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अपराधभारत

कोलकाता बलात्कार के विरोध में भारत के डॉक्टरों की हड़ताल

१७ अगस्त २०२४

भारत में शनिवार को सुबह छह बजे से पूरे देश के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए. कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या से नाराज डॉक्टर कई दिनों से विरोध जता रहे हैं.

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शनिवार को अमृतसर में विरोध प्रदर्शन करते डॉक्टर
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद देश भर में डॉक्टर और आम लोग प्रदर्शन कर रहे हैंतस्वीर: Narinder Nanu/AFP/Getty Images

9 अगस्त को कोलकाता के सरकारी अस्पताल में 31 साल के डॉक्टर का लहूलुहान शव मिला था. इसके बाद से कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं. इनकी शुरूआत तो डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने की थी लेकिन इसमें आम लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हो गए हैं. इस मामले ने देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है. 

शनिवार सुबह हजारों लोगों ने हाथों में मोमबत्तियां लेकर कोलकाता में जुलूस निकाला. प्रदर्शनकारियों ने नारे लिखी तख्तियां अपने हाथों में ले रखी थीं. एक तख्ती पर लिखा था, "जो हाथ इलाज करते हैं उनसे खून नहीं निकलना चाहिए."  इसी तरह एक तख्ती पर "बस बहुत हुआ" तो दूसरे पर "बलात्कारी को फांसी दो" जैसे नारे लिखे थे.

अजमेर में दीवार पर लिखे बलात्कार के खिलाफ नारे और उसके सामने से गुजरती एक महिला
कोलकाता की घटना ने 2012 के निर्भया कांड की याद ताजा कर दी हैतस्वीर: Himanshu Sharma/AFP/Getty Images

जिस डॉक्टर की हत्या हुई उसका शव मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में मिला. इससे ऐसा लग रहा है कि 36 घंटे की शिफ्ट के दौरान वह आराम करने वहां गई थीं. ऑटोप्सी रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई है. पीड़ित के मां-बाप की तरफ से अदालत में दायर की गई याचिका में पीड़ित डॉक्टर के साथ सामूहिक बलात्कार का संदेह जताया गया है. पुलिस ने एक शख्स को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया है. वह अस्पताल में लोगों की भीड़ को कतार में लगाने का काम करता है.

नाराज लोगों ने पुलिस पर इस मामले में ठीक से काम नहीं करने के आरोप लगाए हैं. इसके बाद कोलकाता हाईकोर्ट ने यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई को सौंप दिया है. कई राज्यों के सरकारी अस्पतालों में सोमवार से डॉक्टरों ने "अनिश्चितकाल" के लिए हड़ताल की घोषणा कर दी. सरकारी और निजी डॉक्टरों के कई यूनियन विरोध प्रदर्शनों और हड़ताल को समर्थन दे रहे हैं. ये लोग डॉक्टरों के लिएसुरक्षा और इस मामले में न्याय की मांगकर रहे हैं.

24 घंटे की हड़ताल

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने शनिवार को पूरे देश में 24 घंटे की हड़ताल कर इस मामले में विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है. इसके तहत मरीजों के इलाज की ऐसी सभी प्रक्रियाएं रोक दी गई हैं जो अत्यंत जरूरी नहीं हैं. यह हड़ताल शनिवार 17 अगस्त को सुबह सात बजे शुरू हुई. हड़ताल से पहले आईएमए के प्रमुख आरवी असोकन ने बयान जारी कर कहा, "हम मांग करते हैं कि अपनी बेटियों और डॉक्टरों के लिए न्याय के संघर्ष को देश समझे और हमें अपना समर्थन दे." आइएमए ने इस हत्या को "जघन्य" कहा है. आईएमए की तरफ से जारी बयान में यह भी कहा गया है, "पीड़ित 36 घंटे की ड्यूटी पर थी और वहां आराम के लिए सुरक्षित जगह भी नहीं थी..रेजिडेंट डॉक्टरों के काम और काम की स्थितियों को पूरी तरह से बदला जाना जरूरी है."

जर्मनी के एसेन शहर में इस घटना के विरोध में लोगों ने प्रदर्शन किया
भारत की महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की खबर पर दुनिया के कई और देशों में चर्चा हो रही हैतस्वीर: Arindam Choudhury

दिल्ली की लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज रेजिडेंट डॉक्टर 29 साल की आकांक्षा त्यागी ने प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था. उनका कहना है, "24-36 घंटे लगातार काम करने के बाद हमारे आराम के लिए ढंग की जगह भी नहीं होती." गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला के खिलाफ "राक्षसी" कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दिलाने की मांग की. महिलाओं के खिलाफ हिंसा भारतकी एक बड़ी समस्या है. 2022 में औसतन हर दिन 90 बलात्कार के मामले दर्ज हुए. बहुत से लोग कोलकाता के घटना की तुलना 2012 के निर्भया कांड से कर रहे हैं. उस घटना के बाद ऐसा लगा था कि सरकार और लोगों का ध्यान इस ओर जा रहा है. हालांकि इस लिहाज से भारत में महिलाओं की स्थिति बीते सालों में कुछ खास नहीं बदली है. बलात्कार जैसे अपराधों के कम ही मामलों में दोष साबित होता है या फिर दोषी को सजा मिलती है. सरकार ने कई तरह के नए अपराधों की श्रेणी बनाई है और इसमें छेड़छाड़ और पीछा करने जैसे अपराध भी शामिल हुए हैं. यहां तक कि मामला दर्ज करने में आनाकानी या फिर इसके लिए मना करने वाले अधिकारियों को भी जेल भेजा जा रहा है.

एनआर/एसके (एएफपी, एपी)