राजपथ पर सैन्य शक्ति और संस्कृति की झलक
भारत ने अपने 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर सैन्य शक्ति के साथ-साथ सांस्कृतिक झलक पेश की. महामारी के दौर में परेड को लेकर कई सख्त नियम बनाए गए थे. परेड में सेना की ताकत के साथ अलग-अलग राज्यों की झांकी देखने को मिली.
आकर्षक परेड
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर तिरंगा फहराया और उसके बाद परंपरा के मुताबिक राष्ट्रगान हुआ. राजपथ पर सेना के जवानों ने मार्च किया.
स्टंट
परेड के दौरान जवानों ने बाइक पर खतरनाक स्टंट दिखाए. एक बाइक पर छह जवानों ने कलाबाजी दिखाई.
मार्च करते जवान
परेड का मुख्य आकर्षण सैन्य ताकत, राज्यों की अलग-अलग झांकियां रहीं. इसी के साथ पहली बार बांग्लादेश की सेना की 122 सदस्यीय टुकड़ी ने राजपथ पर मार्च किया.
लद्दाख की झांकी
राजपथ पर झांकियों में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख ने भी अपनी झांकी पेश की. लद्दाख ने अपनी झांकी में राज्य की संस्कृति और सांप्रदायिक सौहार्द को दिखाया.
राज्यों की झलक
उत्तर प्रदेश की झांकी में अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर को प्रदर्शित किया गया, जबकि पंजाब की झांकी गुरु तेग बहादुर को समर्पित रही.
कम लोगों को निमंत्रण
कोरोना वायरस महामारी के चलते इस साल का गणतंत्र दिवस समारोह थोड़ा अलग रहा. दर्शकों और मेहमानों की संख्या को सीमित रखा गया था.
फेस मास्क और दूरी
जो लोग परेड देखने के लिए राजपाथ आए थे उन्हें दूर-दूर बिठाया गया और फेस मास्क लगाना अनिवार्य किया गया था. इस बार एक लाख लोगों की जगह सिर्फ 25,000 लोग ही परेड देखने आ पाए.
शहीदों को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परेड देखने पहुंचे तो उनके चेहरे पर भी मास्क था. इससे पहले उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर युद्ध में मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि दी.
राफेल की ताकत दिखी
भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान राफेल पहली बार गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बना. राफेल विमान के फ्लाईपास्ट से परेड का समापन हुआ.
नहीं आ पाए बोरिस जॉनसन
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत को गणतंत्र दिवस के मौके पर बधाई दी. उन्हें गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मेहमान शामिल होना था, लेकिन कोरोना संकट के कारण वो नहीं आ सके.
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