एएफडी को इलॉन मस्क के समर्थन पर जर्मनी में बवाल
३० दिसम्बर २०२४जर्मनी में 23 फरवरी को आम चुनाव होना है. जर्मनी के एक रुढ़िवादी अखबार 'वेल्ट आम सोनटाग' में एक ओपिनियन पीस लिख कर इलॉन मस्क ने अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) का समर्थन किया है. मस्क ने एएफडी को जर्मनी के लिए, "उम्मीद की आखिरी लौ" कहा है. इलॉन मस्क का लेख छपने के बाद अखबार के एक वरिष्ठ संपादक ने विरोध में इस्तीफा दे दिया है.
चुनाव में दखल और मनमानी
क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) के नेता और चांसलर पद के उम्मीदवार फ्रीडरिष मैर्त्स ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. मैर्त्स ने अखबार और पत्रिका प्रकाशन समूह फुंके से कहा है, "पश्चिमी लोकतंत्रों के इतिहास में मुझे याद नहीं आता कि किसी दोस्ताना देश के चुनावी अभियान में ऐसी दखल देने की कोई घटना हुई हो जिसकी इससे तुलना की जा सके." मैर्त्स ने फरवरी के चुनाव में एएफडी के लिए समर्थन को "दखल देने वाला और मनमानी" कहा है.
मस्क को जवाब देते हुए मैर्त्स ने कहा है, "एक पल के लिए कल्पना करके देखिए-अगर एक प्रमुख जर्मन कारोबारी न्यू यॉर्क टाइम्स में एक बाहरी व्यक्ति के राष्ट्रपति चुनाव अभियान को समर्थन दे तो अमेरिकी लोगों की प्रतिक्रिया कैसी होगी."
बीते महीनों में इलॉन मस्क अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के करीबी सलाहकार के रूप में उभरे हैं. मस्क ने जर्मन राजनीति में अपने दखल को उचित बताते हुए कहा है कि वे इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के सीईओ हैं, जो बर्लिन के पूर्व में एक बड़ा उत्पादन संयंत्र चलाती है और ऐसे में उनके पास दखल देने की वैध वजहें हैं. उनका कहना है कि उन्होंने इस देश में निवेश किया है इसलिए उनके पास देश की स्थिति पर बोलने का अधिकार है.
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एएफडी से मस्क का प्रेम
इलॉन मस्क स्पेस एक्स और सोशल मीडिया कंपनी एक्स के भी मालिक हैं. बीते सालों में कारोबार के अलग जाकर भी उन्होंने कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी है. इसके लिए कई मौकों पर उन्हें लोगों और नेताओं की आलोचना भी झेलनी पड़ी है. जर्मन राजनीति के बारे में मेहमान लेखक के रूप में लिखे उनके लेख ने जर्मनी में काफी बवाल मचाया है. एक महीने के भीतर यह दूसरा मौका है जब मस्क ने एएफडी के प्रति अपना समर्थन जताया है. मस्क ने अंग्रेजी से जर्मन में अनुवादित इस लेख में यह भी कहा है कि धुर दक्षिणपंथी पार्टी, "देश को एक ऐसे भविष्य में ले जा सकती है जहां समृद्धि, सांस्कृतिक एकता और तकनीकी खोजें, सिर्फ इच्छा नहीं बल्कि वास्तविकता होंगी."
सर्वेक्षणों में एएफडी का समर्थन बढ़ता दिख रहा है हालांकि चांसलर पद के लिए पार्टी की उम्मीदवार एलिस वाइडेल के चांसलर बनने की उम्मीद कम ही है क्योंकि कोई भी दूसरा राजनीतिक दल एएफडी के साथ जुड़ने को तैयार नहीं है. जर्मनी में बीते कई दशकों से गठबंधन की सरकारों का ही दौर चला आ रहा है.
मस्क ने जर्मनी में पार्टी की छवि को गलत ढंग से पेश करने की बात भी कही है. उनका कहना है, "एएफडी को धुर-दक्षिणपंथी चरमपंथी पार्टी के रूप में दिखाना बिल्कुल गलत है."
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अभिव्यक्ति की आजादी
वेल्ट आम सोनटाग अखबार में वेल्ट समूह के भावी मुख्य संपादक यान फिलिप बुरगार्ड का एक आलोचनात्मक आलेख भी छापा है. इसमें बुरगार्ड ने लिखा है, "मस्क की पड़ताल सही है लेकिन जिस इलाज की तरफ वो गये हैं कि केवल एएफडी जर्मनी को बचा सकती, वह नुकसानदेह तरीके से गलत है."
जर्मन पत्रकार संघ, डीजेवी के प्रमुख मिका बॉइस्टर ने एक जर्मन अखबार में ऐसा "चुनावी प्रचार" छापने का विरोध करते हुए कहा कि "जर्मन मीडिया को ऑटोक्रैट्स और उनके दोस्तों का इस तरह से मुखपत्र नहीं बनना चाहिए." समाचार एजेंसी डीपीए के डी वेल्ट समूह से मस्क के इंटरव्यू पर पूछे सवाल में समूह के वर्तमान और भावी प्रमुख संपादक ने संयुक्त बयान में कहा है कि मस्क के आलेख पर चर्चा, "बहुत गहरी सोच वाली थी, लोकतंत्र और पत्रकारिता अभिव्यक्ति के अधिकार से उन्नति करते हैं."
एनआर/आरपी (डीपीए, एपी)