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डिजिटल यूरो की ओर यूरोपीय संघ के बढ़ते कदम

आर्थर सुलीवान
१ जुलाई २०२३

यूरोपीय आयोग ने डिजिटल यूरो कानून का मसौदा प्रकाशित किया है. यह करेंसी, वास्तविक यूरो का एक तरह से इलेक्ट्रॉनिक अवतार होगी और उम्मीद है कि यह 2026 की शुरुआत से इस्तेमाल में आ सकती है.

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दुनिया भर में बढ़ रही है डिजिटल मुद्रा की मांग
यूरोप में डिजिटल यूरो लाने की तैयारीतस्वीर: Ralph Orlowski/Getty Images

यूरोपीय आयोग ने इस हफ्ते डिजिटल यूरो पर कानून का एक मसौदा तैयार किया है. इस क्षेत्र के लिए इस तरह की करेंसी की योजना लंबे समय से विचाराधीन थी जो कि अब वास्तविकता बनने जा रही है.

28 जून को फाइनेंशियल स्टेबिलिटी, फाइनेंशियल सर्विसेज और कैपिटल मार्केट्स यूनियन के यूरोपीय आयुक्त मेरीड मैकगिनीज ने यूरोपीय देशों की सरकारों और यूरोपीय संसद के सामने डिजिटल यूरो और नगदी यूरो दोनों के लीगल टेंडर स्टेटस के संरक्षण के लिए एक प्रस्ताव रखा.

हालांकि इस बारे में यह आखिरी चरण नहीं है. यूरोपीय यूनियन की सरकारें और यूरोपीय संसद भले ही इस योजना का समर्थन करती हैं लेकिन इस बारे में आखिरी फैसला यूरोपीय सेंट्रल बैंक ईसीबी को लेना है कि डिजिटल यूरो जारी किए जाएंगे या नहीं. ईसीबी का कहना है कि वो इस बारे में अंतिम निर्णय इस साल के अंत तक यानी अक्टूबर के आस-पास ले सकता है.

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ईसीबी प्रेसीडेंट क्रिस्टीन लागार्द एक बयान में कहती हैं, "यूरो यूरोपीय एकीकरण का सबसे ठोस प्रतीक है. नागरिक इसे सबसे भरोसेमंद मानते हैं और महत्व देते हैं. हम यूरोपीय संघ की संस्थाओं के साथ मिलकर इस दिशा में काम कर रहे हैं जिससे ये सुनिश्चित कर सकें कि हमारी यह मुद्रा यानी करेंसी डिजिटल युग के लिए भी उपयुक्त है.”

डिजिटल यूरो है क्या?

यह डिजिटल यूरो, मौजूदा यूरो करेंसी के साथ ही काम करता रहेगा, उसके ऑनलाइन यानी इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सिस्टम की तरह. मैकगिनीज कहते हैं कि डिजिटल यूरो नगदी का ही एक विकल्प होगा.

 यूरोपीय सेंट्रल बैंक डिजिटल यूरो का विकल्प पेश करेगा
मेरीड मैकगिनीज ने यूरोपीय सरकारों और संसद के सामने डिजिटल मुद्रा को लीगल बनाने का प्रस्ताव रखा तस्वीर: François Walschaerts/AFP/Getty Images

यह यूरो का पूरी तरह से डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा और इसे नगदी में नहीं बदला जा सकेगा. डिजिटल यूरो और यूरो से जुड़े ऑनलाइन भुगतान में मुख्य अंतर यह होगा कि डिजिटल यूरो में किए गए भुगतान सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक यानी डिजिटल तरीके से ही किए जा सकेंगे जबकि दूसरे अन्य ऑनलाइन बैंकिंग भुगतान को सैद्धांतिक रूप से नगदी में बदला जा सकता है.

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महत्वपूर्ण बात यह है कि सभी यूरो और डिजिटल यूरो ईसीबी द्वारा समर्थित होंगे. उपयोग करने वाले अपने किसी भी व्यावसायिक बैंक से डिजिटल यूरो खरीद सकेंगे और इसे एक अलग अकाउंट में रख सकेंगे.

यूरोपीय संघ ऐसा क्यों करना चाहता है?

