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जमीन में दबे सोने को नहीं छेड़ेगा चेक गणराज्य

१९ जुलाई २०२१

चेक गणराज्य में जमीन के नीचे सोना भरा पड़ा है. लेकिन इस सोने को खोदने करने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है. कुछ ऐसी ही सोच लीथियम भंडार के बारे में भी है क्योंकि उसके खनन से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं.

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तस्वीर: Regionalmuseum in Jílové bei Prag

चेक गणराज्य में 5,000 की आबादी वाला कस्बा इयोव उ प्राहे. देश की राजधानी प्राग को समृद्ध करने में इस कस्बे का ऐतिहासिक योगदान रहा है. 14वीं शताब्दी में रोमन राजवंश यहां से सोना निकाला करता था. इयोव उ प्राहे के रिजनल म्यूजियम की निदेशक सारका यूरीनोवा कहती हैं, "यहां से निकाले गए सोने से प्राग शहर का एक बड़ा इलाका तैयार किया गया है. आज भी मौजूद चार्ल्स यूनिवर्सिटी की इमारत इसी सोने की देन है."

म्यूजियम आज भी अपने मेहमानों को सोना पाने का मौका देता है. यूरीनोवा कहती हैं, "हम शायद अकेला ऐसा म्यूजियम हैं जहां सिर्फ एंट्री टिकट के जरिए आप खुद सोना छानकर घर ले जा सकते हैं." म्यूजियम के अहाते में एक छिछला तालाब है. मेहमान इस तालाब की रेत छान सकते हैं. रेत में चमकीले सोने के कण मिलते हैं. जिसे जो स्वर्ण कण मिला, उसे वह अपने साथ ले जा सकता है. लेकिन औद्योगिक लिहाज से यहां 1968 से सोने की खुदाई बंद है.

म्यूजियम के जियोलॉजिस्ट  यान वाना कहते हैं, "इयोव के आस पास ही करीब सात टन सोना है." एक मीट्रिक टन अयस्क में चार ग्राम सोना मौजूद है. यान के मुताबिक यहां आज भी सोने की खुदाई मुनाफा दे सकती है. तो फिर सोना क्यों नहीं खोदा जा रहा है? 20 अरब यूरो मूल्य वाले 7 टन सोने को निकालने के लिए पर्यावरण और ऐतिहासिक कस्बे को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. यान कहते हैं, "जहरीले साइनाइड का इस्तेमाल किए बिना बहुत ही कम सोना मिलेगा."

Tschechien und Hunderte Tonnen von Gold | Gebäude des Regionalmuseums in Jilové
म्यूजियम डाइरेक्टर सारका यूरीनोवातस्वीर: Luboš Palata

कई स्थानीय निवासी दूसरी राय रखते हैं. उन्हें लगता है कि एक दिन इयोव की स्वर्ण खदान फिर से खुल जाएगी. एक स्थानीय बुजुर्ग महिला कहती हैं, "हम दक्षिण अफ्रीका से आयात किए जाने वाले सोने के बजाए चेक रिपब्लिक का सोना खरीद सकेंगे."

कितनी हैं सोने की खदानें

कई साल पहले इयोव में कई किलोग्राम भारी सोने के टुकड़े मिले. गेंद के आकार का एक टुकड़ा तो स्थानीय म्यूजियम में भी रखा गया है. आज भी इयोव के कई लोग साजावा नदी की सहायक नदियों में सोना छानने के लिए जाते हैं.

चेक गणराज्य में सोने की कई खदानें हैं. एक अनुमान के मुताबिक देश की जमीन में करीब 400 मीट्रिक टन सोना दबा है. 1990 से अब तक सोने की खुदाई बहाल करने की तमाम कोशिशें की गईं लेकिन ये सारे प्रयास नाकाम रहे हैं. ऐसी कोशिशों को या तो सरकार ने कोई समर्थन नहीं दिया या फिर स्थानीय निवासियों और प्रशासन ने उनका विरोध किया.

सरकारी खनन कंपनी डियामो ने 2020 में देश के उत्तर में मौजूद स्लाटे होरी की खदानों का सर्वे किया. डियामो के डायेक्टर लुडविक कास्पर ने चेक न्यूज एजेंसी सीटीके से कहा, "भूगर्भीय सर्वे तीन साल तक चलेगा और उसके नतीजों के आधार पर ही तय किया जाएगा कि स्लाटे होरी के स्वर्ण भंडार का क्या करना है."

खनन को हां, साइनाइड को ना

चेक गणराज्य की उद्योग और व्यापार मंत्री स्टेपांका फिलिपोवा ने देश के सबसे ज्यादा बिकने वाले अखबार एमएफ दनेस से कहा, "शोध सरकार को सोने के भंडार का संभावित इस्तेमाल करने और उससे जुड़ी चीजों के बारे में एकदम ताजा जानकारी देगा." माना जा रहा है कि अगर सोने की खुदाई शुरू भी हुई तो उसे उसकी प्रोसेसिंग विदेशों में करवाई जाएगी.

Tschechien und Hunderte Tonnen von Gold | Gesteinsprobe mit Gold aus den Sammlungen des Museums
कभी कभी सोने का ऐसा टुकड़ा भी मिल जाता हैतस्वीर: Regionalmuseum in Jílové bei Prag

आम तौर पर अयस्क से सोने को अलग करने के लिए बेहद जहरीले साइनाइड का प्रयोग करना पड़ता है. साइनाइड के इस्तेमाल के बिना सोने की खुदाई का फायदेमंद होना बहुत मुश्किल लगता है.

लीथियम सुपरपावर बनने का मौका

बैटरी बनाने में इस्तेमाल होने वाले लीथियम को "सफेद सोना"भी कहा जाता है. जर्मनी से लगने वाले चेक गणराज्य के इलाके में लीथियम का भी विशाल भंडार है. सीमांत के उस इलाके में चेक सीमा के भीतर 60 फीसदी और जर्मन इलाके में 40 फीसदी लीथियम मौजूद है. अनुमान है कि यह यूरोप में लीथियम का सबसे बड़ा भंडार है.

चेक सरकार का कहना है कि वह पूरी कोशिश करेगी कि इन खदानों का नियंत्रण सरकारी कंपनियों को ही मिले. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक लीथियम की खुदाई 2025 में शुरू हो सकती है. कहा जा रहा है कि हर साल 18 लाख मीट्रिक टन अयस्क खोदा जा सकता है.

लीथियम को रणनीतिक रूप से बेहद अहम कच्चा माल कहा जाता है. किफायती और कुशल बैटरियां बनाने के लिए लीथियम बहुत ही जरूरी है. लेकिन लीथियम खनन में भी बेहद विषैले तत्व बाहर निकलते हैं. चेक गणराज्य में लीथियम की खुदाई से पहले भी पर्यावरण संबंधी चिंताओं को हल करना एक जरूरी कदम सा है.

रिपोर्ट: लूबोश पलाता

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