ग्वाटेमाला में एलजीबीटी के खिलाफ बढ़ती हिंसाएं
२५ जून २०२१इस महीने ग्वाटेमाला में तीन एलजीबीटी+ लोगों की हत्या से मध्य अमेरिकी देश में पूर्वाग्रह के बढ़ते ज्वार की आशंका जताई जा रही है. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह के अपराध को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई की जरूरत है. ग्वाटेमाला में एलजीबीटी+ अधिकार समूह के प्रमुख मार्को विनिचियो कहते हैं, "हमलों की एक लहर आ गई है. हम लोगों की हत्याएं की जा रही हैं. मुझे लगता है कि हम इसकी चपेट में हैं."
उन्होंने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को एक टेलीफोन साक्षात्कार में बताया, "ट्रांस होना ही आपको निशाना बना सकता है." विनिचियो ने छह दिनों के भीतर ग्वाटेमाला में तीन हत्याओं के बाद बात की. देश में अब तक एलजीबीटी+ के 13 लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं.
निशाने पर समुदाय के सदस्य
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2020 में देश में कम से कम 19 एलजीबीटी+ लोग मारे गए. राजधानी ग्वाटेमाला सिटी में 11 जून को ट्रांसजेंडर अधिकार समूह ओत्रांस रेनास डे ला नोचे की 28 साल की प्रमुख एंड्रिया गोंजालेज की अज्ञात लोगों द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.
ओत्रांस की एक और ट्रांस सदस्य सेसी इक्सपाता पर हमला किया गया और उनकी इलाज के दौरान 9 जून को अस्पताल में मौत हो गई. इसके बाद 14 जून को एक और गे जोस मानुएल की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
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कठोर कानून की मांग
विनिचियो एक अभियान चला रहे जिसका लक्ष्य संसद द्वारा एक ऐसा कानून पास कराना है जो घृणा अपराधों के दोषियों को दंडित करेगा. वे कहते हैं, "एलजीबीटी लोगों के खिलाफ घृणा अपराधों को निर्धारित करने के लिए कोई स्पष्ट और प्रभावी जांच नहीं होती है. मुझे निराशा है कि इन अपराधों की भी गहन जांच नहीं होगी."
ग्वाटेमाला के अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने इन हत्या की जांच के बारे में तुरंत नहीं बताया है या फिर हत्या से जुड़ी गिरफ्तारियों के बारे में कोई जानकारी दी है. ग्वाटेमाला के अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि सामाजिक रूप से रूढ़िवादी देश में लेस्बियन, गे, बायसेक्शुअल और ट्रांसजेंडर लगातार दुर्व्यवहार और उत्पीड़न का सामना करते आए हैं.
एलजीबीटी अधिकारों के समर्थक और ग्वाटेमाला मानवाधिकार लोकपाल कार्यालय के हेनरी एस्पाना कहते हैं कि जो हत्या के दोषी हैं उन्हें सजा देने की जरूरत है और "जनता को एक संदेश दिया जाना चाहिए कि एलजीबीटी लोगों के खिलाफ अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाते हैं."
एए/सीके (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)