क्रिप्टोकरेंसी और दूसरी थर्ड-पार्टी भुगतान व्यवस्था ने इस बहस को तेज कर दिया है कि केंद्रीय बैंकों को भी अपनी डिजिटल करेंसी उतारनी चाहिए कि नहीं.

फेसबुक ने 2019 में जब घोषणा की थी कि वो अपनी आभासी मुद्रा लाने की योजना बना रहा है, तो इस फैसले ने कुछ यूरोपीय  नीतिनिर्धारकों को चिंता में डाल दिया कि ऐसा ना हो कि आगे चलकर यह ईसीबी को कमजोर कर दे.

फेसबुक ने भी डिजिटल मुद्रा लाने की घोषणा की थी
फेसबुक ने भी डिजिटल मुद्रा लाने की घोषणा की थीतस्वीर: Andre M. Chang/ZUMA/picture alliance

अक्टूबर 2020 में ईसीबी ने डिजिटल यूरो बनाने के लिए लोगों की राय जानने की शुरुआत की और तब से लेकर जुलाई 2021 तक तमाम डिजाइन के विकल्पों पर काम हो रहा है और यह कोशिश हो रही है कि लोगों की जरूरतों के हिसाब से

डिजिटल यूरो वास्तव में कैसे काम करेगा.

यूरोपीय संघ का कहना है कि इस तरह की करेंसी ‘तेजी से बदलती डिजिटल दुनिया में नागरिकों को धन के सुरक्षित रूपों तक पहुंच बनाने में यूरोसिस्टम के उद्देश्यों में सहयोग कर सकती है.'

ईयू का यह भी कहना है कि डिजिटल यूरो दूसरे डिजिटल भुगतान तरीकों में भी तकनीकी फायदा पहुंचा सकती है जो उससे जुड़े हुए हैं, वो भी बिना किसी जोखिम और अस्थिरता के.

मैकगिनीज ने अप्रैल में यूरोपीय संसद को बताया था, "यह क्रिप्टो-संपत्तियों जैसी मौजूदा निजी डिजिटल करेंसी के वास्तव में बिल्कुल विपरीत है. एक डिजिटल यूरो सुरक्षित, संरक्षित और सुदृढ़ होगा.”

दुनिया के कई देश डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल करना चाहते हैं
ब्राजील में भी डिजिटल मुद्रा लाने की तैयारी चल रही हैतस्वीर: rafapress/Zoonar/picture alliance

डिजिटल यूरो के बारे में ईयू ने एक जो और कारण दिया है वो यह है कि अब इस इलाके में नगदी का चलन कम हो रहा है. ईसीबी के मुताबिक, हर तरह के लेनदेन में नगदी भुगतान में काफी कमी आई है. साल 2016 में जहां नगद भुगतान का हिस्सा 79 फीसदी था वो 2022 में घटकर 59 फीसदी पर आ गया. उन्हें उम्मीद है कि यह गिरावट आने वाले दिनों में और ज्यादा होगी.

ईयू तथाकथित स्टेबल कॉइन के बढ़ने की ओर भी इशारा करता है जो कि अन्य मुद्राओं से जुड़ी क्रिप्टो-संपत्तियां हैं. मैकगिनीज कहते हैं कि इस क्षेत्र में लोगों को लगता है कि यदि यूरो इस तरह के बदलावों के साथ नहीं आता है तो स्टेबल कॉइंस या दूसरे केंद्रीय बैंकों की डिजिटल करेंसी के बढ़ने और उस जगह को भरने का खतरा बढ़ जाएगा.

कानून में क्या है?

ईयू का कहना है कि आने वाला कानून डिजिटल यूरो की वैधता के साथ-साथ निजता और वित्तीय स्थिरता पर केंद्रित रहेगा. कानून का मसौदा कई मीडिया संस्थानों तक पहले ही पहुंच गया है और इसके बारे में रिपोर्टें छप चुकी हैं. कॉइन डेस्क नाम की वेबसाइट ने रिपोर्ट किया है कि डिजिटल यूरो का उपयोग स्वतंत्र होगा, कोई ब्याज नहीं लगेगा और पहले दिन से ही ऑफलाइन भुगतान के लिए वैसे ही उपलब्ध होगा जैसे कि नगदी होती है. यह भी योजना है कि डिजिटल यूरो शुरुआत से ही उपभोक्ताओं और व्यापार के लिए उपलब्ध होगा.

