ग्रीस: जंगली आग में झुलसे कछुओं की देखभाल
ग्रीस की विनाशकारी जंगली आग में कई कछुए झुलस गए थे. वन्यजीवों का प्रथम उपचार करने वाला एक स्वयंसेवी केंद्र इन कछुओं का इलाज कर रहा है और इलाज के बाद इन्हें इनके प्राकृतिक आवास में लौटा रहा है.
कछुओं से प्यार
वन्यजीवों का प्राथमिक उपचार करने वाला केंद्र 'एनिमा' एथेंस के पास में ही मौजूद है. केंद्र में पशु चिकित्सक क्लियोपैट्रा कीका एक कछुए की टांग पर सावधानी से एक क्रीम लगा रही हैं. इस टांग की जली हुई चमड़ी गिर चुकी है और जल्द ही इस कछुए को इसके प्राकृतिक आवास में छोड़ा जा सकेगा.
वालंटियर कर रहे हैं मदद
जुलाई और अगस्त 2023 में ग्रीस में कई स्थानों पर विध्वंसकारी जंगली आग लगी थी. एथेंस से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित इस केंद्र के आस पास का इलाका सबसे पहले प्रभावित होने वाले इलाकों में था. करीब 400 कछुओं को एथेंस के आस पास से और पास के द्वीप ईविया से बचाया गया था.
कई तरह की परेशानियां
घायल कछुओं को 'एनिमा' और एथेंस के पास स्थित एक चिड़ियाघर ले जाया गया. एक स्वयंसेवी समूह के संस्थापक वासिलिस फाकियानोपाउलोस ने बताया, "कुछ कछुओं की टांगों और उनके खोल पर जलने के घाव थे. दूसरों के शरीर के अंदर धुंआ चले जाने से उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी.
परेशानी का ठीक से पता लगाना
अगर एक कछुआ घायल हो तो सबसे पहले उसे एक पानी से भरे पूल में रख देना चाहिए ताकि उसके शरीर की नमी वापस आ सके. तजुर्बेकार पशु चिकित्सक कीका ने बताया, "अगर परेशानी सामने दिखाई ना दे रही हो, तो आप सूंघ कर संभावित बाहरी संक्रमण का पता लगाने की कोशिश करते हैं."
जंगल में वापस जाने को तैयार
जो कछुए जंगल में वापस छोड़े जाने के लिए तैयार हैं उनके खोल पर नीली चॉक से एक क्रॉस का निशान बना दिया जाता है. करीब 100 कछुओं को छोड़ा भी जा चुका है. टीम जानती है कि कछुओं को जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी कैद से छोड़ दिया जाना जरूरी है. जो पशु सामान्य रूप से जंगलों में रहते हैं और मिलनसार नहीं होते हैं, बाड़े में रहने से उनका तनाव बढ़ जाता है.
मजबूत सरीसृप
पशु कल्याण के लिए अंतरराष्ट्रीय कोष (आईएफडब्ल्यू) की सेलीन सिस्लर-बीएंवेनू कहती हैं, "कछुए मजबूत पशु होते हैं. वो अपना मेटाबॉलिज्म घटा कर कई हफ्तों तक बिना भोजन के रह सकते हैं. इसके बाद वो पहली ही बारिश में खाना खाने बाहर निकल आएंगे."
फिर से आजाद
बर्केन नाम का यह कछुआ फिर से आजाद हो सकता है और अपने परिचित आवास में लौट सकता है, जहां वह छिपने के स्थान और पानी के स्रोत कहां है जानता है. कई स्वयंसेवियों की मदद से ये पशु आग से बच गए. इस समूह ने सिर्फ कछुओं ही नहीं बल्कि सांपों, बिल्लियों और आग में फंसे दूसरे पशुओं को भी बचाया. (यूली हुएनकेन)