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अब जर्मनी में रेलवे ड्राइवरों ने बुलाई छह दिनों की हड़ताल

२२ जनवरी २०२४

जर्मनी में रेलवे ड्राइवरों की यूनियन ने फिर से लंबी हड़ताल बुलाई है. वेतन वृद्धि और काम के घंटे कम करने की मांग कर रही यूनियन ने रेलवे ऑपरेटर डॉयचे बान का ताजा प्रस्ताव ठुकरा दिया है.

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जर्मनी में रेलवे चालकों की हड़ताल
ससे पहले जनवरी 2024 में ही रेलवे कर्मी तीन दिन की हड़ताल पर गए थे. इस दौरान लंबी दूरी की करीब 80 फीसदी ट्रेनें नहीं चली थीं. तस्वीर: Lennart Preiss/dpa/picture alliance

जर्मनी में रेल चालक एक बार फिर हड़ताल पर जा रहे हैं. रेलवे कर्मियों की यूनियन जीडीएल ने बताया कि इस बार छह दिनों की हड़ताल बुलाई गई है. यह 24 जनवरी को तड़के दो बजे से शुरू होकर 29 जनवरी की शाम पांच बजे तक चलेगी. वहीं मालगाड़ियों के ड्राइवर 23 जनवरी की शाम पांच बजे से ही हड़ताल पर चले जाएंगे. रेलवे ऑपरेटर डॉयचे बान (डीबी) ने जीडीएल पर "बहुत गैर-जिम्मेदारी" बरतने का इल्जाम लगाया है.

क्या मांग कर रहे हैं रेलवे कर्मी?

रेलवे कर्मियों की दो मुख्य मांगें हैं: वेतन वृद्धि और काम के घंटे कम करना. कर्मचारियों का कहना है कि महंगाई बढ़ने के कारण वेतन बढ़ाया जाना चाहिए. साथ ही, एक हफ्ते में काम के घंटों को 38 से घटाकर 35 किया जाना चाहिए. शिफ्ट के कम हुए घंटों के कारण वेतन में कोई कटौती नहीं होनी चाहिए.

जीडीएल और डीबी के बीच नवंबर 2023 से ही मतभेद बना हुआ है. हालिया महीनों में जीडीएल ने चौथी बार हड़ताल बुलाई है. इससे पहले जनवरी 2024 में ही रेलवे कर्मी तीन दिन की हड़ताल पर गए थे. इस दौरान लंबी दूरी की करीब 80 फीसदी ट्रेनें नहीं चली थीं. इस बार बुलाई गई छह दिन की हड़ताल अब तक की सबसे लंबी हड़ताल होगी.

जर्मनी में रेलवे ड्राइवरों की हड़ताल, सांकेतिक तस्वीर
रेलवे कर्मचारी महंगाई से राहत के लिए वेतन बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं. साथ ही, अभी हफ्ते भर में 38 घंटे की शिफ्ट होती है. यूनियन इसे घटाकर 35 घंटे करने की मांग कर रही है. तस्वीर: Julian Stratenschulte/dpa/picture alliance

डॉयचे बान के नए प्रस्ताव पर सहमति नहीं

जीडीएल ने फिर से हड़ताल बुलाने की वजह बताते हुए कहा कि डीबी ने "अपने तीसरे और कथित तौर पर बेहतर ऑफर" में "किसी समझौते पर पहुंचने की इच्छा का कोई संकेत नहीं" दिखाया है. वहीं डीबी ने हड़ताल की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि उसने वेतन में 13 फीसदी तक के इजाफे और हफ्ते भर की शिफ्ट में एक घंटे तक की कमी का प्रस्ताव दिया था.

डीबी के एक प्रवक्ता ने कहा, "जीडीएल इस झगड़े को बढ़ा रहा है." प्रवक्ता ने आरोप लगाया, "डॉयचे बान समझौते पर भरोसा करता है, वहीं जीडीएल टकराव को और बढ़ाने में यकीन रखता है." समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक, जीडीएल को बातचीत में वापस लाने के लिए डीबी ने 19 जनवरी को वेतन से जुड़ा एक नया प्रस्ताव दिया था. इसमें अगस्त 2024 से कर्मचारियों के वेतन में 4.6 प्रतिशत की वृद्धि करने का भी प्रस्ताव है, जिसे अप्रैल 2025 में पांच फीसदी और बढ़ाया जाएगा.

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साथ ही, ट्रेन के ड्राइवरों और अटेंडेंट्स को विकल्प दिया गया है कि 1 जनवरी, 2026 से वो हफ्ते की अपनी शिफ्ट में एक घंटा कम काम कर सकते हैं. यानी, उसी वेतन में सप्ताह के 38 घंटे की जगह 37 घंटे काम कर सकते हैं. हालांकि यह भी प्रस्ताव है कि जो कर्मचारी 38 घंटे काम जारी रखेंगे, उनके वेतन में सालाना 2.7 फीसदी की वृद्धि की जाएगी. 

पिछले साल डॉयचे बान और ईवीजी रेल यूनियन में भी असहमतियां बनी थीं. करीब 1,80,000 रेलवे कर्मी ईवीजी से जुड़े हैं. हालांकि अगस्त 2023 में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया.

एसएम/सीके (डीपीए, रॉयटर्स)