ये बहुत दूर नहीं थे. मसौदा कानून के मुताबिक, डिजिटल यूरो पूरे यूरो क्षेत्र में उपलब्ध रहेगा. इसे बैंकों के जरिए अनुरोध पर प्राप्त किया जा सकेगा और बेसिक डिजिटल यूरो सेवाएं मुफ्त होंगी. यह एक डिजिटल वॉलेट की तरह होगा और ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के भुगतान के लिए उपलब्ध रहेगा.

यूरोजोन के वे व्यापारी जो डिजिटल भुगतान स्वीकार करते हैं, उन्हें डिजिटल यूरो भी स्वीकार करना होगा. लेकिन प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए व्यापार और व्यापारियों के लिए एक न्यूनतम डिजिटल यूरो शुल्क रखना होगा.

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बिटकॉइन की लोकप्रियता ने एक समय सरकारों की नींद उड़ा दी थीतस्वीर: YAY Images/IMAGO

क्या सच में इसकी जरूरत है?

ईयू इस परियोजना को लेकर बहुत उत्सुक है लेकिन कई आलोचकों का कहना है कि इसकी कोई जरूरत नहीं है. यूरोपीय संसद में यूरोपीय पीपल्स पार्टी के प्रवक्ता मार्कस फर्बर का कहना है कि कानून तकनीकी रूप से तो सही दिखता है लेकिन यह इस सवाल का जवाब नहीं देता कि ये चाहिए क्यों?

कई लोगों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में आई तेज गिरावट से पता चलता है कि केंद्रीय बैंकों के सामने एक बड़ा संभावित खतरा फिलहाल टल गया है.

बैंक खुद इस मामले में बहुत उत्साहित नहीं रहे हैं. यूरोपीय बैंकिंग फेडरेशन का सुझाव है कि ऐसी प्रणाली बैंकों को चलाने में सहायक हो सकती है, जिससे लोग नियमित यूरो के साथ डिजिटल यूरो खरीद सकते हैं, क्योंकि संकट के समय में लोग इसे एक सुरक्षित करेंसी मानेंगे.

इसे ध्यान में रखते हुए, ऐसा माना जा रहा है कि ईसीबी कुछ ऐसी व्यवस्था करने पर विचार कर रहा है कि कोई व्यक्ति करीब 3 हजार डिजिटल यूरो ही अपने पास रख सकता है.

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अगला कदम क्या है?

यूरोपीय आयोग ने सुझाव दिया है कि डिजिटल यूरो 2026 या 2027 तक चलन में आ सकता है. लेकिन अभी भी इसे लंबा रास्ता तय करना है.

यूरोग्रुप में उन देशों के विदेश मंत्री शामिल हैं जो इस समय यूरो का इस्तेमाल कर रहे हैं. यूरोग्रुप में इस मुद्दे पर पिछले दो साल से बहस चल रही है. कुछ लोगों ने इस बारे में गंभीर चिंता जताई हैं कि सरकारें डिजिटल यूरो को अपने नागरिकों के सामने कैसे न्यायसंगत ठहराएंगी, जबकि यहां ऑनलाइन और ऑफलाइन पेमेंट सिस्टम काफी चलन में भी हैं और अच्छे तरीके से इस्तेमाल हो रहे हैं.

यदि यह कानून व्यापक तौर पर स्वीकार कर लिया जाता है और कोई बड़ा राजनीतिक विरोध सामने नहीं आता है तो यूरोपीय सेंट्रल बैंक की गवर्निंग काउंसिल यह तय करेगी कि उन्हें इस पर आगे बढ़ना है या नहीं.

बैंक के मुताबिक, "अगले चरण में एकीकृत सेवाओं के विकास के साथ-साथ डिजिटल यूरो का परीक्षण और संभावित प्रयोग किया जाएगा. इस चरण में करीब तीन साल लग सकते हैं.” कानून का मसौदा राजनीतिक स्तर पर पहला बड़ा परीक्षण है.