जोश में जापान के बुजुर्ग फुटबॉल खिलाड़ी
कई पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी 30 साल की उम्र के बाद संन्यास ले लेते हैं लेकिन जापान के सीनियर फुटबॉलर 80 की उम्र पार करने के बाद भी नहीं रुके. देखिए, बुजुर्गों का फुटबॉल प्रेम.
80 साल सिर्फ एक संख्या
83 वर्षीय मुत्सुहिको नोमूरा जापानी राष्ट्रीय टीम के पूर्व फुटबॉलर हैं. वह 'सॉकर फॉर लाइफ लीग' या एसएफएल में खेल रहे हैं, जिसे हाल ही में जापान में 80 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए शुरू किया गया.
बूढ़ी होती आबादी का खेल
जापान में आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है. यहां के बुजुर्ग अब सक्रिय जीवन को आगे बढ़ाने के लिए फुटबॉल का सहारा ले रहे हैं.
यादें ताजा
मुत्सुहिको नोमूरा पुरानी तस्वीरें दिखाते हैं जब वह और उनकी पत्नी जंको, जो अब 80 वर्ष की हैं, 1998 में विश्व कप देखने के लिए फ्रांस गए थे. हाई स्कूल में नोमूरा को एक बेहतरीन एथलीट माना जाता था और उन्होंने जापान की राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई. वे कहते हैं, "जब मैं बच्चा था, तो उस समय पचास और साठ साल के पुरुषों को दादा माना जाता था."
हार नहीं मानेंगे
शिंगो शियोजावा एसएफएल के गोलकीपर हैं और 93 साल की उम्र में वे महीने में कई बार ट्रेनिंग लेते हैं. फुटबॉल ने उन्हें धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रेरित किया और उनके ठीक होने में मदद की.
मानसिक सेहत भी फिट
न केवल शरीर बल्कि दिमाग को भी फिट रखने के लिए शिंगो शियोजावा मिस्र के चित्रलिपि की मदद से अपने घर में गणितीय समस्याओं को हल करना पसंद करते हैं.
पसीने से तर ट्रेनिंग
टोक्यो में निहोन सॉकर ओबी क्लब में कठिन प्रशिक्षण का भी अभ्यास किया जाता है. टीम की औसत आयु 77 वर्ष है. फुटबॉल जैसे प्रतिस्पर्धी खेलों को कभी देश में वृद्ध लोगों के लिए वर्जित माना जाता था.
अब इतना आसान नहीं है
इस उम्र में ये बुजुर्ग तो फुटबॉल खेल रहे हैं लेकिन कई बार इनके सामने चुनौतियां भी होती हैं. जैसे घुटने में दर्द और दौड़ने के लिए भरपूर सांस लेने जैसी समस्या.
नई पीढ़ी के लिए मिसाल
नोमूरा अपनी बेटी और पोती के साथ प्रैक्टिस करते हुए. वीकेंड में वह कुछ कलाबाजी भी दिखाना पसंद करते हैं. उनकी 48 वर्षीय बेटी युरिको ने कहा, "मैं कभी-कभी सीनियर्स को खेलते हुए देखने जाती हूं और इससे मुझे लगता है कि मुझे कड़ी मेहनत करनी चाहिए."