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क्रिप्टो पर टैक्स लगेगा, कारोबारी बोले खबर अच्छी है

२ फ़रवरी २०२२

भारत सरकार जल्दी ही अपनी डिजिटल करंसी लाने जा रही है. दुनियाभर में तेजी से बढ़ते क्रिप्टो करंसी बाजार को झटका देते हुए मंगलवार को आम बजट में यह ऐलान किया गया.

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तस्वीर: Christian Beutler/picture alliance/KEYSTONE/dpa

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में जो घोषणाएं की हैं उनमें सरकार समर्थित डिजिटल रुपये की शुरुआत और क्रिप्टो करंसी के कारोबार से हुए मुनाफे पर 30 प्रतिशत कर के ऐलान ने भारत ही नहीं, बाकी दुनिया के क्रिप्टो व्यापारियों को हैरान-परेशान कर दिया.

वैसे तो भारत में अब तक क्रिप्टोकरंसी को लेकर नियम नहीं बने हैं लेकिन स्थानीय बाजार काफी बड़ा हो चुका है और करोड़ों लोग क्रिप्टोकरंसी में कारोबार कर रहे हैं. इसके पीछे बड़ी-बड़ी हस्तियों का समर्थन और बड़ी संख्या में उबर आए क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लैटफॉर्म की भी बड़ी भूमिका रही है.

इसी वजह से पिछले सितंबर में जब सरकार ने क्रिप्टोकरंसी के लेन-देन को प्रतिबंधित कर दिया था, उसके बाद भी बाजार का बढ़ना थमा नहीं और भारत चीन के बाद दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जहां क्रिप्टोकरंसी में कारोबार का आकर्षण सबसे ज्यादा है.

बड़ा होता क्रिप्टो बाजार

मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस वृद्धि को नियमित किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, "वर्चुअल डिजिटल करंसी में लेनदेन में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिली है और इसलिए इसके उचित कराधान की जरूरत है.”

सीतारमण ने ऐलान किया कि क्रिप्टोकरंसी और अन्य डिजिटल संपत्तियों के कारोबार से कमाए गए मुनाफे पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा लेकिन इसमें हुए नुकसान से किसी तरह का कर-लाभ नहीं होगा. सभी तरह के डिजिटल लेन-देन पर एक प्रतिशत टैक्स शुरुआत में ही काटा जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि इससे सरकार को हर लेन-देन की जानकारी रहेगी.

इसके अलावा सीतारमण ने अगले साल मार्च से पहले डिजिटल रुपया शुरू करने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि यह ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा. वित्त मंत्री ने कहा, "केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल करंसी की शुरुआत से डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा. इससे ज्यादा सक्षम और सस्ती करंसी प्रबंधन व्यवस्था भी संभव हो पाएगी.”

भारत की झिझक

क्रिप्टोकरंसी भारत में करीब दस साल पहले आ गई थी और तभी से सरकार की इस नई मुद्रा व्यवस्था पर टेढ़ी नजरें रही हैं. 2018 में तो केंद्रीय बैंक ने क्रिप्टोकरंसी को बैन ही कर दिया था. दो साल पहले देश के सुप्रीम कोर्ट ने यह बैन हटा दिया था और तब से भारत में क्रिप्टोकरंसी का बाजार तेजी से बढ़ा है. शोध संस्था चेनालिसिस के मुताबिक जून 2021 तक एक साल में ही भारत का क्रिप्टोकरंसी बाजार 650 फीसदी बढ़ चुका था जो वियतनाम के बाद दूसरी सबसे ज्यादा वृद्धि थी.

क्रिप्टोकरंसी को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यदा-कदा बोलते रहे हैं. पिछले साल दावोस की वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम को संबोधन में उन्होंने चेतावनी दी थी कि यह युवा पीढ़ी के लिए खतरनाक है. उन्होंने कहा था कि अगर क्रिप्टोकरंसी गलत हाथों में पड़ गई तो हमारी युवा पीढ़ी को बर्बाद कर सकती है.

पिछले साल भारत सरकार ने सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पेश किया था लेकिन बाद में उसे लागू नहीं किया गया. भारत के सबसे पुराने क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लैटफॉर्म में गिने जाने वाले ऊनोकॉइन के सहसंस्थापक सात्विक विश्वनाथ कहते हैं, "कर व्यवस्था पर आखिरकार कुछ स्पष्टता मिली है, जो कि अच्छी बात है. अब हम मान सकते हैं कि वे टैक्स लगा रहे हैं मतलब वे जानते हैं कि बैन तो नहीं लगाएंगे.”

वीके/एए (एपी, रॉयटर्स)

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