क्या खुफिया कैमरा ले रहा है दक्षिण कोरिया में जान
१४ जनवरी २०२०शादी का हॉल बुक था, घर का सामान भी बस कुछ दिनों पहले ही खरीदा गया था. लेकिन कमी थी घर की दुल्हन की. जिसने डिजिटल तांक झांक का शिकार होने के बाद आत्महत्या कर ली थी. उत्तर कोरिया में हजारों महिलाएं इस डिजिटल महामारी से जूझ रही हैं. अस्पताल में काम करने वाली ली यू जूंग के सहकर्मी ने वहां के चेंजिंग रूम में उन्हें कपड़े बदलते समय चुपके से फिल्मा लिया था. इस वीडियो के लीक होने को वह बर्दाश्त नहीं कर सकी, और उसने अपनी जान दे दी. यू जूंग की मौत उत्तर कोरिया में पहली 'स्पाईकैम' मौत बताई जा रही है. जिस आरोपी ने यू जूंग का चुपके से वीडियो बनाया था, उसके पास से कई महिलाओं के ऐसे ही आपत्तिजनक वीडियो मिले हैं. सभी को सस्ते और अवैध स्पाईकैम से फिल्माया गया था. यह स्पाईकैम "चाबी के छल्ले" जितना छोटा था. 26 साल की पैथोलॉजिस्ट के पिता ली यूंग टाई कहते हैं, "मै विश्वास नहीं कर पा रहा हूं कि वह अब दुनिया में नहीं रही. मै गुस्से में हूं." यू जूंग ने सितंबर 2019 में इमारत से कूद कर आत्महत्या की थी.
डिजिटल क्रांति से हालात और भी बदतर
दुनिया में डिजिटल क्रांति के बाद इसके दुरूपयोग भी बढ़े हैं. डिजिटल यौन अपराध बढ़ रहे हैं और दक्षिण कोरिया स्पाइकैम का वैश्विक केंद्र बन गया है. यहां छोटे, छिपे हुए कैमरों के जरिए पीड़ितों को नग्न, पेशाब करते हुए या सेक्स करते हुए रिकॉर्ड किया जा रहा है. इस अपराध का सबसे ज्यादा शिकार हो रही हैं महिलाएं.
ली यू जूंग की आत्महत्या से यह साफ हो गया है कि कैसे इस डिजिटल तांक झांक का असर महिलाओं की मानसिक स्थिति पर पड़ रहा है. हालांकि अपनी जान लेने से पहले ली यू जूंग अवसाद से निजात पाने के लिए दवाएं ले रही थी लेकिन इसके बावजूद वह घटना को बर्दाश्त नहीं कर सकी. पुलिस की गिरफ्त में आरोपी तब आया जब वह सुपरमार्केट में गैरकानूनी तरीके से लोगों का वीडियो बना रहा था. तलाशी लेने के बाद पुलिस को इसके पास से मृतका के अलावा कई महिलाओं की चोरी से ली गई नग्न तस्वीरें मिली. कोर्ट ने दोषी को 10 महीने की सजा दी है.
महिला के पिता इस मामूली सजा से बिल्कुल खुश नहीं है. इस तरह के अपराध की उत्तर कोरिया के कानून में पांच साल तक की सजा का प्रावधान है. महिला के पिता ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन से बात करते हुए कहा, "मैं चाहता हूं कि अदालत अवैध फिल्मांकन को यौन अपराध की श्रेणी में रखे." महिलाओं के अधिकारों पर काम करने वाली संस्थाएं भी ऐसे अपराध के लिए कठिन दंड चाहती हैं. उनके मुताबिक तांक झांक करने वालों को हल्के में नहीं लेना चाहिए. यह अपराध यौन उत्पीड़न से कम नहीं है.
ऐसी घटनाओं के बाद पीड़ित अकसर अवसाद में चले जाते हैं. जो कई बार आगे चलकर और विनाशकारी साबित होता है. सरकारी थिंक टैंक कोरियन वुमेन डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ने दो हजार पीड़ितों का सर्वेक्षण किया. इस सर्वे में पाया गया कि चार में से एक अपने साथ हुई घटना के बाद आत्महत्या का सोचती थी. दुनिया भर में यौन शिकारी महिलाओं से बदला लेने के लिए चुपके से उनकी अश्लील तस्वीरें लेते हैं.
सरकारों से क्या चाहता है समाज
यह समस्या तकनीकी रूप से विकसित दक्षिण कोरिया में ज्यादा फैल रही है. ऐसी डिजिटल तांक झांक के खिलाफ हजारों महिलाएं विरोध के लिए सड़कों पर उतरी हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2018 में स्पाईकैम पोर्न के छह हजार मामले सामने आए थे. यह अपराधी आमतौर पर सार्वजनिक जगहों जैसे शौचालय या होटलों में स्पाई कैमरा लगाते हैं. फिर ऐसे वीडियो को पोर्न साइट्स पर बेचते हैं.
दक्षिण कोरिया की पोर्न साइट को 2016 तक करीब 10 लाख से ज्यादा लोग देखते थे. समाजसेवियों की शिकायत के बाद इसे बंद किया गया. इसके संस्थापक को जेल भेज दिया गया. अभी भी पोर्न वेबसाइट पर फुटेज बेचने वाले को हर वीडियो के लिए करीब छह हजार रूपये मिलते हैं. सरकार तांक झांक और गैरकानूनी रिकॉर्डिंग को रोकने का दावा करती है. इसमें सजा को बढ़ाया जाना, हर दिन सार्वजनिक शौचालयों पर नजर रखना और ऑनलाइन उत्पीड़न का शिकार हुए पीड़ितों की मदद के लिए टास्क फोर्स बनाना शामिल है.
समस्या फिर भी बरकरार है. दक्षिण कोरिया के 'परिवार और लैंगिक समानता मंत्रालय' ने रॉयटर्स से बातचीत में कहा कि अपराधियों को गंभीर सजा मिलनी चाहिए. देश की सर्वोच्च अदालत डिजिटल सेक्स अपराधों पर नए तरीके से सजा संबंधी दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार कर रही है. मंत्रालय के मुताबिक डिजिटल सेक्स अपराधों को खत्म करने के लिए महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना जरूरी है.
एसबी/आरपी (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)
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