छोटे चीनी शहरों में ‘गोभी की तरह’ बिक रहे हैं फ्लैट
१६ जून २०२३बीजिंग में रहने वाले हू योंगवेई ने मध्य चीन के एक छोटे शहर हेबी में एक दर्जन से ज्यादा अपार्टमेंट खरीदे हैं. कुल कीमत, भारतीय रुपयों में करीब 25 लाख. हू को उम्मीद है कि उनका यह निवेश आने वाले समय में बढ़िया रिटर्न देगा.
हू ने ज्यादातर दो या तीन बेडरूम वाले फ्लैट खरीदे हैं, जो तीन दशक पहले बनाये गये थे. इसी महीने उन्होंने हेबी में 15वां अपार्टमेंट 18 हजार युआन यानी करीब दो लाख भारतीय रुपये में खरीदा. हेबी में प्रॉपर्टी की कीमतें पिछले करीब दो साल से गिर रही थीं.
39 साल के निवेशक हू कहते हैं, "फ्लैट्स बहुत सस्ते मिल रहे थे. बिल्कुल गोभी की तरह बिक रहे थे.” हू बताते हैं कि शेयर मार्केट में निवेश का उनका अनुभव बहुत खराब रहा है और वह उस निवेश की तरफ नहीं जाना चाहते.
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प्रॉपर्टी एजेंट कहते हैं कि छोटे शहरों जैसे पूर्व में वाईनान और रुशान या फिर दक्षिण पश्चिम में गेजियू में बहुत से लोग प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं. ये खरीददार बड़े शहरों से आ रहे हैं. यह दिखाता है कि नये निवेशक बड़े शहरों से अपना रुख अब छोटे शहरों की ओर कर रहे हैं, जहां सबसे सस्ती प्रॉपर्टी उपलब्ध है. हालांकि पूरे चीन में पिछले एक साल से प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट का दौर चल रहा है.
अर्थव्यवस्था पर असर नहीं
इन छोटे शहरों में हो रहा निवेश इतना बड़ा तो नहीं है कि देश की अर्थव्यवस्था पर कोई असर डाल सके और चीन की प्रॉपर्टी मार्केट का ही भविष्य बदल सके, लेकिन जबकि प्रॉपर्टी बाजार बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है तो नया निवेश लोगों को कुछ राहत दे रहा है.
यह राहत जरूरी है क्योंकि देश के प्रॉपर्टी बाजार के हालात लगातार खराब हो रहे हैं. मई महीने में नये घरों की कीमतें पहले के मुकाबले कम तेजी से बढ़ीं. आंकड़े दिखाते हैं कि पिछले दो दशक में प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट इस वक्त सबसे ज्यादा तेजी से गिरा है.
ऐसे में छोटे शहरों में उपलब्ध बेहद सस्ते घर खरीददारों को आकर्षित कर रहे हैं. हू बताते हैं कि हेबी में एक अपार्टमेंट के लिए तो उन्होंने मात्र 1,000 युआन यानी करीब 11,400 भारतीय रुपये दिये. चीन की सबसे बड़ी रीयल एस्टेट कंपनी आंजुके के मुताबिक हेबी में 2021 के बाद से कीमतें कई जगह तो 27 फीसदी तक गिर चुकी हैं. यही हाल वाईनान, रुशान और गेजियू का है जहां कीमतें 24 फीसदी तक गिर चुकी हैं.
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इसकी तुलना में बीजिंग जैसे सबसे बड़े शहरों से की जाए तो पिछले छह साल में एक औसत घर की कीमत में 1.5 फीसदी ही गिरावट आई है और आज भी उसकी कीमत दसियों हजार हो सकती है. उधर चोंगकिंग जैसे टीयर-2 शहर में कीमतें पांच साल में दस फीसदी तक गिर चुकी हैं.
लोगों में भरोसा नहीं
रीयल एस्टेट एजेंट बताते हैं कि छोटे शहरों में प्रॉपर्टी खरीद रहे लोग अधितकर बाहरी हैं. वे या तो ऐसे लोग हैं जो सिर्फ निवेश करना चाहते हैं या फिर गरीब युवा जिनके पास खर्चने के लिए ज्यादा धन नहीं है और रिटायरमेंट के लिए सस्ता इंतजाम चाहते हैं.
वाईनान के एक प्रॉपर्टी एजेंट शाओ बताते हैं कि ज्यादातर खरीददार बाहर से आये हैं. वह कहते हैं, "बड़े शहरों में रहना बहुत महंगा हो गया है इसलिए युवा लोग सस्ते घर खरीदने के लिए इधर आ रहे हैं.”
रुशान में एजेंट लियू योंग कहते हैं कि बाहर से आ रहे ज्यादातर खरीददार 40 से 50 साल के बीच के हैं और समुद्र के किनारे अपनी रिटायरमेंट की तैयारी कर रहे हैं. गेजियू में एक एजेंट के मुताबिक लोग ऐसे शहरों में प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं जहां रहना सस्ता हो.
विशेषज्ञ कहते हैं कि इस निवेश से ज्यादा खुश नहीं हुआ जा सकता क्योंकि उपभोक्ता अब भी खरीददारी के मूड में नहीं हैं और कंज्यूमर सेंटिमेंट दो दशक में सबसे निचले स्तर पर है. घरेलू बाजार में मांग बहुत कमजोर है और कंपनियां नया निवेश करने के बजाय अपना कर्ज चुकाने को प्राथमिकता दे रही हैं. युवाओं में बेरोजगारी 20 फीसदी तक पहुंच चुकी है.
वाबाओ ट्रस्ट में अर्थशास्त्री नि वेन कहते हैं, "छोटे शहरों में इतने सारे लोगों का कम कीमत पर घर खरीदना दिखाता है कि वे सावधानी बरत रहे हैं. उनके अंदर भविष्य को लेकर भरोसा नहीं है.”
वीके/एए (रॉयटर्स)