भारत: किस पार्टी को मिले सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड
सुप्रीम कोर्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुनवाई हो रही है. इस योजना के तहत चंदा देने वाले की पहचान गुप्त रखने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. क्या आप जानते हैं कि किस पार्टी को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए सबसे अधिक चंदा मिला?
57 फीसदी इलेक्टोरल बॉन्ड बीजेपी को मिले
राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग को बताना पड़ता है कि उन्हें इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कितना चंदा मिला है. डाटा के मुताबिक 2017-2018 और 2021-2022 के दौरान बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कुल 5,271.97 करोड़ रुपये का चंदा मिला.
कांग्रेस को कितने बॉन्ड मिले
जहां एक ओर बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए अच्छी फंडिंग हुई तो वहीं कांग्रेस के खाते में चुनावी बॉन्ड के जरिए 952.9 करोड़ रुपये चंदा आया.
पांच साल में पार्टियों को कितना चंदा
2017-2018 और 2021-2022 के दौरान भारतीय स्टेट बैंक के कुल 9,208.23 करोड़ की कीमत के इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री हुई है. करीब 57 फीसदी हिस्सा के बीजेपी के पास गया.
क्षेत्रीय पार्टियों के खाते में कितने बॉन्ड्स
इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए क्षेत्रीय पार्टियों की भी फंडिंग हुई है. डाटा के मुताबिक टीएमसी को 767.88 करोड़, बीजेडी को 622 करोड़, डीएमके को 431 करोड़, आप को 48.83 करोड़ और जेडीयू को 24.40 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई.
क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड
2017 में केंद्र सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को फाइनेंस बिल के जरिए संसद में पेश किया था. 2018 में इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को कानूनी रूप से लागू किया गया था.
किसे मिलता है इलेक्टोरल बॉन्ड?
हर रजिस्टर्ड पार्टी इस बॉन्ड का लाभ उठा सकती है, लेकिन उसके लिए शर्त है कि उस पार्टी को पिछले आम चुनाव में कम से कम एक फीसदी या उससे अधिक वोट मिले हो.