जकरबर्ग ने मानी गलती
२२ मार्च २०१८जकरबर्ग ने बुधवार को माना कि अपने यूजर्स का डाटा सुरक्षित रखना उन्हीं की कंपनी की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, "अगर हम ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो हम आपके लायक नहीं हैं." अपने फेसबुक पेज पर उन्होंने लिखा, "अच्छी खबर यह है कि ऐसा फिर से ना हो, इसे रोकने के लिए कदम हमने सालों पहले ही उठा लिए थे. लेकिन हमसे गलती हुई है और ज्यादा कदम उठाने की जरूरत है और हम इस दिशा में कोशिशें तेज करेंगे."
आने वाले दिनों में फेसबुक जो कदम उठाएगा, उनकी जानकारी भी जकरबर्ग ने दी. इसमें यूजर्स को थर्ड पार्टी एप्स को डिलीट करने के लिए टूल देना, यूजर डाटा तक डिवेलपर की पहुंच को सीमित करना और ऐसे डिवेलपर्स को बैन करना शामिल है जिन्होंने निजी डाटा का दुरुपयोग किया.
डाटा चोरी मामले में भारत ने फेसबुक को 'सिर्फ' चेतावनी दी
फेसबुक का कहना है कि कैम्ब्रिज एनालिटिका नाम की कंपनी ने चालाकी से लाखों यूजर्स का डाटा ले लिया. ऐसा उसने 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डॉनल्ड ट्रंप की प्रचार मुहिम टीम के कहने पर किया. जकरबर्ग ने कहा, "हमें कैम्ब्रिज एनालिटिका पर भरोसा नहीं करना चाहिए था और हम यह गलती फिर से नहीं करेंगे."
ब्रिटेन के एक चैनल के मुताबिक, कैम्ब्रिज एनालिटिका दुनिया के 200 चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों के लिए काम कर चुकी है. यह कंपनी राजनीतिक दलों को चुनावी रणनीतियां बनाने में मदद करती है. इसमें भारत भी शामिल है. एक भारतीय अखबार ने कंपनी की बेवसाइट का हवाला देते हुए कहा है कि इसे साल 2010 के बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान भी कॉन्ट्रैक्ट मिला था.
अब कम हो रहा है फेसबुक का इस्तेमाल
फेसबुक ने माना लोकतंत्र को सोशल मीडिया से खतरा
जकरबर्ग ने कहा, "मैंने फेसबुक को शुरू किया, और जो कुछ हमारे प्लेटफॉर्म पर होता है, आखिरकार उसकी जिम्मेदारी मेरी ही है. जो कुछ कम्युनिटी को सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी होगी, मैं वह सब करूंगा."
डाटा लीक विवाद सामने आने के बाद फेसबुक के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है जिसकी वजह से एक समय उसके मूल्य में 50 अरब डॉलर तक की कमी आई. निवेशक इस विवाद की वजह से कंपनी की प्रतिष्ठा को होने वाले दीर्घकालीन नुकसान को लेकर चिंतित हैं. साथ ही सोशल मीडिया नेटवर्कों को लेकर कानून कड़े किए जा सकते हैं.
एके/आईबी (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)