कोसोवो की शादी में यूं सजती है दुल्हन
कोसोवो की यह पारंपरिक शादी किसी कला उत्सव से कम नहीं है. दुल्हन को सजाना किसी कलाकृति को तैयार करने जैसा है. देखिए, कोसोवो की पारंपरिक शादी...
दुल्हन सजाना एक कला है
दक्षिणी कोसोवो के डोन्ये ल्यूबिन्ये इलाके में रहने वाले बोस्नियाई लोगों के लिए शादी का उत्सव एक कला उत्सव है.
सदियों पुरानी परंपरा
सदियों पुरानी परंपराओं को मानते हुए यहां शादी का समारोह दो दिन तक चलता है जिसमें दुल्हन को पारंपरिक रूप से तैयार किया जाता है.
घंटों की मेहनत
दुल्हन के चेहरे को सजाना अपने आप में एक बड़ा काम है. इसके लिए कलाकारों को कम से कम दो घंटे लगते हैं. इस दौरान दुल्हन ना बोल सकती है, ना आंखें खोल सकती है और खाना-पीना तो भूल ही जाओ.
हर रंग का अपना अर्थ
स्थानीय परंपराओं पर किताब लिख चुके बायोलॉजी के प्रोफेसर रहे जावित रेचेपी बताते हैं कि ये परंपराएं 2,000 साल पुरानी हैं. वह बताते हैं कि चेहरे पर बनी हर रेखा और हर रंग का अपना अर्थ है.
चले गए लोग
डोन्ये ल्युबिन्ये में लगभग 3,000 लोग रहते हैं. हालांकि पिछले 20 साल में आबादी आधी हो गई है क्योंकि लोग विदेशों में जा बसे हैं.
शादियों का मौसम
शादियों का मौसम जुलाई-अगस्त में होता है. तब बहुत से लोग शादी करने के लिए गांव लौटते हैं. तब हर रोज एक-दो शादियां होती हैं.
भविष्य का सूनापन
एक सच्चाई यह भी है कि अब ऐसी पारंपरिक शादियां चाहने वालों की संख्या घटती जा रही है. यही वजह है कि अब इस गांव में एक ही महिला है जो इस तरह का मेकअप कर सकती है. उसकी उम्र भी 60 के पार हो चली है.