहमति की भूमिका

दो साल पहले, एचबीओ नेटवर्क ने यौन अंतरंग दृश्यों को फिल्माने वाले हर सेट पर इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर रखना अनिवार्य कर दिया था. जल्द ही, नेटफ्लिक्स और एमेजॉन प्राइम सहित अन्य बड़े निर्माताओं ने भी इसको अपनाया.

भारतीय फिल्मों के इर्द-गिर्द हुईं यौन घटनाओं के बाद इंटिमेसी कोऑर्डिनेशन की चर्चा तेजी हुई है. मनोरंजन पत्रकार रोहित खिलनानी ने कहते हैं, "कितनी ही फिल्मों में ऐसे वाकये हुए, जहां एक अभिनेता ने अभिनेत्री को सीन खत्म होने के बाद भी गलत तरीके से छुआ या उन्हें पकड़े रखा. यह कार्यस्थल पर होने वाले उत्पीड़न के मामले में आते हैं और इसलिए जरूरी है कि इससे बचाव के लिए एक प्रोफेशनल या स्पेशलिस्ट हो."

अब ऑन-डिमांड प्लेटफॉर्म आने से फिल्में और सीरीज की वृद्धि हुई है. रोहित खिलनानी का कहना है कि एक इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर का सेट पर होना, जरूरी मानक होना चाहिए.

पीरियड्स के दौरान भी मुमकिन है सेक्स

खन्ना कहती हैं, "मैं #MeToo आंदोलन से बहुत प्रभावित हुई. मुझे लगा कि जब मैं फिल्मों से इतना प्यार करती हूं तो इस कार्यक्षेत्र के तौर पर सुरक्षित क्यों नहीं बना सकती. फिल्मों में कई युवा और नए चेहरे शोषण की चपेट में आते हैं और जरूरी है, हम उन्हें इससे बचा पाएं"

खिलनानी ने डीडब्ल्यू हिंदी को बताया "भारत में MeToo सफल नहीं रहा. जिन लोगों का नाम सामने आया भी था अब वे मामले शांत होने की वजह से  फिल्मों में दोबारा वापस आ गए हैं. इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन आप हर समय सुरक्षा कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं? MeToo से कुछ घटनाएं सामने आई हैं जो फिल्म के सेट पर नहीं हुईं, फिल्म से पहले या बाद में हुई, सेट से बाहर."

भारतीय मनोरंजन उद्योग दुनिया में सबसे बड़े उद्योगों में से एक है. इस नई चेतना को उद्योग के सभी क्षेत्रों तक पहुंचने में समय लगेगा. साक्षी भाटिया ने कहा कि उन्हें लगता है कि अभी लंबा रास्ता तय करना है.

उनके अनुसार, "इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर यहां कोरियोग्राफ करने और नकली सेक्स को स्क्रीन पर अच्छा दिखाने के लिए हैं. अगर वे प्रोडक्शन हाउस से वेतन ले रहे हैं, तो उनके पास कोई जादुई छड़ी नहीं है कि निर्देशक जिस तरह से सेक्स सीन को फिल्माना चाहता, वह उसमें कोई बड़ा फेरबदल कर सकें. ये दृश्य सिनेमा हॉल में भीड़ लाते हैं और अभी इनको संवेदनशीलता से फिल्माना एक गहरी खायी है जिसे पाटना अभी दूर की बात है."

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