खेलों पर तालिबान के बैन का विरोध कर रही हैं अफगानिस्तान की महिलाएं
अफगानिस्तान में सत्ता हथियाने के बाद तालिबान ने महिलाओं की आजादी पर कई पाबंदियां लगा दीं, जिनमें खेलों पर बैन भी शामिल था. लेकिन कुछ महिलाएं गुमनाम रूप से खेलते हुए अपनी तस्वीरें खिंचवा कर इस बैन का विरोध कर रही हैं.
फुटबॉल से प्रेम
खेलों पर तालिबान के बैन का कई महिलाओं ने विरोध किया है. समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने सितंबर 2022 में इन महिलाओं की पहचान को छुपाते हुए इनकी तस्वीरें ली थीं. यह काबुल में महिलाओं की एक पूर्व फुटबॉल टीम है.
खेलने की वजह से खतरा
यह एक युवा महिला स्केटबोर्डर हैं जिन्होंने स्केटिंग करते समय बुर्का पहना हुआ है. तालिबान ने महिलाओं और लड़कियों को न सिर्फ हर तरह के खेल खेलने से बैन कर दिया है, बल्कि उन्हें पार्क और जिम जाने से भी मना कर दिया है. इतना ही नहीं जो महिलाएं इस मनाही को नहीं मानतीं तालिबान के लोग उन्हें फोन पर और उनके घर जा कर उन्हें धमकाते हैं.
बॉक्सिंग से बाहर
20 साल की नूरा को वो पल याद है जब तालिबान ने काबुल पर अपना कब्जा जमा लिया. नूरा ने उसी दिन काबुल में एक खेल परिसर में एक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. वहां मौजूद दर्शकों को जब यह पता चला कि तालिबान के लड़ाके काबुल के बाहर तक पहुंच गए हैं, सभी महिलाएं और लड़कियां खेल परिसर से भाग गईं. वो नूरा की आखिरी प्रतियोगिता थी.
खतरे से भागती एक बॉक्सर
नूरा काबुल के एक गरीब इलाके में बड़ी हुईं और उन्हें हमेशा चुनौतियां का मजबूती से सामना किया. लेकिन जब तालिबान ने उन्हें और उनके परिवार को धमकाया तो उन्होंने काबुल छोड़ दिया और उस प्रांत में जा कर हफ्तों तक छिपी रहीं जहां के उनके माता-पिता मूल निवासी हैं. उन्होंने एपी को बताया, "जब से तालिबान की वापसी हुई है मुझसे ऐसा लगता है जैसे मैं मर चुकी हूं."
व्यवस्थित रूप से अलग कर देना
इन महिला बाइक रेसर जैसा तजुर्बा कई महिलाओं को हुआ है जिन्हें तालिबान ने व्यवस्थित रूप से वंचित और निष्क्रिय ही कर दिया है. उनका स्कूल और विश्वविद्यालय जाना वर्जित है, घर से बाहर निकलने पर पूरा शरीर ढंकना अनिवार्य है और घर से बाहर काम करने पर भारी प्रतिबंध लगा दिए गए हैं.
क्या फिर कभी खेल पाएंगी?
काबुल में इन युवा महिला के बास्केटबॉल फिर से खेल पाने की कोई गुंजाइश नहीं है. अफगानिस्तान की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रवक्ता ने घोषणा की है कि तालिबान के अधिकारी खेलों के लिए नए स्थलों की योजना बना रहे हैं ताकि महिलाएं दोबारा खेल सकें. लेकिन महिलाओं की शिक्षा को लेकर भी इसी तरह के बयान दिए गए हैं और अभी तक किसी भी घोषणा पर अमल नहीं किया गया है.