आइसलैंड में एक और ज्वालामुखी विस्फोट, जल गए मकान
आइसलैंड के सबसे ज्यादा आबादी वाले इलाके में फिर से ज्वालामुखी फटा है. लोगों को निकाल लिया गया था, लेकिन कुछ मकानों को जलने से बचाया नहीं जा सका. कुछ स्थानीय लोगों को ज्वालामुखीय गतिविधि के एक नए युग की शुरुआत का डर है.
सबसे ज्यादा आबादी वाला इलाका
आइसलैंड में पिछले ज्वालामुखीय विस्फोट के कुछ ही हफ्ते बाद देश के मौसम विभाग ने ग्रिंडाविक कस्बे के पास एक और विस्फोट के बारे में बताया है. मछली पकड़ने के लिए मशहूर इस कस्बे की आबादी करीब 3,500 है. ग्रिंडाविक राजधानी रिक्याविक से लगभग 40 किलोमीटर दूर है. स्थानीय लोगों को रात को ही वहां से निकाल लिया गया था.
आगे क्या होगा, स्पष्ट नहीं
इस विस्फोट के पहले 15 जनवरी को सुबह तीन बजे के बाद करीब 200 छोटे छोटे भूकंप आए. बचावकर्मियों ने गांव को नुकसान से बचाने के लिए मिट्टी की दीवारें बनाई थीं. सिविल डिफेंस के सलाहकार जियोफिजिसिस्ट माग्नुस टूमी गुडमुंडसन ने मीडिया को बताया, "विस्फोट के बाद अब क्या होगा इसका अभी अनुमान लगाना संभव नहीं है."
जल गए कुछ मकान
ग्रिंडाविक को बचाने की सभी कोशिशों के बावजूद कस्बे के पास ही एक ज्वालामुखीय दरार खुल गई और उसमें से लावा निकल कर इमारतों तक पहुंच गया. कई मकान जल गए. इसके पहले आइसलैंड के अधिकांश ज्वालामुखी सुदूर इलाकों में फटे थे. लेकिन अब जहां ये विस्फोट हो रहे हैं उस रेक्यानेस प्रायद्वीप पर देश की करीब दो-तिहाई आबादी रहती है.
ज्वालामुखी पर्यटन
अधिकारियों ने ज्वालामुखी के इलाके में आने के खिलाफ लोगों को चेतावनी दी है. आइसलैंड में 30 से ज्यादा सक्रीय ज्वालामुखी हैं, जिसकी वजह से वह "ज्वालामुखी पर्यटन" के लिए एक लोकप्रिय जगह है. आइसलैंडिक टूरिस्ट बोर्ड ने बताया कि 2021, 2022 और 2023 की गर्मियों में सक्रिय विस्फोट पर्यटकों के लिए बड़े आकर्षण बन गए थे और इन्हें देखने करीब 6,80,000 लोग आए थे.
हर 800 सालों में फटते थे ज्वालामुखी
ग्रिंडाविक जहां स्थित है उस रेक्यानेस प्रायद्वीप को ज्वालामुखीय गतिविधि के लिए जाना जाता है. अधिकारियों का कहना है कि दरारों का फटना और ज्वालामुखी के विस्फोट औसत हर 800 से 1,000 साल पर होते हैं. इनके बीच हर कुछ दशकों पर भूकंप आते रहे हैं. लेकिन अब यह स्थिति बदल रही है. ताजा विस्फोट को मिला कर देखा जाए तो इस इलाके में पिछले तीन सालों में पांच विस्फोट हुए हैं.
शायद कभी ना लौट पाएं लोग
विशेषज्ञों का मानना है कि संभव है कि सक्रिय दरार एक किलोमीटर लंबी हो गई है. ग्रिंडाविक के निवासियों को नवंबर में और फिर दिसंबर में भी निकाला गया था. कई लोगों को डर है कि शायद वो अपने घरों में कभी लौट ना पाएं.
इमारतों को बचाना
सिविल डिफेंस के कर्मियों ने जो अवरोधक लगाए थे उनमें से कुछ को लावा ने पार कर लिया, लेकिन एक ऊर्जा संयंत्र को बचाने के लिए लगाए गए अवरोधकों ने लावा को रोक लिया. यह संयंत्र पूरे प्रायद्वीप के लिए गर्म पानी बनाता है. लावा ब्लू लैगून के पास भी आया, जो एक स्पा है और आइसलैंड के सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से है. अधिकारियों का कहना है कि इनमें से किसी भी स्थान पर कोई खतरा नहीं है. (ऊलरिक शुल्त्ज)