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जर्मनी का नया संकट, इतनी आबादी पहले कभी नहीं रही

१९ जनवरी २०२३

जर्मनी की आबादी में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है. इसके कारण जर्मनी के कई शहरों में घरों की किल्लत देखी जा रही है. कई शहरों का बुनियादी ढांचा और प्राशासनिक व्यवस्थाएं आबादी में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण भारी दबाव में हैं.

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शरणार्थियों की बड़ी संख्या के कारण जर्मनी के कई शहरों में घरों की किल्लत देखी जा रही है. कई शहरों का बुनियादी ढांचा और प्रशासनिक व्यवस्थाएं आबादी में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण भारी दबाव में हैं.
शरणार्थियों की बड़ी संख्या के कारण जर्मनी के कई शहरों में घरों की किल्लत देखी जा रही है. कई शहरों का बुनियादी ढांचा और प्रशासनिक व्यवस्थाएं आबादी में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण भारी दबाव में हैं.तस्वीर: Ullrich Gnoth/Zoonar/picture alliance

इमिग्रेशन बढ़ने के कारण जर्मनी की आबादी में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है. 2022 के अंत तक जनसंख्या बढ़कर करीब साढ़े आठ करोड़ के हो गई है. यह जानकारी 19 जनवरी को जारी सरकारी आंकड़ों से मिली.

डेटा जारी करते हुए जर्मनी के फेडरल स्टैटिस्टिकल ऑफिस ने बताया, "इसका मतलब है कि 2022 के अंत तक देश में इतने लोग रह रहे हैं, जितने पहले कभी नहीं रहे." अनुमान है कि 2022 में ही करीब 14.2 से 14.5 लाख ज्यादा लोग जर्मनी आए.

आप्रवासियों का रिकॉर्ड रखने की परंपरा

जर्मनी में आबादी का रिकॉर्ड रखने की परंपरा 1950 में शुरू हुई. तब से लेकर अब तक, इमिग्रेशन की यह दर सबसे ज्यादा है. इसकी संभावित वजह पर सांख्यिकी ने बताया, "यूक्रेन युद्ध के कारण आने वाले शरणार्थियों के अलावा दूसरे देशों से आने वाले लोगों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है."

2021 के आखिर से 2022 के अंत तक आबादी में करीब 11 लाख की वृद्धि हुई है. एक ओर जहां जर्मनी की आबादी में रिकॉर्ड उछाल आया है, वहीं जन्मदर में काफी कमी हुई है. इसके अलावा मरने वालों की संख्या में भी सामान्य से कहीं ज्यादा वृद्धि देखी गई.

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रूसी हमले का इमिग्रेशन पर असर

फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद लाखों शरणार्थी यूरोप आए. शरणार्थियों की बड़ी संख्या जर्मनी भी पहुंची. दिसंबर 2022 तक करीब 10 लाख यूक्रेनी शरणार्थी जर्मनी आ चुके थे. "वेल्ट अम जोन्टाग" की एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब दो लाख शरणार्थियों ने असाइलम के लिए भी आवेदन किया. इनमें ज्यादातर लोग सीरिया, अफगानिस्तान, तुर्की और इराकी नागरिक हैं.

इससे पहले जर्मनी में शरणार्थियों की इतनी बड़ी संख्या 2015 में देखी गई थी, जब सीरिया में चल रहे युद्ध से भागकर लोग यहां आए थे. मगर 2015 के मुकाबले 2022 में करीब 35 फीसदी ज्यादा इजाफा देखा गया है. इसके कारण जर्मनी के कई शहरों में घरों की किल्लत देखी जा रही है. कई शहरों का बुनियादी ढांचा और प्रशासनिक व्यवस्थाएं आबादी में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण भारी दबाव में हैं. कई जानकार इसे जर्मनी का नया माइग्रेंट संकट बता रहे हैं. 

एसएम/एमजे (डीपीए)