चीन में भी मुनाफे के नाम पर ठगे जा रहे लोग
२७ दिसम्बर २०२३शिन्हुआ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल देश की पुलिस ने 180 ऐसे समूहों के खिलाफ कार्रवाई की, जो फर्जी सरकारी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फर्जी घरेलू परियोजनाओं में निवेश के नाम पर लोगों से कई लाख डॉलर की उगाही करने में शामिल थे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने ऐसे 260 मामलों में कार्रवाई की है, जिनमें कुल 21 करोड़ डॉलर की धोखाधड़ी हुई है.
सरकारी योजनाओं के नाम पर ठगी
इस धोखाधड़ी के तौर-तरीके के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि इसे अकसर विदेश से ऑनलाइन अंजाम दिया जाता है. ऐसे मामलों में आमतौर पर फर्जी सरकारी दस्तावेजों और सरकारी गरीबी उन्मूलन योजनाओं के नाम का इस्तेमाल करके आम नागरिकों से पैसे ठग लिए जाते हैं.
फर्जी स्कीमों के जरिए लोगों से मेंबरशिप या शुरुआती पूंजी निवेश के नाम पर पैसे ठगे जाते हैं जहां ऑनलाइन धोखेबाज अवैध रूप से अपने ब्रांड और लोगो का इस्तेमाल करके निवेशकों को नए उत्पादों पर आकर्षक रिटर्न के साथ धोखा देते हैं.
इस धोखाधड़ी में शामिल लोग आम नागरिकों को झूठा विश्वास दिलाने के लिए अकसर इन कंपनियों के ब्रांड और लोगो का अवैध रूप से इस्तेमाल करते हैं. वे लोगों से झूठा वादा करते हैं कि कथित परियोजनाओं में निवेश के बदले उन्हें मुनाफा मिलेगा.
मुनाफे के नाम पर ठगी
पिछले महीने सिंगापुर सॉवरिन वेल्थ फंड टेमासेक होल्डिंग्स ने कहा था कि कुछ धोखाधड़ी करने वाले उसके शेनजन दफ्तर का प्रतिनिधित्व करने का दावा कर रहे थे. ठग, लोगों से निवेश के बदले कमीशन के साथ मुनाफा वापस लौटाने का वादा कर रहे थे.
चीन में इस समय ऑनलाइन धोखाधड़ी आम हो गई है, यह हाल तब है जब चीन अपनी अर्थव्यवस्था को तेज करने की कोशिश में जुटा हुआ है.
चीनी पुलिस ने इस साल म्यांमार से चल रहे ऑनलाइन फर्जीवाड़ों पर नकेल कसना शुरू किया, जहां हर दिन एक लाख से अधिक लोग फोन के जरिए होने वाली धोखाधड़ी में शामिल होते हैं. नवंबर में म्यांमार के अधिकारियों द्वारा 31,000 से अधिक ठगी करने वाले संदिग्धों को चीन को सौंपा था.
भारत में भी ठगे जा रहे लोग
भारत में फोन के जरिए साइबर ठगी के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं. लोग ठगों के झांसे में आकर अपने पासवर्ड और अहम जानकारी साझा कर देते हैं और ऐसे में उनकी मेहनत की कमाई उड़ जाती है.
भारत में पहले सामान्य कॉल के जरिए ठगी होती थी लेकिन अब डाटा चोरी कर पैसे खाते से निकाले जा रहे हैं. ठग हाईटेक होते हुए कार्ड क्लोनिंग करने लगे हैं. एटीएम कार्ड लोगों की जेब में ही रहता है और ठग पैसे निकाल लेते हैं. एटीएम क्लोनिंग के जरिए कार्ड की पूरी जानकारी चुरा ली जाती है और उसका डुप्लीकेट कार्ड बना लिया जाता है.
यही नहीं क्यूआर यानि क्विक रिस्पांस कोड के जरिए जालसाज ग्राहकों को भी लूटने का काम कर रहे हैं. इसके जरिए मोबाइल पर क्यूआर कोड भेजा जाता है और उसे पाने वाला शख्स क्यूआर कोड लिंक को क्लिक करता है तो ठग उसके मोबाइल फोन का क्यूआर कोड स्कैन कर बैंक खाते से रकम निकाल लेते हैं.
इसके अलावा बिजली बिल के बहाने भी ठगी बहुत आम हो गई है. ठग लोगों को मैसेज भेजकर कहते हैं कि आपका बिजली बिल बकाया होने की वजह से कनेक्शन काट दी जाएगी. इसके बाद मैसेज में बताए गए नंबर पर फोन करने को कहा जाता है, फोन करने के बाद बताए गए नंबर पर पैसे ट्रांसफर करा लिए जाते और लोग धोखाधड़ी का शिकार हो जाते.
आमिर अंसारी (रॉयटर्स)