गैस पर टैक्स को लेकर जर्मनी के खिलाफ हुए यूरोप के ये चार देश
२९ मई २०२४अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, मध्य यूरोप के चार देशों ने ब्रसेल्स स्थित यूरोपीय आयोग पर इस बात के लिए दबाव बढ़ा दिया है कि गैस पर लगाए जाने वाले शुल्क को लेकर जर्मनी के खिलाफ कार्रवाई की जाए. चारों देशों का कहना है कि ये टैरिफ उनकी ऊर्जा सुरक्षा को कमजोर करता है.
यह शुल्क उस ऊर्जा संकट का नतीजा है, जो 2022 में तब अपने चरम पर पहुंच गया, जब रूस ने यूरोप को गैस का निर्यात घटा दिया. इसके तहत जर्मनी के गैस भंडारों से निकले ईंधन पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जाता है. जर्मनी यह टैरिफ इसलिए लगाता है, क्योंकि उसे अपने अरबों यूरो की भरपाई करनी है. जर्मनी ने ये रकम गैर-रूसी गैस बहुत ऊंची कीमतों पर खरीदने में खर्च की, ताकि जरूरत पड़ने पर ईंधन की कमी न हो.
किन देशों को है शिकायत
ऑस्ट्रिया, चेक रिपब्लिक, हंगरी और स्लोवाकिया का कहना है कि जर्मनी के रास्ते गैर-रूसी ईंधन खरीदना और ज्यादा महंगा हो जाता है. ऐसे में जर्मनी के ये उपाय रूसी गैस का उपयोग बंद करने के उनके प्रयासों को चोट पहुंचाते हैं. इन देशों ने एक साझा दस्तावेज में आयोग से दरख्वास्त की है कि इस मुद्दे को लेकर सिर्फ बात ही न की जाए, बल्कि ठोस कदम उठाए जाएं.
इस मामले से वाकिफ लोगों का दावा है कि आयोग ने उस टैरिफ को लेकर जर्मनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की योजना बनाई है, जिसे यूरोपीय संघ के एकल बाजार नियमों (सिंगल मार्केट रूल्स) का उल्लंघन माना जाता है. हालांकि, अभी तक कोई मुकदमा दायर नहीं किया गया है.
रूसी गैस पर निर्भरता है मसला
चारों देशों ने कहा है, "यूक्रेन के रास्ते रूसी गैस की आपूर्ति इस साल के अंत तक चरणबद्ध तरीके से बंद होनी है. ऐसे में यह शुल्क पूरे सीसीई (मध्य और पूर्वी यूरोप) क्षेत्र में ऊर्जा आपूर्ति की सुरक्षा को काफी कम कर देगा."
ऑस्ट्रिया और हंगरी रूसी गैस पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं. ऑस्ट्रिया के ऊर्जा मंत्री ने फरवरी में कहा था कि उनका देश अपनी ऊर्जा आपूर्ति में विविधता लाने के लिए संघर्ष कर रहा है. उनका मंत्रालय ऊर्जा कंपनी ओएमवी के रूस के साथ दीर्घकालिक गैस समझौते को रद्द करने पर विचार कर रहा है.
यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने कहा है कि संघ के देशों के ऊर्जा मंत्रियों और यूरोपीय आयोग 30 मई को ब्रसेल्स में होने वाली बैठक में जर्मन टैरिफ पर चर्चा कर सकते हैं.
क्या है जर्मनी का पक्ष
रॉयटर्स ने जर्मनी के ऊर्जा मंत्री की प्रतिक्रिया जाननी चाहिए, लेकिन इस आग्रह का उनकी ओर से तुरंत कोई जवाब नहीं आया. इससे पहले उनका मंत्रालय कह चुका है कि शुल्क में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है. जर्मनी का कहना है कि उसके अपने गैस भंडार तेजी से भरने के कारण ऊर्जा संकट के दौरान यूरोपीय संघ के अन्य देशों को भी लाभ हुआ. जर्मनी के गैस भंडार यूरोपीय संघ में सबसे बड़े हैं.
पिछले सप्ताह यूरोपीय आयोग ने कहा था कि वह जर्मन सरकार के साथ बातचीत कर रहा है और आयोग ने शुल्क की वैधता को लेकर अपने संदेह चर्चा में उठाए थे. यूरोपीय संघ के एकल बाजार नियम (सिंगल मार्केट रूल्स) सदस्य देशों के बीच होने वाले व्यापार पर टैरिफ लगाने से रोकते हैं.
वीएस/एसएम (रॉयटर्स)