दुनिया भर में आधे गर्भ होते हैं अनपेक्षित
३० मार्च २०२२संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में कहा है दुनिया में हर साल 12 करोड़ प्रेग्नन्सियां ऐसी होती हैं जिनका इरादा नहीं किया गया होता है. इनमें से 60 प्रतिशत से भी ज्यादा मामलों में गर्भपात करा दिया जाता है, जिनमें से लगभग आधे गर्भपात असुरक्षित तरीके से कराए जाते हैं.
यूएनएफपीए ने यह भी कहा कि रिपोर्ट "अनचाहे गर्भ या आनंद देने वाले हादसों" के बारे में नहीं है, बल्कि वो यह बयान करती है कि कैसे लैंगिक असमानता, गरीबी, यौन हिंसा, गर्भ निरोधक उपायों तक पहुंच की कमी और गर्भपात के उपायों तक पहुंच की कमी के मिले जुले असर की वजह से महिलाओं से उनके "जीवन को सबसे ज्यादा बदल देने वाला प्रजनन संबंधी विकल्प - गर्भ धारण करना या न करना" छिन जाता है.
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युद्ध का असर
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यूक्रेन युद्ध और दूसरे संघर्षों की वजह से अनपेक्षित गर्भ के मामले और बढ़ने का अंदेशा है, क्योंकि इन हालात के बीच यौन हिंसा भी बढ़ रही है और गर्भ निरोध के उपायों तक पहुंच भी बाधित हो रही है.
यूएनएफपीए की कार्यपालक निदेशक नतालया कनेम कहती हैं कि उन्होंने यूक्रेन में "गर्भवती महिलाओं से कहानियां सुनी हैं कि उन्हें पता था कि पोषण की दृष्टि से वो अपना गर्भधारण पूरा नहीं कर पाएंगी."
उन्होंने बताया, "तस्करों, लुटेरों और ऐसे लोगों के उदाहरण भी मौजूद हैं जो युद्ध की त्रासदी में महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाने का एक अवसर देख रहे हैं."
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उन्होंने कहा कि अध्ययनों से अंदाजा लगाया गया है कि दुनिया भर में 20 प्रतिशत से ज्यादा विस्थापित महिलाओं को यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा, "और मैं शर्त लगा कर कह सकती हूं कि यह संख्या असलियत से कम है क्योंकि इस मुद्दे को कलंक के रूप में देखा जाता है."
महिलाओं की मौत का कारण
यूक्रेन युद्ध को लेकर तो अभी कम ही आंकड़े उपलब्ध हैं, लेकिन उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि अफगानिस्तान के संघर्ष की वजह से 2025 तक 48 लाख अनपेक्षित गर्भ के मामलों के होने का अंदेशा है.
यूएनएफपीए ने कहा कि कोविड-19 की वजह से भी स्वास्थ्य सेवाएं और गर्भ निरोधक सामग्री की आपूर्ति भारी तौर पर बाधित रही है, और इस वजह से सिर्फ महामारी के पहले साल में ही 14 लाख अनपेक्षित गर्भ के मामले सामने आए.
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संस्था की सालाना स्टेट ऑफ वर्ल्ड पापुलेशन रिपोर्ट में कहा गया कि हर साल असुरक्षित गर्भपात की वजह से 70 लाख महिलाओं को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ता है और यह मातृत्व मृत्यु के अग्रणी कारणों में से है.
तुर्की की एक डॉक्टर आयसे एकिन ने बताया कि उन्होंने कई ऐसी महिलाओं का इलाज किया है जिनकी चोरी छुपे गर्भपात कराने से आई चोटों की वजह से मौत हो गई.
सुइयों, माचिस से गर्भपात
उन्होंने एक प्रेस वार्ता में बताया, "उनमें से एक ने बुनाई करने वाली सुइयों से खुद अपना गर्भपात करने की कोशिश की, एक और महिला ने माचीस की तीलियों से खुद अपना गर्भपात करने की कोशिश की...ये सभी महिलाएं अचानक गर्भ की वजह से हताश थीं."
अमेरिका के रटगर्स विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर वीमेन एंड वर्क की फैकल्टी निदेशक याना रॉजर्स ने बताया कि यूएनएफपीए की यह रिपोर्ट "उत्कृष्ट और सावधानी से शोध की हुई है." उन्होंने एक अमेरिकी नीति के बारे में बताया जिसे "ग्लोबल गैग रूल" के नाम से जाना जाता है.
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इसके तहत गर्भपात की वकालत या उसके बारे में जानकारी देने वाले संगठनों को अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय मदद मना कर दी जाती है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 2017 में कार्यभार संभालने के बाद सबसे पहले उठाए गए कदमों में इस नियम को वापस लाने का कदम भी उठाया था. मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे पिछले साल खत्म कर दिया.
लेकिन रॉजर्स कहती हैं 51 विकासशील देशों में की गई उनकी रिसर्च दिखाती है कि इस नीति की वजह से "कम की जगह और ज्यादा गर्भपात" हुए, मुख्य रूप से इसलिए क्योंकि महिलाओं की गर्भ निरोधक सामग्री तक पहुंच कम हो गई थी.
सीके/एए (एएफपी)