पेरिस ओलंपिक में इन 5 भारतीय खिलाड़ियों से मेडल की ज्यादा उम्मीदें
पेरिस में 26 जुलाई की शाम बेहद हसीन उद्घाटन समारोह से ओलंपिक 2024 की शुरुआत हो गई. पूरा पेरिस शहर ही जैसे एक स्टेडियम में तब्दील हो गया. देखिए, पेरिस ओलंपिक में किन्हें भारत की सबसे मजबूत उम्मीदों में आंका जा रहा है.
मानो समूचा पेरिस बन गया एक विशाल स्टेडियम
ओलंपिक खेलों के इतिहास में यह पहली बार है, जब ओपनिंग सेरेमनी स्टेडियम में नहीं, खुली जगह पर हुई. अपने-अपने देशों का प्रतिनिधित्व करने आए खिलाड़ियों की पारंपरिक परेड भी बड़े खूबसूरत तरीके से नाव पर निकाली गई.
सेन परेड में करीब 205 देशों के खिलाड़ी
उद्घाटन समारोह में परेड के दौरान सेन पर बहती नावें पेरिस के कुछ सबसे मशहूर लैंडमार्क्स से होकर गुजरीं. इस कार्यक्रम में करीब 80 देशों के राष्ट्राध्यक्ष शरीक हुए. आयोजकों के मुताबिक, नदी के किनारे तीन लाख से ज्यादा दर्शक उद्घाटन समारोह देखने पहुंचे.
ढलता सूरज, सेन नदी और पानी पर बढ़ता कारवां
आमतौर पर ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी उद्घाटन समारोह के दौरान स्टेडियम के एथलेटिक्स ट्रैक पर मार्च करते हैं. पेरिस ओलंपिक में यह मार्च सेन नदी पर निकाला गया.
याद है, पिछले ओलंपिक की वो सनसनी
2020 के टोक्यो ओलंपिक में भारतीय दल में 124 खिलाड़ी थे. भारत ने कुल सात पदक जीते. इनमें नीरज चोपड़ा का जीता ऐतिहासिक गोल्ड मेडल भी था. कई भारतीय याद करते हैं कि इस मौके पर जब स्टेडियम में भारत का राष्ट्रगान गूंजा, तो उन्होंने अपने खून में एक तेजी, एक खुशनुमा सनसनी महसूस की. इससे पहले 2008 बीजिंग ओलंपिक्स में अभिनव बिंद्रा ने भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था.
सेन नदी पर लहराता भारत का तिरंगा
यूरोप में गर्मियों के दिनों में शाम बहुत देर से ढलती है. ऐसे में ढलते सूरज की रोशनी में सेन से गुजरता फ्लोटिला, या रिवर मार्चिंग बहुत आकर्षक रही. एक तरह से यह पेरिस के इतिहास और स्थापत्य की रंगारंग झांकी थी. आगे की स्लाइडों में देखिए भारत के कुछ ऐसे खिलाड़ी, जिनके मेडल जीतने की संभावनाएं सबसे मजबूत बताई जा रही हैं.
हरदिल अजीज नीरज चोपड़ा
मेहनती. सिलसिलेवार. अकूत प्रतिभाशाली. जेवलिन थ्रो के खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों की व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं. उन्होंने 2022 की वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक और बुडापेस्ट में हुई 2023 की इसी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता. 2023 के एशियन गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता. पेरिस ओलंपिक में भी उनके पदक जीतने की बहुत उम्मीद है.
"द गोल्डन बॉक्सर ऑफ इंडिया"
गूगल आर्ट्स एंड कल्चर ने निखत जरीन के लिए लिखा, "द गोल्डन बॉक्सर ऑफ इंडिया." इन्हीं निखत को अक्सर कई लोगों-रिश्तेदारों से यह सुनना पड़ा कि लड़की होकर बॉक्सिंग करेगी! अब देखिए निखत कहां पहुंच गईं! डबल वर्ल्ड चैंपियन. पेरिस ओलंपिक में उनका पहला मुकाबला 28 जुलाई को जर्मनी की मैक्सी क्लोत्सर से होगा. इसमें जीतने पर उनका सामना वर्ल्ड चैंपियन चीन की वू यू से होगा. इसे कड़ा मुकाबला माना जा रहा है.
कहां से कहां पहुंच गए सात्विकसाईराज रेंकीरेड्डी-चिराग शेट्टी
टोक्यो ओलंपिक में बैडमिंटन की यह युगल जोड़ी क्वार्टर फाइनल तक नहीं पहुंच पाई. बड़े मलाल के साथ दोनों रोये. टूटा दिल लेकर बाहर आए और अगले तीन साल में धाक जमा दी. यह जोड़ी वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक, एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक और थाइलैंड ओपन जीतने में कामयाब रही. इसके अलावा बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन के मेन्स डबल्स में लगातार 12 हफ्तों तक नंबर वन रैंकिंग. भारत को इस जोड़ी से बेशुमार उम्मीदें हैं.
मीराबाई चानू उठाएंगी करोड़ों उम्मीदों का भार
राष्ट्रमंडल खेलों में तीन स्वर्ण पदक. टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक, जो कि वेटलिफ्टिंग (भारोत्तोलन) में भारत का दूसरा सर्वकालिक पदक था. इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था. चानू का यह तीसरा ओलंपिक है. वह भारतीय दल में अकेली वेटलिफ्टर हैं. जब वह 49 किलोग्राम की श्रेणी में वेटलिफ्टिंग करेंगी, तो सच में ही भारत की करोड़ों उम्मीदों का भार उनकी हथेलियों में भिंचा होगा.
उम्मीदें इतनी ही नहीं
और भी खिलाड़ी हैं, जिनसे भारत को ओलंपिक पदक की काफी उम्मीद है. अंतिम पंघाल, विनेश फोगाट से रेसलिंग में काफी आशा है. इनके अलावा भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन किया था और कांस्य पदक जीता. कभी विश्व विजेता रही भारतीय हॉकी टीम ने करीब चार दशक बाद ओलंपिक में कोई पदक हासिल किया था. इसके बाद भी टीम अच्छा प्रदर्शन करती रही है.