एक हफ्ते से क्यों बंद पड़ी है एप्पल की भारतीय फैक्ट्री
२८ दिसम्बर २०२१तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित फॉक्सकॉन की फैक्ट्री में सात दिन से ताला पड़ा है और कम से कम तीन दिन और दरवाजे बंद रहेंगे. लगभग 17 हजार लोगों को काम देने वाली इस फैक्ट्री में सोमवार को कुछ काम शुरू हुआ था लेकिन अब अधिकारी कह रहे हैं कि गुरुवार से एक हजार कर्मचारियों के साथ उत्पादन फिर से शुरू किया जा सकता है.
यह फैक्ट्री तब से बंद पड़ी है जब पिछले हफ्ते कर्मचारियों ने खराब खाना मिलने के चलते विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. यह विरोध तब शुरू हुआ जब फैक्ट्री के एक हॉस्टल में 250 से ज्यादा महिला कर्मचारी बीमार हो गईं. उन सभी को फूड पॉइजनिंग हो गई.
खराब हालात में काम
प्रदर्शनकारियों ने खराब खाने को इसकी वजह बताया और काम बंद कर परिस्थितियां बेहतर करने की मांग शुरू कर दी. शुरुआत में कई कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया और बाद में रिहा कर दिया. लेकिन तब से हॉस्टल में रहने वालीं और अन्य कर्मचारियों के लिए काम करने के बेहतर हालात बनाने के लिए मांग लगातार जारी है.
फॉक्सकॉन एक ताईवानी कंपनी है जो एप्पल और अन्य कई टेक कंपनियों के लिए ठेके पर आईफोन व कई अन्य गैजेट बनाती है. इसके बहुत से कर्मचारी फैक्ट्री के साथ बने परिसरों में ही रहते हैं जहां उन्हें खाना व अन्य सुविधाएं दी जाती हैं.
चेन्नई की घटना के बाद तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों ने कंपनी और उसके 11 ठेकेदारों के साथ बैठक की. सरकार ने फॉक्सकॉन से हालात की समीक्षा करने और कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं देने का निर्देश दिया है.
इन सुविधाओं में आवासीय परिसरों में पावर बैकअप, खाना और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं हैं. डायरेक्टोरेट ऑफ इंडस्ट्रियल सेफ्टी ऐंड हेल्थ ने कर्मचारियों के लिए हॉस्टल में टीवी, पुस्तकालय और खेलों जैसी सुविधाएं मुहैया कराने की भी सिफारिश की है.
अहम है फैक्ट्री
एक सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि फॉक्सकॉन ने उत्पादन तो पहले शुरू कर दिया जबकि सुविधाएं धीरे-धीरे उपलब्ध कराई जानी थीं. फॉक्सकॉन और एप्पल दोनों ने ही इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है.
सोमवार को करीब एक हफ्ते बाद फैक्ट्री के गेट तो खुले लेकिन वहां हलचल बहुत कम नजर आई. कुछ वाहन इधर-उधर आते-जाते दिखाई जरूर दिए लेकिन ज्यादातर लोग गैरहाजिर थे.
इस फैक्ट्री में आईफोन 12 बनाया जा रहा है और आईफोन 13 का ट्रायल प्रॉडक्शन शुरू हो गया है. विश्लेषकों का कहना है कि इस तालाबंदी का उत्पादन पर कोई ज्यादा असर नहीं होगा लेकिन यह फैक्ट्री रणनीतिक रूप से एप्पल के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कंपनी चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहती है. ऐसा चीन और अमेरिका के बीच लगातार जारी तनाव के कारण है.
एप्पल पर मार
एप्पल और अन्य टेक कंपनियां पहले ही कोविड महामारी में सप्लाई की समस्या से जूझ रही हैं जिस कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है. अक्टूबर में कंपनी ने चेताया था कि सप्लाई की समस्या का असर अगली तिमाही में और खराब हो जाएगा.
फॉक्सकॉन की फैक्ट्री में जो हुआ वह भारत में एप्पल के सप्लायर के साथ एक साल के भीतर दूसरी बार हुआ है. पिछले साल दिसंबर में विस्ट्रॉन कॉर्प नामक सप्लायर की फैक्ट्री में कर्मचारियों ने तोड़-फोड़ की थी. आरोप है कि भुगतान ना होने को लेकर विरोध कर रहे इन कर्मचारियों ने छह करोड़ डॉलर का नुकसान पहुंचाया था.
एप्पल ने भारत में फोन और अन्य गैजेट बनाने का काम 2017 में शुरू किया था. फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और एक अन्य सप्लायर पेगाट्रॉन ने भारत में उत्पादन के लिए पांच साल में कुल मिलाकर 90 करोड़ डॉलर के निवेश की योजना बनाई है.
वीके/एए (रॉयटर्स)