भुखमरी सूचकांक 2023: भारत और नीचे फिसला
१३ अक्टूबर २०२३"वर्ल्ड हंगर इंडेक्स" अंतराष्ट्रीय संस्था 'कंसर्न वर्ल्डवाइड' और जर्मनी की सबसे बड़ी संस्थाओं में से एक 'वेल्ट हंगर हिल्फ' बनाया गया सूचकांक है. भारत 111वें स्थान पर पहुंच गया है. पिछले साल इस सूची में भारत 107वें स्थान पर था.
वैश्विक रिपोर्ट में कहा गया है, "2023 ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 28.7 अंक के साथ भारत में भूखे रहने वालों का स्तर गंभीर है."
भारत ने रिपोर्ट खारिज की
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने एक बयान में दावों का खंडन किया और कहा कि सूचकांक "भूख' का एक त्रुटिपूर्ण माप बना हुआ है और भारत की वास्तविक स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करता है."
जीएचआई रिपोर्ट में पाकिस्तान को 102वें, बांग्लादेश को 81वें, नेपाल को 69वें और श्रीलंका को 60वें स्थान पर रखा गया है. दक्षिण एशिया और उप-सहारा अफ्रीका सबसे अधिक भूख स्तर वाले क्षेत्र हैं.
मंत्रालय ने कहा, "सूचकांक भूख का एक गलत माप है और गंभीर पद्धतिगत मुद्दों से ग्रस्त है. सूचकांक की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले चार संकेतकों में से तीन बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं और पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते."
जीएचआई रिपोर्ट में कहा गया, "भारत की चाइल्ड वेस्टिंग की दर सबसे अधिक 18.7 फीसदी है जो अतिकुपोषण को दिखाती है." चाइल्ड वेस्टिंग की श्रेणी में वे बच्चे आते हैं जिनका वजन पर्याप्त रूप से बढ़ नहीं पाता या अपर्याप्त भोजन, अथवा डायरिया और श्वास जैसी बीमारियों के कारण उनका वजन कम हो जाता है.
इसमें कहा गया है, "चौथा और सबसे महत्वपूर्ण संकेतक 'कुपोषित (पीओयू) आबादी का अनुपात' 3,000 के बहुत छोटे नमूना आकार पर किए गए एक जनमत सर्वेक्षण पर आधारित है."
भारत में अल्पपोषण की दर 16.6 प्रतिशत और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 3.1 प्रतिशत है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 15 से 24 वर्ष की आयु की महिलाओं में एनीमिया की व्यापकता 58.1 प्रतिशत है.