1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

ग्रेटा थुनबर्ग का वो भाषण जिसकी दुनियाभर की चर्चा हो रही है

ऋषभ कुमार शर्मा
२४ सितम्बर २०१९

जलवायु परिवर्तन पर फ्राइडे फॉर फ्यूचर अभियान चलाने वाली ग्रेटा थुनबर्ग ने यूनाइटेड नेशन्स के क्लाइमेट एक्शन समिट में भाषण दिया. ग्रेटा का यह भाषण सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

https://p.dw.com/p/3QA4p
New York  United Nations Climate Action Summit  Greta Thunberg
तस्वीर: Reuters/C. Allegri

ग्रेटा थुनबर्ग एक स्कूली लड़की जिसने पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन पर एक नई बहस शुरू की. ग्रेटा थुनबर्ग की पहल पर ही दुनियाभर में स्कूली बच्चों ने फ्राइडे फॉर फ्यूचर के तहत प्रदर्शन किए. 16 साल की स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग ने यूएन की क्लाइमेट एक्शन समिट में भाग लिया. वहां पर उनसे एक सवाल पूछा गया कि आप दुनियाभर के नेताओं को क्या संदेश देना चाहेंगी. थुनबर्ग ने इसका आक्रोशित और भावुक होकर जवाब दिया. हालांकि उनके जवाब देने से पहले ही दुनिया के बड़े नेता वहां से निकल गए थे. पढ़िये ग्रेटा ने क्या कहा...

मेरा संदेश है कि हम आपको देख रहे होंगे. यह सब गलत है. मुझे समंदर के पार मेरे स्कूल में होना चाहिए था. लेकिन आप सब मदद के लिए हम छोटे बच्चों के पास आ रहे हैं. आपकी हिम्मत कैसे हुई. आपने अपने खोखले शब्दों से मेरे बचपन को छीन लिया. लेकिन मैं तो फिर भी भाग्यशाली हूं. लोग परेशानी में हैं. लोग मर रहे हैं. पूरा पारिस्थितिकी तंत्र खतरे में है. हम सब एक बड़े विनाश की शुरुआत में हैं. और आप लोग बस पैसे और काल्पनिक आर्थिक विकास की बात करते हैं. आपकी हिम्मत कैसे हुई. करीब 30 साल से विज्ञान साफ तौर पर यह बता रहा था. आपकी हिम्मत कैसे हुई कि इससे मुंह फेर लें और यहां आकर कहें कि आप बहुत कुछ कर रही हैं. जबकि राजनीति और जो उपाय चाहिए वो इस परिदृश्य में कहीं है ही नहीं.

USA UN Greta Thunberg und Donald Trump
तस्वीर: Reuters/A. Hofstetter

आप कहते हैं कि आप हमें सुनते हैं और जरूरत को समझते हैं. मुझे नहीं मतलब कि मैं कितने गुस्से में हूं या कितनी नाराज हूं लेकिन मैं इस पर भरोसा नहीं करती हूं. क्योंकि अगर आपने सच में परिस्थितियों को समझा और फिर भी कुछ नहीं किया तो मैं आपको बुरा मानूंगी. मैं इस पर भरोसा नहीं करती हूं. अगले 10 साल में उत्सर्जन को आधे करने के लक्ष्य से वैश्विक तापमान के 1.5 डिग्री बढ़ने और मानव के नियंत्रण के बाहर वाली आपदाओं के रुकने के बस 50 प्रतिशत संभावना है.  50 प्रतिशत शायद आपको स्वीकार्य होगा. लेकिन इन संख्याओं में अधिकतर पर्यावरणीय प्रतिक्रियाएं और वायु प्रदूषण से होने वाली अतिरिक्त गर्मी को शामिल नहीं किया गया है. 

हमारी पीढ़ी आपकी खराब तकनीक की वजह से पैदा हुई करोड़ों टन कार्बन डाई ऑक्साइड को सांस में ले रही है. यह 50 प्रतिशत संभावना हमें स्वीकार नहीं है. हमें इन परिस्थितियों के साथ जीना होगा. आपकी हिम्मत कैसे हुई यह सोचने की कि इस जलवायु परिवर्तन को सामान्य तौर पर काम करके ही रोका जा सकता है. आज के हिसाब से चीजें चलीं तो साढ़े आठ साल में ही धरती की कार्बन डाई ऑक्साइड को झेलने की क्षमता खत्म हो जाएगी. आज यहां जो आंकड़े दिए गए हैं या योजनाएं बताई गई हैं इन सबसे कोई समाधान नहीं होगा. ये आंकड़े सुकून देने वाली नहीं हैं. आप लोग इस इन समस्याओं को बताने के लिए परिपक्व हैं. आप हमें खत्म करने की कोशिश में हैं. लेकिन हम युवा लोग इस धोखेबाजी को समझ चुके हैं. अगली पीढ़ी की नजरें आपके ऊपर हैं. अगर आपने हमारे लिए कुछ नहीं किया तो हम आपको कभी माफ नहीं करेंगे. हम आपको ऐसा नहीं करते रहने देंगे. आज यहां पर हम आपको एक चेतावनी दे रहे हैं. संसार अब जाग रहा है. बदलाव आ गया है. चाहे आप इसे पसंद करें या ना करें.

आपका धन्यवाद.

 _______________

हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore