कनाडा में तंबू लगाकर प्रदर्शन करते ट्रक चालक
७ फ़रवरी २०२२कनाडा की राजधानी ओटावा समेत कई शहरों में कोविड और वैक्सीन नियमों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन और तीखे हो गए हैं. मुश्किल हालात को देखते हुए ओटावा के स्थानीय प्रशासन ने रविवार को आपातकाल की घोषणा कर दी. ओटावा के अलावा क्यूबेक, विनीपेग और टोरंटो जैसे शहरों में भी इसी तरह के प्रदर्शन हुए हैं. जनवरी 2022 के आखिरी हफ्ते में शुरू हुए इन विरोध-प्रदर्शनों में ट्रक चालकों की बड़ी संख्या है. प्रदर्शन को "फ्रीडम कॉनवॉय" यानी "आजादी का काफिला" नाम दिया गया है. प्रदर्शनों की शुरुआत कनाडा-अमेरिका का बॉर्डर पार करने के लिए वैक्सीन लगे होने की शर्तों के खिलाफ हुई थी. लेकिन कुछ ही दिनों बाद प्रदर्शन कोविड-19 की पाबंदियों और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार के खिलाफ एक मुहिम में बदल गए. प्रदर्शनकारियों ने ओटावा में टेंट लगाना और राशन जुटाना शुरू कर दिया है, ताकि प्रदर्शन को लंबा चलाया जा सके. अब प्रशासन भी सख्त कदम उठाने के बारे में सोच रहा है.
ओटावा में हालात काबू से बाहर: मेयर
ओटावा के मेयर जिम वाटसन के कहा है कि आपातकाल की घोषणा करना न्यायिक व्यवस्था और प्रशासनिक मदद की जरूरत को दिखाता है. वाटसन ने कहा कि ओटावा में "हालात पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर" हो गए हैं. वाटसन ने कहा, "साफ तौर पर, हमारी (प्रशासन और पुलिस) संख्या कम है और हम ये लड़ाई हार रहे हैं." वाटसन ने प्रदर्शन कर रह ट्रक चालकों को असंवेदनशील कहा है. वाटसन के मुताबिक, प्रदर्शनकारी लगातार हॉर्न, सायरन बजा रहे हैं और पटाखे फोड़ रहे हैं. प्रदर्शन को किसी पार्टी की तरह मना रहे हैं.
वहीं स्थानीय पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की मदद रोकने के लिए नए कदम उठाए हैं. पुलिस ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों को गैस इत्यादि सामान मुहैया कराने वालों को गिरफ्तार किया जा सकता है. पुलिस के मुताबिक, शनिवार और रविवार के बीच 450 से ज्यादा चालान काटे जा चुके हैं. शहर के पुलिस प्रमुख, पीटर स्लोली ने प्रदर्शनों को "कब्जा" बताया है और ज्यादा सैन्य बल की मांग की है. इस प्रदर्शन का आयोजकों पर लगातार हॉर्न बजाने के लिए एक केस भी दर्ज किया गया है. स्लोली ने माना कि इस प्रदर्शन के बाद ओटावा के निवासियों के भरोसे को ठेस पहुंची है. और वे लगातार बजते हॉर्न, ट्रैफिक जाम और बदतमीजी से निराश हैं.
इसके अलावा कुछ प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पेशाब करने और गाड़ियां चढ़ाने ने भी गुस्सा भड़काया है. एक प्रदर्शनकारी के एक मृत सैनिक की कब्र पर नाचने की जानकारी भी सामने आई है. साथ ही स्वास्तिक निशान वाले झंडे भी प्रदर्शन में देखे गए हैं.
कनाडा में सर्दी से जमकर मरे भारतीय परिवार की पहचान उजागर, छह गिरफ्तार
बाकी शहरों का हाल
ओटावा के अलावा क्यूबेक, टोरंटो, वेंकूवर और विनीपेग जैसे शहरों में भी 6 फरवरी (रविवार) को प्रदर्शन हुए. हालांकि, इनका स्तर ओटावा जितना बड़ा नहीं था. क्यूबेक शहर की पुलिस के मुताबिक, करीब 30 ट्रकों ने शहर की मुख्य सड़क पर जाम लगा दिया है. अगर वे जल्दी अपनी जगह से नहीं हटते हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है. क्यूबेक शहर ने कुछ समय पहले वैक्सीन ना लगवाने वाले निवासियों पर हर महीने जुर्माना लगाने का ऐलान भी किया था.
टोरंटो में भी दिन-रात प्रदर्शन जारी है. सड़कें जाम होने की वजह से शहर के डाउन-टाउन में आवाजाही बाधित हुई है. वहीं विनीपेग में प्रदर्शनस्थल पर हिट-एंड-रन का मामला भी सामने आया है. वेंकूवर में शनिवार को प्रदर्शनकारी ट्रक चालकों के समर्थन में कार रैली निकाली गई.
प्रदर्शन के लिए इकट्ठा फंड दान किया जाएगा!
प्रदर्शनकारियों के लिए एक ऑनलाइन वेबसाइट- गो फंड मी- पर पैसा जुटाया जा रहा था. लेकिन अब वेबसाइट ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं. कंपनी के मुताबिक, यह प्रदर्शन उनके नियमों का उल्लंघन है. कंपनी ने कहा, "हमारे पास अब सबूत हैं कि पहले जो प्रदर्शन शांतिपूर्ण चल रहा था, वो अब एक तरह का कब्जा बन चुका है. पुलिस ने हिंसा और गैर-कानूनी गतिविधियों की जानकारी दी है. अब पैसा या तो चैरिटी में दान दिया जाएगा या फिर लोगों को लौटाया जाएगा." इस मुहिम के लिए एक करोड़ कनाडाई डॉलर यानी करीब 59 करोड़ रुपये जुटा लिए गए थे.
प्रदर्शनकारियों को ट्रंप का समर्थन
प्रदर्शन कर रहे ट्रक चालकों को अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी का समर्थन मिल रहा है. समर्थन करने वालों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भी शामिल हैं. ट्रंप ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को ऐसा "धुर-वामपंथी पागल" कहा, जिसने "उन्मादी कोविड नियम लागू कर कनाडा को बर्बाद कर दिया" है.
ट्रंप के इस बयान की आलोचना भी हो रही है. कनाडा में अमेरिका के राजदूत रहे ब्रूस हेयमेन ने कहा कि "अमेरिका को कनाडा के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी बंद करनी चाहिए. कनाडा-अमेरिका के रिश्ते तकनीकी समस्याएं सुलझाने पर केंद्रित थे. आज कनाडा को उनके घरेलू मामलों में अमेरिका के उग्र नेताओं का सामना करना पड़ रहा है. ट्रंप और उनके समर्थन सिर्फ अमेरिका के लिए ही नहीं, सभी लोकतंत्रों के लिए खतरा हैं."
आरएस/ओएसजे (एपी, एएफपी)
ये भी पढ़ें:
'मैं भी कनाडा जा रहा हूं': देश छोड़ना चाहते हैं भारत के बहुत से हताश युवा
लंबी कानूनी जंग जीते मूलनिवासी, कनाडा सरकार मुआवजा देने को तैयार
कनाडा में भारत की संपत्तियां जब्त करने का आदेशः रिपोर्ट