शी जिनपिंग को तानाशाह कहने पर जर्मन राजदूत तलब
१९ सितम्बर २०२३बर्लिन में जर्मन विदेश मंत्रालय के कार्यालय ने बीजिंग में राजदूत को तलब किए जाने की खबर की पुष्टि की है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक चीन ने बीजिंग में तैनात जर्मन राजदूत पाट्रिशियार फ्लोर को रविवार को एक मुलाकात के लिए तलब किया. जर्मन विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक के एक अमेरिकी टेलिविजन चैनल को दिए इंटरव्यू के बाद यह विवाद पैदा हुआ.
यूरोप में सस्ती चाइनीज ई कारों की जांच शुरू
जर्मन विदेश मंत्री संयुक्त राष्ट्र की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए न्यूयॉर्क में हैं. इसी दौरान 14 सितंबर को अमेरिकी टेलिविजन नेटवर्क फॉक्स के साथ इंटरव्यू में जर्मन विदेश मंत्री ने यूक्रेन युद्ध का हवाला देते हुए कहा, "पुतिन अगर जंग जीतते हैं तो, इससे दुनिया के अन्य तानाशाहों को क्या संदेश मिलेगा, जैसे शी, चीनी राष्ट्रपति को?" इसके बाद बेयरबॉक ने कहा, "इसीलिए यूक्रेन को यह युद्ध जीतना ही होगा. आजादी और लोकतंत्र को जीतना ही होगा."
चीन की कड़ी प्रतिक्रिया
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग के मुताबिक, जर्मन विदेश मंत्री के बयान "पूरी तरह बेतुके हैं, यह चीन के राजनीतिक गौरव का गंभीर रूप से उल्लंघन करते हैं और खुले तौर पर राजनीतिक उकसावा हैं."
माओ ने कहा कि चीन राष्ट्रपति शी पर बेयबॉक की टिप्पणी से पूरी तरह असहमत है और इस मुद्दे पर कूटनीतिक चैनलों के जरिए जर्मनी से संपर्क किया गया है.
एक के बाद एक झटका झेलते जर्मनी-चीन के रिश्ते
बेयरबॉक के मुताबिक वह अपने बयान के बाद बीजिंग की तरफ से हो रही प्रतिक्रिया से वाकिफ हैं. इस बारे में और सवालों के जवाब देने से उन्होंने इनकार किया. चीन जर्मनी का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है, लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद से दोनों देशों के संबंधों में भरपूर तनाव दिख रहा है.
2023 की गर्मियों में जर्मन सरकार ने पहली बार अपनीनई चीन रणनीति पेश की. इस दस्तावेज में जर्मनी की चीन पर निर्भरता कम करने की बात कही गई है. वहीं जर्मनी की गठबंधन सरकार का कहना है कि वह पूरी तरह दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था चीन से अलग नहीं होना चाहती है. जर्मनी निर्यात पर निर्भर अर्थव्यवस्था है और चीन उसके लिए सबसे बड़ा बाजार है. बीजिंग के साथ तनाव का असर जर्मनी के निर्यात पर भी होगा. चीन का विदेश मंत्रालय जर्मन की नई चीन नीति को नुकसान पहुंचाने वाला कदम बता चुके हैं.
जर्मन कार इंडस्ट्री को झटका देता चीन
सैन्य रूप से शांत रहने वाला जर्मनी अब हिंद प्रशांत क्षेत्र में भी सक्रिय होने लगा है. जुलाई 2023 में जर्मनी ने पहली बार अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ संयुक्त सैन्याभ्यास के लिए अपनी एक टुकड़ी ऑस्ट्रेलिया भेजी. जर्मनी समेत पश्चिमी देशों और चीन के पड़ोसियों का आरोप है कि बीजिंग सैन्य दबदबे से दक्षिण चीन सागर में हालात बदल रहा है. वैश्विक शिंपिंग कारोबार के लिहाज से दक्षिण चीन सागर एक अहम रूट है.
ओएसजे/एनआर (डीपीए)