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जल्द मिलेगी बिना सुई लगाए कोरोना की वैक्सीन

चारु कार्तिकेय
३ फ़रवरी २०२२

दवा कंपनी जाइडस कैडिला ने केंद्र सरकार को अपनी सुई रहित कोविड-19 वैक्सीन की सप्लाई शुरू कर दी है. इसे 12 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को दिए जाने की अनुमति पहले ही दी जा चुकी है.

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भारत का टीकाकरण कार्यक्रम
बेंगलुरु में टीका लेती एक महिलातस्वीर: Manjunath Kiran/AFP

जाइकोव-डी नाम की जाइडस कैडिला की यह वैक्सीन एक प्लाज्मिड डीएनए वैक्सीन है. इसे इस तरह की दुनिया की पहली वैक्सीन बताया जा रहा है. इसे जाइडस कैडिला ने भारत सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के साथ मिल कर विक्सित किया है. इसकी तीन खुराकें लेनी पड़ती हैं जिन्हें ट्रोपिस नाम के एक सुई रहित तरीके के जरिए त्वचा में डाला जाता है. कंपनी का दावा है कि यह प्रक्रिया दर्द रहित होती है.

भारत सरकार ने कहा है कि यह टीका जिस तकनीक पर काम करता है उसके इस्तेमाल से इसे वायरस के म्यूटेट हो कर आने वाले नए नए वेरिएंटों के हिसाब से बदला जा सकता है. क्लीनिकल ट्रायल में इसकी गुणकारिता 66.6 प्रतिशत पाई गई.

कंपनी ने बताया कि पहली खुराक के बाद दूसरी 28वें दिन और तीसरी 56वें दिन लेनी होती है. एक खुराक की कीमत 265 रुपए है और सुई रहित उपकरण की कीमत 93 रुपए है. केंद्र सरकार इसे 358 रुपए प्रति खुराक की दर पर खरीद रही है.

भारत में टीकाकरण
बिहार में टीका लेने के लिए लाइन में खड़ीं स्कूल छात्राएंतस्वीर: Manish Kumar

इस वैक्सीन को छह महीने पहले ही केंद्र सरकार के नियामक से आपात इस्तेमाल की अनुमति मिल गई थी. कंपनी को इसे दिसंबर से ही सरकार को सप्लाई कर देना शुरू करना तय था लेकिन इसमें देर हो गई. कंपनी का कहना है कि उपकरण में और उसे बनाने के लिए अहमदाबाद में बने नए संयंत्र में कुछ समस्याएं आ गई थीं जिसके कारण यह देर हुई.

सरकार ने फिलहाल इस की एक करोड़ खुराकों का ऑर्डर दिया है.

इसी के साथ भारत में कोविड-19 के खिलाफ अब चार टीके उपलब्ध हो जाएंगे, जिनमें जाइकोव डी के अलावा कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक वी शामिल हैं.