2021 में भारत ने तोड़े सोने के आयात के रिकॉर्डः रिपोर्ट
५ जनवरी २०२२साल 2021 में भारत ने 1050 टन सोना आयात किया और इस पर 55.7 अरब अमेरिकी डॉलर यानी चार अरब से ज्यादा रुपये खर्च किए. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से यह खबर दी है.
2021 में खुदरा बाजार में सोने की भारी मांग दर्ज की गई. इसका मुख्य कारण 2020 में शादियों का टलना और सोने की कीमत में आई कमी को माना जा रहा है. 2020 में भारत ने सोने के आयात पर 22 अरब डॉलर खर्च किए थे, जो 2021 के मुकाबले आधे से भी कम थे.
भारत दुनिया में सोने के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से है. 2021 में उसने इस बहुमूल्य धातु के आयात के पिछले रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया. सोने के आयात का लेखा-जोखा रखने वाले एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इससे पहले 2011 में 53.9 अरब डॉलर का सोना आयात किया गया था. इस अधिकारी ने कहा कि 2020 में 430 टन सोना आयात हुआ था जबकि 2021 में इसकी मात्रा दोगुनी से भी ज्यादा बढ़कर 1050 टन पर पहुंच गई, जो पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा है.
महामारी का असर
जानकारों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कमी ने भारतीय खरीददारों को प्रोत्साहित किया. कोलकाता में सोने के थोक विक्रेता हर्षद अजमेरा बताते हैं, "पिछले साल तो मांग जबरदस्त थी क्योंकि कोरोनावारस महामारी के कारण 2020 में शादियां टल गई थीं.”
2019 के आखिर में कोरोनावायरस महामारी की शुरुआत चीन में हुई थी और मार्च 2020 में भारत ने बेहद सख्त लॉकडाउन लागू कर दिया था. इस विशाल तालाबंदी ने ना सिर्फ बाजार और दुकानें बंद करा दी थीं बल्कि आम जनजीवन को भी पूरी तरह थाम दिया था.
तालाबंदी के कारण बड़ी संख्या में शादियां टल गईं जो सोने की खरीददारी की भारत में एक बड़ी वजह मानी जाती हैं. इसके अलावा अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों पर भी लोग जमकर सोना खरीदते हैं लेकिन लॉकडाउन के कारण यह त्योहार भी बहुत छोटे पैमाने पर मानाया गया और मांग बेहद कम रही.
अजमेरा कहते हैं कि ये कारण तो थे ही, इनके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमत भी कम हुईं जिस कारण 2021 की शुरुआत में लोगों ने काफी खरीददारी की थी.
फिर घट सकती है मांग
अगस्त 2020 में सोने की कीमत भारतीय बाजार में 56,191 रुपये प्रति दस ग्राम पहुंच गई थी जो एक नया रिकॉर्ड था. लेकिन मार्च 2021 में यह कीमत 43,320 रुपये पर लौट आई. उसी महीने में 177 टन सोना आयात किया गया. पिछले साल दिसंबर में 86 टन सोना आयात किया गया जो 2020 दिसंबर के 84 टन से थोड़ा ज्यादा था.
2022 की शुरुआत से कोरोनावायरस के मामलों की संख्या फिर से बढ़ने के कारण बाजार में लॉकडाउन का डर सता रहा है जिसका असर सोने की मांग पर भी हो सकता है. मुंबई स्थित एक डीलर ने कहा कि जूलर्स को लॉकडाउन का डर है जिसक कारण उन्होंने खरीद कम कर दी है.
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक पिछले साल की पहली तिमाही में विश्व बाजार में सोने की मांग बढ़ी थी लेकिन दूसरी और तीसरी तिमाही में इसमें कमी आई. दूसरी तिमाही में मांग 10 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 7 प्रतिशत कम रही. अक्टूबर में जारी आंकड़ों के मुताबिक तीसरी तिमाही में 831 टन सोना खरीदा गया था.
रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)