कोर्ट के आदेश के विरोध में फीफा ने भारत को निलंबित किया
१६ अगस्त २०२२अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ (FIFA) ने अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (AIFF) को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है. फुटबॉल संघों की अंतरराष्ट्रीय संस्था ने सोमवार को कहा कि ‘तीसरे पक्ष के गैरवाजिब प्रभाव' के कारण भारतीय संघ की सदस्यता निलंबित कर दी गई है.
इस निलंबन का असर अंडर-17 महिला विश्व कप पर पड़ सकता है. फीफा ने अपने बयान में कहा है कि भारत में 11 से 30 अक्टूबर तक यह प्रतियोगिता होनी है लेकिन निलंबित देश में प्रतियोगिता नहीं हो सकती. जानेमाने फुटबॉल कॉमेंटेटर और पत्रकार उरी लेवी ने इसे भारत को बड़ा झटका बताया. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि यह "भारतीय फुटबॉल की आकांक्षाओं को बड़ा झटका है”, खासतौर पर अंडर-17 विश्व कप के लिए.
फीफा ने कहा कि टूर्नामेंट के आयोजन पर विचार किया जा रहा है. एक बयान के मुताबिक, "फीफा टूर्नामेंट के आयोजन के बारे में अगले कदमों पर विचार कर रहा है और जरूरत पड़ने पर मामले को ब्यूरो ऑफ काउंसिल को सौंपा जाएगा.”
भारत में फुटबॉल के प्रबंधन और आयोजन के लिए जिम्मेदार एआईएफएफ पर लगा प्रतिबंध सुप्रीम कोर्ट ने मई में ही हटाया था. सर्वोच्च न्यायालय ने तीन सदस्यों की एक समिति को खेल के प्रबंधन के लिए नियुक्त किया था. इस समिति को संघ के संविधान में संशोधन करके 18 महीने से लंबित पड़े चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई थी.
इसकी प्रतिक्रिया में फीफा और एशियन फुटबॉल कॉन्फेडरेशन ने अपना एक दल भेजा था. एएफसी के महासचिव विंडसर जॉन के नेतृत्व में यह दल भारत में फुटबॉल से जुड़े सभी पक्षधरों से बात करके संविधान में संशोधन के काम की देखरेख कर रहा था. इस दल ने एक रोडमैप बनाया था जिसके तहत जुलाई के आखिर तक संविधान में संशोधन कर 15 सितंबर से पहले चुनाव खत्म करा लेने की समयसीमा तय की गई थी.
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लेकिन इस महीने की शुरुआत में सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश जारी किया कि तुरंत चुनाव कराए जाएं. कोर्ट ने कहा कि चुनी गई तीन सदस्यों की समिति अंतरिम रूप से तीन महीने के लिए कार्यभार संभालेगी.
फीफा ने सोमवार को निलंबन का आदेश जारी करते हुए कहा, "जब तक प्रशासकों की समिति को एआईएफएफ की कार्यकारी समिति की शक्तियां देने का आदेश वापस नहीं लिया जाता और एआईएफएफ को पूरा नियंत्रण नहीं सौंपा जाता, तब तक निलंबन जारी रहेगा.”
सालों से जारी विवाद
भारतीय फुटबॉल संघ का पिछला चुनाव दिसंबर 2020 में होना था. उससे पहले फीफा काउंसिल के सदस्य प्रफुल्ल पटेल संघ के अध्यक्ष थे. उसके बाद संघ के संविधान में बदलाव को लेकर विवाद के चलते चुनाव नहीं हो पाया.
फीफा ने कहा, "फीफा भारत के युवा एवं खेल मंत्रालय के साथ लगातार रचनात्मक रूप से संपर्क में है और उम्मीद करती है कि अब भी एक सकारात्मक हल निकाला जा सकता है.” फीफा के संविधान के मुताबिक सदस्य संघों को देश के कानूनी और राजनीतिक प्रभाव से मुक्त होना चाहिए. इसी तरह के मामलों में अन्य देशों के संघों को भी निलंबित किया जा चुका है.
पाकिस्तान के फुटबॉल संघ का निलंबन जून में ही हटाया गया था जो कि अप्रैल 2021 से जारी था. पाकिस्तान फुटबॉल संघ को भी ठीक उन्हीं वजहों से निलंबित किया गया था, जो भारत के निलंबन की वजह बनी हैं.
वीके/एए (डीपीए, एपी)