जलवायु परिवर्तन: दुनिया भर में बाढ़, सूखा, आग और लू
जलवायु परिवर्तन ने पूरे विश्व में चरम मौसम की घटनाओं के खतरे को और बढ़ा दिया है. अनियमित मौसमी उथल-पुथल से अभूतपूर्व पैमाने पर बाढ़, जंगल की आग, गर्मी की लहरें और सूखा पड़ रहा है.
बाढ़ से बेहाल केंटकी
अमेरिकी राज्य केंटकी की बाढ़ यहां के लोगों की जान पर भारी पड़ गई. पहाड़ी इलाका होने की वजह से यहां राहत और बचाव कार्य में दिक्कतें पेश आईं. बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं में 30 लोग मारे गए.
यूरोप पर पड़े गर्म हवा के थपेड़े
यूरोप के कई देशों में चिलचिलाती गर्मी ने जंगल की आग को भड़काया. स्पेन, इटली, क्रोएशिया, फ्रांस और पुर्तगाल सभी देशों में जंगल की आग भड़की. वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी की लहरें लगातार और तीव्र होती जा रही हैं.
पाकिस्तान में मूसलाधार बारिश और बाढ़
पाकिस्तान में जून के मध्य से एक के बाद एक कई तूफान आए. जिसमें कई लोग मारे गए. तूफान के कारण घरों, सड़कों, पुलों और बिजली स्टेशनों को नुकसान पहुंचा. देश के जलवायु परिवर्तन मंत्री ने कहा कि हाल की बारिश औसत बारिश की तुलना में 87 प्रतिशत भारी थी और पाकिस्तान को और अधिक बाढ़ का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए.
सिडनी की बाढ़
इसी साल जुलाई की शुरुआत 18 महीनों में ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स राज्य में चौथी बाढ़ लेकर आई. ग्रेटर सिडनी क्षेत्र विशेष रूप से प्रभावित हुआ था. यहां सिर्फ चार दिनों में आठ महीने की बारिश हुई थी. सड़कें नदियों में बदल गईं और हजारों लोगों को उनके घरों से निकाला गया.
इटली में पानी का संकट
सर्दियों में बारिश की कमी और महीनों के सूखे के बाद इटली सरकार ने पांच क्षेत्रों में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी. यह साल के अंत तक ऐसा ही रहेगा.
उत्तर अमेरिका में जंगल की आग
अमेरिका में जंगलों की आग का मौसम आधिकारिक रूप से शुरू होने से पहले ही, देश के कुछ हिस्से आग की लपटों में हैं. जुलाई की शुरुआत में उत्तरी कैलिफोर्निया के जंगलों में आग लग गई.
बाढ़ और बारिश का कहर
उत्तर पूर्व भारत में इस साल भारी बारिश के बाद आई बाढ़ ने खूब तबाही मचाई. पूर्व उत्तर में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई. असम, मणिपुर, त्रिपुरा और सिक्किम में भूस्खलन से कई लोग मारे गए और मकानों को नुकसान पहुंचा.