जर्मन गांव ने सीरियाई शरणार्थी को मेयर बनाया
३ अप्रैल २०२३दक्षिण जर्मनी के ओस्टेलहाइम गांव ने रविवार को नया ग्राम प्रधान चुनने के लिए वोट डाला. सोमवार को जब नतीजे आए तो 29 साल के रयान अलशेबल ने सबको चौंका दिया. चुनाव में सीरिया शरणार्थी रयान अलशेबल की जीत हुई. 29 साल के अलशेबल 2015 में सीरिया के स्वेइदा से भागकर जर्मनी आए. लेकिन अब वह दक्षिण जर्मन राज्य बाडेन-वुर्टमबर्ग के 2,500 बाशिंदों का प्रतिनिधित्व करेंगे.
क्यों होता है विस्थापन और पलायन
अलशेबल, ग्रीन पार्ट के प्राइवेट मेम्बर हैं. पर गांव के चुनावों में वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े हुए थे. रविवार को हुए मतदान में उन्हें 55.41 फीसदी वोट मिले. समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक, अलशेबल ने अपने चुनावी अभियान को "गजब सकारात्मक" करार दिया.
कौन है रयान अलशेबल
राज्य के स्थानीय ब्रॉडकास्टर एसडब्ल्यूआर के मुताबिक, नए मेयर को 21 साल की उम्र में गृहयुद्ध के कारण अपना देश सीरिया छोड़ना पड़ा था. रिफ्यूजी संकट की शुरुआत में वह हजारों शरणार्थियों के साथ भटकते हुए जर्मनी पहुंचे.
लाखों लोगों की तरह अलशेबल ने भी यूरोप तक पहुंचने के लिए भूमध्यसागर पार किया. जर्मनी पहुंचने के बाद उन्होंने जर्मन भाषा सीखी और प्रशासनिक व्यवस्था की ट्रेनिंग की.
फिर उन्होंने जर्मनी की नागरिकता ली और पड़ोसी कस्बे आल्टहेंग्श्टेट की स्थानीय परिषद में नौकरी शुरू कर दी.
अलशेबल का कहना है कि अब चुनाव जीतने के बाद वह गांव लौटने की तैयारी कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अलशेबल, बाडेन वुर्टेमबर्ग के पहले सीरियाई मूल के मेयर और प्रत्याशी हो सकते हैं.